महासमुन्द

समस्या से जूझ रहे किसान हर दिन तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे
04-Nov-2022 2:50 PM
समस्या से जूझ रहे किसान हर दिन तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे

 महासमुंद जिले के लगभग हर उपार्जन केंद्र मेें 40 से 50 किसानों का रकबा शून्य दिखा रहा  

कई समितियों में बोहनी तक नहीं हो पाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 नवंबर।
खरीफ  विपणन वर्ष 2022-2023 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है। मगर इस बार सॉफ्टवेयर की समस्या से किसानों को परेशान कर दिया है। किसानों का रकबा शून्य दिखाने के कारण वे टोकन नहीं कटा पा रहे हैं। जिसकी वजह से उनके धान बेचने का वक्त भी गुजरता जा रहा है। समस्या से जूझ रहे किसान हर दिन तहसील कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में चरोदा समिति प्रभारी जयप्रकाश साहू, मामा भांचा समिति प्रभारी मनीष चंद्राकर, खोपली समिति प्रभारी देवेन्द्र पटेल, ओंकारबंध समिति प्रभारी गोपाल साहू से मिली जानकारी के मुताबिक महासमुंद जिले के लगभग हर उपार्जन केंद्र मेें 40 से 50 किसानों का रकबा शून्य दिखा रहा है। जिस लिहाज से जिले में 6 से 8 हजार किसान अपना रकबा सुधार के लिए तहसील कार्यालयों में भटकने मजबूर हैं। इससे पहले प्रशासन ने दावा किया था कि खरीदी के दिन तक सब कुछ अपडेट कर लिया गया है। मगर हुआ उसका उल्टा। 30 अक्टूबर तक सॉफ्टवेयर का आंकलन किया गया जिसमें सब कुछ सही पाया गया। पर अब किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर चूक कहां हुई। गौरतलब है कि इस साल महासमुंद जिले के 152 धान उपार्जन केंद्रों पर खरीदी हो रही है। जिले में इस चालू खरीफ वर्ष में 1 लाख 58 हजार 400 से ज्यादा किसानों से 86 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदी का लक्ष्य है। इस बार 8200 से ज्यादा नवीन किसानों ने पंजीयन कराया है। कल गुरूवार को खबर लिखे जाने तक जिले में 1209 किसानों से 39 हजार 337 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। हालात ऐसे हैं कि गुरूवार को भी कई समितियों में बोहनी तक नहीं हो पाई।

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