महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,6 नवंबर। आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास के आवेदन पर कार्रवाई करते हुए सूचना आयोग ने पंचायत सचिव ग्राम पंचायत बिलारी दौलतराम बर्मन को पच्चीस हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। कार्यालय ग्राम पंचायत बिलारी(ज) में सूचना का अधिकार के तहत आवेदन 10 अगस्त 2019 को लगाया गया था। समयावधि में सचिव ने सूचना दस्तावेज नहीं दिया तो आवेदक ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल में 28 नवम्बर 2019 प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया।
चुनाव कार्य संपादित होने के कारण प्रथम अपील की सुनवाई बिलंब से हुआ। प्रथम अपील सुनवाई में आवेदक को नि:शुल्क सूचना दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश प्रथम अपीलीय अधिकारी ने पारित किया था। प्रथम अपील पारित आदेश के बाबजूद सचिव दौलतराम बर्मन ने सूचना दस्तावेज आवेदक को प्रदाय नहीं किया। जिसके कारण आवेदक ने छग राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील 08 जून 2020 को पंजीकृत डाक से प्रेषित किया।
सूचना आयोग से नोटिस मिलने के बाद सचिव ने आवेदक को 26 अप्रैल 2022 को अप्रमाणित और अपूर्ण सूचना दस्तावेज पंजीकृत डाक से भेज दिया। इस पर आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने सूचना आयोग में आपत्ति किया। अपनी आपत्ति में विनोद ने लिखा कि सूचना का अधिकार आम नागरिकों का अधिकार है। जिसमें शासन की कार्यो ं को जानने का हक है। लेकिन जनसूचना अधिकारी अभी भी सूचना दस्तावेज को छुपाने और समयावधि नहीं दे रहे हंै। इसके अतिरिक्त जनसूचना अधिकारी के द्वारा मुख्यालय में निवास नहीं करना भी प्रमाणित हुआ है। ऐसे ही एक मामले में छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने सचिव दौलतराम बर्मन को 25 हजार रुपए का जुर्माना से दंडित कर उसके वेतन से वसूली करने का आदेश जारी किया है।
द्वितीय अपील की 13 अक्टूबर 2022 को सुनवाई में मुख्य सूचना आयुक्त एम.के.राउत ने पाया कि जनसूचना अधिकारी ने धारा 07(1) का पालन नहीं किया है। सूचना आयोग से कई बार नोटिस भेजने के बाबजूद जनसूचना अधिकारी ने लिखित कोई जबाब नहीं दिया है, और उपस्थित भी नहीं हुआ है। इस कारण धारा 20(1) के तहत 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया। उक्त जुर्माना राशि को सचिव दौलतराम बर्मन के वेतन से वसूल करके शासकीय कोष में जमा कराने का निर्देश सीईओ जनपद पंचायत कसडोल को किया गया है।
मालूम हो कि सचिव दौलतराम बर्मन का कार्यक्षेत्र ग्राम पंचायत बिलारी(ज) है। लेकिन वह मुख्यालय में नहीं रहता है। मुख्यालय से 08 किमी दूर अपने गांव खैरा में निवास करता है। जिस कारण से इस पंचायत का आवेदन और डाक इत्यादि को सरपंच स्वयं रख लेता था। मुख्य सूचना आयुक्त ने पाया कि जनसूचना अधिकारी के द्वारा शासकीय नियमों का उल्लंघन करके मुख्यालय से बाहर रहने के कारण ही नागरिकों को सूचना आवेदनों पर निर्धारित समयावधि में जानकारी नहीं मिलता है।