महासमुन्द

मुड़पहार से केंजुवा जाने पगडंडी का ही सहारा, आजादी के 76 वर्ष बाद भी नहीं बन पाया सडक़, निजी खेत बन रहा बाधक
06-Nov-2022 3:26 PM
मुड़पहार से केंजुवा जाने पगडंडी का ही सहारा, आजादी के 76 वर्ष बाद भी नहीं बन पाया सडक़, निजी खेत बन रहा बाधक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 6 नवंबर।
ग्राम केंजुवा के आश्रित ग्राम मुड़पहार वासियों को केजुंवा ग्राम पहुँचने सडक़ तक नहीं है,जबकि दोनों गांव की दूरी महज आधा किलोमीटर से भी कम है, केवल पगडंडी मार्ग के सहारे ही अभी तक ग्रामीण शॉर्टकट रास्ता से चलते आ रहे हैं, दोनों गांव के सडक़ को जोडऩे एक खेत बाधक बन रहा है, जिसमें आज तक राजस्व विभाग व पंचायत के द्वारा दोनों गांव की रास्ता को जोडऩे कोई पहल नहीं किया गया, खेत के मेड़ से ही लोग आवाजाही करते हैं, जहां जरा सा भी बैलेंस बिगड़ा तो गंभीर हादसा हो सकता है।

ग्राम पंचायत केंजुवा के आश्रित ग्राम मुड़पहार वासियों को दैनिक कार्य के लिए प्रतिदिन केजुआ आना पड़ता है, यहां तक की दर्जनों स्कूली बच्चे भी पगडंडी के सहारे की केजुंवा स्कूल पहुंचते हैं, इसके अलावा सैकड़ों ग्रामीणों का प्रतिदिन उक्त पगडंडी मार्ग में आवाजाही लगा रहता है, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते दोनों गांव की दूरी को कम करने बीच में मार्ग को जोडऩे बाधक बन रहे खेत में सडक़ बनाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है और आजादी के 76 वर्ष बाद भी शासन द्वारा एक पंचायत को उसके आश्रित तक नहीं जोड़ पाई।

आश्रित ग्राम जाने आज तक न तो कच्ची और न ही पक्की सडक़ दे पाई है, किसी तरह कम दूरी के चलते दोपहिया व पैदल चलने वाले राहगीर पगडंडी मार्ग का उपयोग कर आवाजाही करते हैं, लेकिन उन्हें भी उस पगडंडी युक्त मार्ग से हमेशा खतरा बना रहता है, क्योंकि पगडंडी मार्ग के एक ओर नहर और दूसरी ओर खेत है,मेड का मार्ग इतना संकरा है कि जरा सा वाहन चालक का बैलेंस बिगड़ा तो दो पहिया वाहन चालक खेत में या नहर में गिरेंगे, जिससे उन्हें जान-माल का भी खतरा है।

अगर इस मार्ग का उपयोग ना करें तो मुड़पहार वासियों को अपने ग्राम पंचायत केजुंवा व स्कूल जाने के लिए 8 से 10 घंटे अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ेगा. ग्रामीणों ने बताया कि इस पगडंडी युक्त मार्ग में नौसिखिये ,नशे की हालत में वाहन चलाने वाले कई बार दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं, नौसिखिया साइकिल चालक विद्यार्थी तो अधिकतर पैदल ही पगडंडी मार्ग को पार करते हैं, बरसात के दिनों में चार पहिया वाहन चालक की आवाजाही इस शॉटकट मार्ग में पूर्ण रूप से बंद हो जाती है, वे 10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर केजुंवां पहुंचते हैं दो पहिया वाहन चालक और पैदल यात्री ही इस मार्ग का उपयोग करते हैं।

मुड़पहार वासियों को राशन लेने करनी पड़ती है कड़ी मशक्कत
प्रतिमाह राशन कार्डधारी हितग्राहियों को राशन लेने केजुआ जाना पड़ता है, सभी कार्ड धारी हितग्राही इस शॉर्टकट पगडंडी मार्ग का ही सहारा लेते हैं,वजनी चावल को मेड से साइकिल,मोटरसाइकिल व पैदल पार करना किसी चुनौती से कम नहीं होता, लेकिन अन्य मार्ग ना होने कारण व पक्की मार्ग की दूरी 10 किलोमीटर अधिक होने के चलते किसी तरह चावल को हितग्राही पगडंडी मार्ग से ही बड़ी मशक्कत के साथ लाते हैं।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news