महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 नवंबर। भाजपा जिला अध्यक्ष व पूर्व संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस में व्याप्त असंतोष को दबाने के लिए कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर सहकारिता आंदोलन को खत्म कर रहे हैं।
एक तरफ केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के विकास के लिए सहकारिता मंत्रालय बनाया है तो दूसरी तरफ प्रदेश की भूपेश सरकार सहकारी समितियों का औचित्य ही दांव पर लगा रही है। सहकारी समितियों में नियम विरुद्ध प्रशासकों की नियुक्ति से सहकारिता आंदोलन दम तोड़ रहा है। चौधरी ने कहा कि सोसाइटियों को उनके कमीशन का पूरा पैसा नहीं मिलने के कारण समितियां अपने कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रही हैं और वहां के प्रबंधक व कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। सरकार ने इसका समाधान निकालने के बजाय उल्टे सदस्यों का मताधिकार छीनकर वहां अध्यक्ष बैठा दिए हैं। श्रीमती चौधरी ने सवाल उठया है कि सन् 2021.2022 में की गई धान खरीदी के कमीशन की राशि सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल की चेतावनी के चलते जारी कर दी गई किन्तु 2020.21 की सोसाइटियों के कमीशन की 40 प्रतिशत बकाया राशि अभी तक जारी क्यों नहीं की गई।