महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 नवंबर। पूर्व विधायक एवं भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक डॉ.विमल चोपड़़ा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि धान बिक्री में किसानों को भारी परेशानी हो रही है और प्रदेश सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है।
डॉ.चोपड़़ा ने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में किसान अपनी धान बेचने के लिए भटक रहे हैं, वह काफी चिंताजनक है। यह प्रदेश में पहली बार हो रहा है कि धान के कटोरा कहे जाने वाला छत्तीसगढ़ तथा उनके अन्नदाता किसानों को शासन-प्रशासन की अकर्मण्यता के चलते मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कसानों की हालत खस्ता हो गई है। कहीं पर किसानों के नाम धान पंजीयन पोर्टल में रकबा शून्य दिखा रही तो कहीं रकबे में नाम ही गलत है। कहीं बरदानों की कमी है। धान पंजीयन पोर्टल में भी सुधार कार्य तेज गति से नहीं हो रहा है।
किसान सरकारी कार्यालय से लेकर कलेक्टर तक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटक रहे हैं। किसानों को टोकन नहीं मिल रहा है। अपने आप को किसान हितैषी कहने वाली भूपेश बघेल सरकार हाथ में हाथ धरे बैठी है।
कलेक्टर, तहसीलदार के अलावा प्रशासनिक अमला सुस्त है। 1 दिन में मात्र 6.7 लोगों के ही रकबा सुधार हो रहा है। डा. चोपड़ा ने किसानों से अपील की है कि उनके संघर्ष की लडा़ई में हमेशा साथ रहेेंगे।