महासमुन्द

नेशनल लोक अदालत, महासमुंद के 22 खंडपीठों ने सुलझाए 13 सौ से अधिक लंबित मामले
13-Nov-2022 2:33 PM
नेशनल लोक अदालत, महासमुंद के 22 खंडपीठों ने सुलझाए 13 सौ से अधिक लंबित मामले

6 करोड़ 13 लाख 65 हज़ार रुपए राजीनामा राशि प्राप्त हुई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 13 नवंबर।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने जानकारी दी है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश भीष्म प्रसाद पाण्डेय के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के अधीन कल शनिवार 12 नवंबर को जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना स्थित सिविल न्यायालयों एवं राजस्व न्यायालयों में कुल 22 खण्डपीठों का गठन करनेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में 13 सौ से ज़्यादा लंबित मामलों का निराकरण किया गया। सुनवाई के  बाद सुलह-समझौता के आधार पर 6 करोड़ 13 लाख 65 हज़ार रुपए राजीनामा राशि प्राप्त हुई।

नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्रीलिटिगेशन मामले सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा  राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि. की धारा 138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथाविद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 क के तहत विद्युत चोरी के मामले, सिविल मामले भी नियत किये गये थे।

उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में कुल प्रीलिटिगेशन के 11 हजार 974 प्रकरणों में सुनवाई पश्चात् सुलह एवं समझौता के आधार पर कुल 6937 प्रकरणों का तथा न्यायालयों में लंबित सिविल वाद, दांडिक मामलों, मोटर दुर्घटना दावा इत्यादि के कुल 2031 मामलों में सुनवाई हुई। समझौता के आधार पर 1 हजार 318 मामलों का निराकरण किया गया और उनमें 6 करोड़ 13 लाख 65 हज़ार की राशि राजीनामा के आधार प्राप्त हुई। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासममुंद  अधिवक्ता एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।  

पांच साल से अनबन पति-पत्नी में सुलह
महासमुंद के सटे तुमगांव नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत में रहने वाले एक दंपत्ति विवाद के मामले में न्यायालय की समझाईश पर सुलह हु्आ है। इस मामले में पति-पत्नी दोनों पिछले पांच सालों से अलग रह रहे थे। उनकी शादी वर्ष 2007 में हुई थी। पूर्व पेशियों में न्यायालय ने उन्हें राजीनामा  हेतु समझाईश दी थी लेकिन उनमें कोई सहमति बनते दिखाई नहीं दे रही थी। किन्तु शनिवार को नेशनल लोक अदालत के अवसर पर उन्हें विशेष रूप से कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामजीवन देवांगन ने समझाईश दी तो दोनों ने आपसी सहमति से राजीनामा किया।

इस तरह पांच वर्षों से लंबित प्रकरण में लोक अदालत के माध्यम से समझाईश के आधार पर सुलझ गया।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news