महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरायपाली, 13 नवंबर। शासन की महत्वाकांक्षी योजना में से एक गोधन न्याय योजना के तहत प्रत्येक पंचायतों में गोठान का निर्माण किया गया है, कुछ पंचायतों को छोड़ अधिकांश पंचायतों के गोठानों में मवेशियों को रखने उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, यहां तक का कुछ पंचायतों के गोठान में मवेशियों के लिए पेयजल तक कि अभी तक व्यवस्था नहीं हो पाई है, कुछ इसी तरह का मामला ग्राम पंचायत राफेल के गोठान में सामने आया है जहां गोठान में पानी की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है और ना ही मवेशियों को रखने शेड का निर्माण पूर्ण हो पाया है।
खरीफ फसल को आवारा मवेशियों से बचाने शासन द्वारा सभी पंचायतों में गोठान का निर्माण करवाया गया है, कई पंचायतों में गोठान बनकर तैयार है, जहां मवेशियों के लिए भी चारा,पैरा व पानी, बैठने के लिए शेड की पर्याप्त सुविधा है। लेकिन कुछ पंचायतों में पंचायत सचिव व सरपंच की निष्क्रियता के चलते शासन की महत्वकांक्षी योजना को सफल बनाने विशेष पहल नहीं की जा रही है, ग्राम पंचायत राफेल के आश्रित ग्राम परेवा पाली मैं बने गोठान कई तरह की खामियां देखने को मिल रही है, मवेशियों के बैठने के लिए अभी तक शेड बनकर तैयार नहीं हुआ है, इसके अलावा गोठान में सबसे महत्वपूर्ण पानी की सुविधा अभी तक नहीं हो पाई है, अगर चरवाहा मवेशियों को गोठान लेकर जाते हैं तो उनके लिए न तो चारा,न बैठने के लिए शेड, नहीं पीने के लिए पानी की व्यवस्था है, लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद मवेशियों के लिये पेयजल का अभाव है, गोठान में सबसे पहले पानी की व्यवस्था की जाती है लेकिन शासन की योजना को लागू हुए कई महीने बीत जाने के बाद भी आज पर्यंत तक पानी की व्यवस्था नहीं की गई, ग्रामीण सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि गोठान में गोबर खरीदी भी नहीं होती, कुछ माह पूर्व गोबर खरीदी हुई थी उसके बाद से गोबर खरीदी बंद है, वही गोठान में बने ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन कक्ष में ताला लटका हुआ है और पंचायत द्वारा सामान रखकर स्टोर रूम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जबकि उक्त भवन का उपयोग कचरा रखने के लिए किया जाना चाहिए।
इस संबंध में उनका पक्ष जानने ग्राम पंचायत राफेल के सचिव महेश नायक से ‘छत्तीसगढ़’ ने संपर्क किया गया,लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।