धमतरी

कुरुद, 3 फरवरी। गुरूवार की शाम आसमान पर तैरती चमकिली लंबी आकृति को यहां के लोग नग्न आंखों से देख कौतूहल से भर गये। कुछ ने इस अद्भुत नजारे को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। इस घटना को देखने वाले अपने समझ के मुताबिक व्याख्या करते रहे। बाद में पता चला आकाश मार्ग से गुजरने वाली उस आकृति को विज्ञान की भाषा में धूमकेतु कहा जाता है।
ज्ञात हो कि सदियों से अंतरिक्ष में घटने वाली खगोलीय घटनाएं लोगों को रोमांचित करती रही है। कुछ ऐसा ही नजारा यहां के कई लोगों ने गुरुवार शाम अपनी आंखों से देखा। मनीष साहू, प्रमोद शर्मा, सौरभ चन्द्राकर,जमाल रिजवी, राहुल चन्द्राकर, रेखचंद लौतरे, भारत साहू, खुबलाल भोई आदि ने बताया कि आसमान में वायुयान, राकेट, तारों को टूटकर गिरते कई बार देखा है। लेकिन यह नजारा अपने जीवन में पहली बार देखा है। मध्यम रोशनी वाली ट्यूब लाइट जैसी आकृति करीब पांच मिनट तक नजर आई, फिर बादलों में कहीं समा गई।
बाद में इस घटना के बारे में कुछ जानकारों ने बताया कि नासा के वैज्ञानिकों ने इसके बारे में पहले ही बता दिया था कि हरे धूमकेतु (green comet) 2 फरवरी को सूर्य के सबसे नजदीक होगा। इसी दिन इसका सबसे साफ नजारा देखने को मिलेगा। हरे रंग की रोशनी और लाखों किलोमीटर लंबी चमकती पूंछ वाला यह धूमकेतु 50 हजार साल बाद लौटा है।
बिड़ला तारामंडल के पूर्व निदेशक संदीप भट्टाचार्य के मुताबिक इस धूमकेतु का पूरा नाम C/2022 E3 (ZTF) है। इसे 3 मार्च, 2022 को खोजा गया था। 2 फरवरी को यह धूमकेतु सौरमंडल से गुजरते समय पृथ्वी और मंगल की कक्षाओं के बीच दिखेगा। इसी दिन यह धूमकेतु सूर्य के सबसे करीब होगा। लाखों किलोमीटर लंबी गैस और धूल की पूंछ वाले इस धूमकेतु को देखन का यह सबसे अच्छा मौका होगा। पत्थर, धूल, बर्फ और गैस से बने धूमकेतु अन्य ग्रहों की तरह ही सूर्य की परिक्रमा करते हैं।