राजनांदगांव
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अप्रैल। अक्षय तृतीया पर्व व भगवान परशुराम की जयंती शनिवार को धूमधाम से मनाई गई। अक्षय तृतीया पर्व पर घर-घर में गुड्डे-गुडिय़ों का ब्याह कृत्रिम रूप से रचाने के लिए बच्चों में जहां उत्साह नजर आया और सुबह से ही गुड्डे-गुडिय़ों की शादी रचाने मंडप व अन्य तैयारियों में जुटे हुए थे। वहीं लोगों ने सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर भगवान परशुराम महोत्सव को लेकर तैयारी में जुटे हुए थे।
घर-आंगन में बच्चों ने परंपरानुसार गुड्डा-गुडिय़ों का विवाह रचाया। वहीं घर आंगन को फूल-पत्ते, डंगाल आदि से सजाए हुए थे और लोगों को गुड्डे-गुडिय़ों की शादी के लिए निमंत्रण भी दिए गए थे। यह पर्व शहर सहित ग्रामीण इलाकों के बच्चों ने धूमधाम व उत्साहपूर्वक मनाया।
इधर बच्चों के पालकों ने भी बच्चों द्वारा गुड्डे-गुडिय़ों की शादी रचाने की तैयारियों में उनका साथ भी दिया। वहीं बच्चों द्वारा गुड्डे-गुडिय़ों की शादी के लिए मंडप की साज-सजावट की थी और बच्चों के बीच से ही कोई घराती बना तो कोई बाराती बना और बाजे-गाजे के साथ बारात भी निकालकर बच्चे झूमते नजर आए।
इस आयोजन के लिए बच्चों ने अपने परिजनों व दोस्तों समेत अन्य लोगों को आमंत्रित भी किया था। इस आयोजन के लिए बच्चों ने गुड्डे-गुडिय़ों का पारंपरिक रूप से चुलमाटी, तेल हल्दी व बारात निकालकर फेरे भी लगवाए और परिजनों सहित अन्य लोगों को गुड्डे-गुडिय़ों के वैवाहिक आयोजन के लिए आमंत्रित किया गया था। वहीं बड़ी संख्या में बच्चों द्वारा गुड्डा का बारात भी निकाला गया। बारात सामाप्ति के पश्चात टिकावन का नियम कर लोगों को टिकावन के लिए आमंत्रित भी किए गए। इस आयोजन के लिए देर रात तक बच्चे गुड्डे-गुडिय़ों की शादी रचाने में व्यस्त रहे। सप्ताहभर पूर्व से ही बाजार में गुड्डा-गुडिय़ा बिक्री के लिए बाजार में पहुंच चुकी थी और अक्षय तृतीया पर्व पर इसकी मांग भी देर शाम तक बनी रही।