सूरजपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिश्रामपुर, 10 जून। जिला मुख्यालय सूरजपुर के नमदगिरी में सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा निर्मित कराए गए श्री शिव परशुराम मन्दिर का तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव गुरुवार को संपन्न हो गया। अंतिम दिवस मन्दिर में मूर्तियों की प्रतिष्ठा, हवन, आरती के बाद मन्दिर को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया गया। आज अंतिम दिवस के कार्यक्रम में सूरजपुर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी सँख्या में पहुँचे श्रद्धालुओं ने प्रभु के दर्शन कर विविध आयोजनों में अपनी सहभागिता दी। अंत में विशाल भंडारे के साथ जगराता का लोगों ने आनंद लिया।
ज्ञात हो कि श्री शिव परशुराम मन्दिर का तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव मंगलवार 6 जून को आरंभ हुआ था। प्रथम दिवस कलश यात्रा के साथ शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में पंचाग पूजन, आचार्य वरण, जप विधान सायं काल जलाधिवास दूसरे दिवस 7 जून बुधवार को वैदिक पूजन, अग्निस्थापन, अन्नाधिवास, पुष्पुपुष्पाधिवास, फलाधिवास, मिष्ठान एवं दर्ब्याधिवास, मूर्ति सनपनम, प्रशाद प्रतिष्ठा, प्रतिमा नगर भ्रमण शोभायात्रा, शय्याधीवास अंतिम दिवस गुरुवार को देव पूजन, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, पूजन,रुद्राभिषेक, हवन, आरती के बाद पुर्णाहुति विशाल भंडारे व दक्षिणा पश्चात ब्राह्मणों की विदाई के साथ आयोजन संपन्न हुआ। आयोजन में प्रधान आचार्य पं. बालकिशुन गर्ग के नेतृत्व में तीस से अधिक आचार्यों ने सहभागिता प्रदान की।
तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को सफल बनाने सर्व ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष मनोज अवस्थी की अगुवाई में समिति के पदाधिकारी व कार्यकर्ता पिछले दो माह से पूरे मनोयोग से जुटे थे। आयोजन में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए, इसके लिए अलग-अलग पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओ को जिम्मेदारी बांटी गई थी। समाज के युवा विंग के राजेश दुबे(बबलू महाराज) की अगुवाई में प्राण प्रतिष्ठा को भव्य बनाने युवा विंग के सदस्य सक्रिय रहकर आयोजन को सफल बनाया।
कलश यात्रा व शोभायात्रा रहे आकर्षण के केंद्र
प्रथम दिवस निकली भब्य कलश यात्रा में स्थानीय सहित आसपास गांव से बड़ी सँख्या में पहुँची माता बहनों ने कलशयात्रा में अपनी सहभागिता दी. बुधवार को निकली शोभायात्रा श्री शिव परशुराम मन्दिर से निकल शहर के विभिन्न मंदिरों से होते हुए मुख्य मार्ग शहर के मुख्य स्थलों से होते वापस मन्दिर पहुँची।
सशोभयात्रा में भजन कीर्तन घण्टा ध्वनि वैदिक मंत्रोच्चार आकर्षण के केंद्र रहे। शोभायात्रा का शहर में जगह जगह स्वागत किया गया।