रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 जुलाई। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति के साथ क्रूर मजाक करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जाये के बेरा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कलाकारों की सुध आई है। वे कलाकारों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि अपना मतलब निकालने के लिए कलाकारों को न्यौता दे रहे हैं। सब ढोंग है।
इस सरकार ने राजभाषा आयोग का अध्यक्ष तक नहीं बनाया। फिल्म आयोग का अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया। रायगढ़ में होने वाले चक्रधर समारोह पर ग्रहण लगा दिया। तीन साल से यह प्रसिद्ध समारोह नहीं हुआ। चौथे साल भी आसार नहीं हैं। कलाकारों के मानदेय में कटौती और भेदभाव चल रहा है। भाजपा सरकार द्वारा तय फिल्मसिटी की जमीन अन्य प्रयोजन के लिए दे दी। कोई सब्सिडी नहीं दी गई। अब तक फार्मेट तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री के बाहरी सलाहकार के भरोसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति छोड़ दी है। संस्कृति विभाग के संचालक वरिष्ठ कलाकारों का अपमान करते हुए कहते हैं कि यह तुम्हारे बाप का नहीं है।
पद्मश्री अलंकृत विभूतियों की, लोक कलाकारों की कोरोना काल में कोई मदद नहीं की। कई कलाकारों की मृत्यु हो गई। फिल्मसिटी बनाने का वादा भूल गए। फिल्मों को सब्सिडी सहित टेक्नालॉजी विकास तक एक कदम आगे नहीं बढ़े। छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के अवमूल्यन का अपराध कांग्रेस ने किया है।
भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक राजेश अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं लोककला को जीवित रखने के लिए ही स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृव में भाजपा ने छत्तीसगढ़ को अलग राज्य की पहचान दी थी।
भाजपा नेता पद्मश्री अनुज शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को विदाई की बेरा में कलाकारों की सुरता क्यों आई है, कलाकार इसे समझ रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने कलाकारों की सुध लेने की बजाय राजनीतिकरण कर दिया। वरिष्ठ कलाकार वंचित हैं।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के संवाहकों को छलने की सारी सीमाएं लाँघ चुकी है। उसी कड़ी में कांग्रेस ने हमारे लोक कलाकारों और साहित्यकारों को भी पेंशन न देकर छलने का काम किया है।