रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 जुलाई। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में स्थित कोरर एक दूरस्थ क्षेत्र है। यहां के बच्चों ने कभी नहीं सोचा था कि वो एक दिन अपना असंभव सा लगने वाला लक्ष्य पूरा करेंगे। कोरर की रहने वाली शालिनी कहती हैं -यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमर लक्ष्य योजना की शुरूआत नहीं की होती तो आज एनआईटी में पढऩे का उनका सपना कभी पूरा नहीं हो सकता था।
कहते हैं न प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती और न ही वह स्थान देखती है। वर्तमान परिवेश में प्रतिभायें पिछड़े एवं ग्रामीण ईलाकों से भी निकल रही है और अपना परिचय दे रही है। ऐसी ही कहानी है कांकेर जिले के कोरर की जहां की शालिनी औरेया का एनआईटी मैकेनिकल में चयन हुआ है।
शालिनी से बात करने पर उसने बताया कि उसके पिता कोरर में एक सामान्य चाय का ठेला चलाते है। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे लेकिन आर्थिक स्थिति इस काम में बाधा डाल रही थी। शालिनी ने बताया कि उसने 12वीं तक की पढ़ाई शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कोरर में ही पूरी की और उसे 88 प्रतिशत प्राप्त हुए। इसके बाद उसने जिला प्रशासन द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु संचालित ‘हमर लक्ष्य’ कोचिंग सेंटर में अपनी कोचिंग प्रारंभ की। शालिनी की इस सफलता को प्रोत्साहित करते हुए जिला प्रशासन ने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है।