रायपुर

मानसून सत्र शुरू, भसीन-भानु प्रताप को श्रद्धांजलि के बाद कार्रवाई स्थगित
18-Jul-2023 3:56 PM
मानसून सत्र शुरू, भसीन-भानु प्रताप  को श्रद्धांजलि के बाद कार्रवाई स्थगित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मंगलवार को दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई। सीटिंग विधायक विद्यारतन भसीन और अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री भानुप्रताप सिंह को स्पीकर डॉ. चरणदास महंत  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के साथ सदस्यों ने याद किया।इसके साथ ही सदन की पहले दिन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर ने निधन उल्लेख किया।  दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विद्यारतन भसीन मिलनसार व्यक्ति थे।दलगत भावना से ऊपर उठाकर सभी से उनका अच्छा संबंध था। उनका स्वास्थ्य खराब था तो मैं उनसे मिलने गया था। इतनी बड़ी बीमारी के बाद भी उन्होंने जताया नहीं। कठिन समय में ऐसा व्यवहार करना महत्वपूर्ण है। वहीं भानुप्रताप सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि राजा चक्रधर के छोटे भाई थे। समाज सेवा में वो सक्रिय रहे।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि विद्यारतन की अंत्येष्टि में हम सब गये थे। वो बहुत विनम्र व्यक्ति थे। दो बार विधायक रहकर उन्होंने जनता की सेवा की। इतनी बड़ी बीमारी को उन्होंने छिपाकर रखा। वहीं भानुप्रताप सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि वे रायगढ़ राजघराने से थे। यह राजघराना संगीत के लिए जाना जाता था। उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए लड़ाई लड़ी।

पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने कहा कि जब विद्यारतन भसीन का इलाज चल रहा था, मैं उनके चिकित्सको के संपर्क में था। अपनी बीमारी के बावजूद उन्होंने कभी भी विधानसभा आना नहीं छोड़ा। 13 ओर 18 में दो बार वैशालीनगर विधानसभा जीतकर आये।मैं उन्हें नमन करता हूं।भानुप्रताप सिंह ने मंत्री की हैसियत से कार्य किया।सामाजिक क्षेत्र में भी लगातार उन्होंने कार्य किए. में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। 

अजय चंद्राकर ने कहा कि हमने अपने बड़े भाई को खोया है। वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक विचारधारा के प्रति पूरा परिवार समर्पित रहा।वर्तमान विधायक का चला जाना दुखद है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि भसीन जी का पार्टी के प्रति हमेशा समर्पण का भाव रहा. पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्यों के प्रति उनके मन में सम्मान का भाव था?।अजाजजा मंत्री मोहन मरकाम ने कहा कि विद्याचरण भसीन मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के थे। वे 2013 से हमारे साथ विधायक रहे हैं. उनका जाना हमारे लिए अपूर्ण क्षति है। डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि विद्यारतन भसीन की सरलता की वजह से उनके क्षेत्र भी काफी पसंद करते थे। उनके क्षेत्र के लोगों को काफी दुख पहुंचा है. भानुप्रताप ने भी छत्तीसगढ़ में साहित्य की छाप छोड़ी है।इसके बाद सदन ने दो मिनट का मौन रख श्रध्दांजलि दी।

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