रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई। कांग्रेस सरकार के खिलाफ विधानसभा तक आरक्षित वर्ग के युवाओं के पूर्णत:नग्न प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए सीएम भूपेश बघेल ने विस स्थित कक्ष में बैठक लेकर समीक्षा की। इस मामले में उन्होंने आईजी रायपुर अजय यादव, एसएसपी प्रशांत अग्रवाल को तलब कर पूरी जानकारी ली। वे इस बात से नाराजगी व्यक्त कर रहे थे सारे इंटेलिजेंस को फेल कर युवकों ने देश में ऐसा पहला प्रदर्शन किया। बता दे कि शहर पुलिस इन दिनों महीने भर के नशामुक्ति अभियान हैलो जिंदगी में व्यस्त है। चोर लुटेरे उठाईगीर अपना हाथ साफ कर रहे हैं और प्रदर्शनकारियों की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की रणनीति भी पता नहीं चल पा रही है। नग्न प्रदर्शन कर रहे युवक एससी-एसटी वर्ग के हैं। वे फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर करीब 267 लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं। तीन वर्ष पहले ही उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी हो चुका है, लेकिन अब तक वे नौकरी में जमे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि इससे पहले कई बार आंदोलन कर चुके हैं। आमरण अनशन तक कर चुके हैं, लेकिन सरकार फर्जी जाति प्रमाण पत्र वालों को नौकरी से बाहर नहीं कर रही है। ऐसे में विवश होकर नग्न प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
एक दिन पहले ही दी थी चेतावनी
बताया जा रहा है कि एससी-एसटी वर्ग के युवकों ने एक ही दिन पहले ही नग्न प्रदर्शन करते हुए विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दे दी थी। इसके बाद से ही संगठन से जुड़े लोगों की धरपकड़ करती रही। रातभर में कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया इसके बावजूद दर्जनभर युवक नग्न प्रदर्शन करने निकल पड़े। अब पुलिस उन्हें भी पकड़ लिया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि नग्न प्रदर्शन करने वाले युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
दूसरी ओर, विपक्ष ने घेरा है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली घटना। सरकार के खिलाफ आक्रोश चरम स्तर को पार कर चुका है। सरकार को गए 5 साल हो गए हैं, अनियमितता थी तो इन्होंने ठीक क्यों नहीं किया। कांग्रेस सरकार कबतक राग अलापती रहेगी। आज का दृश्य दुखद है सरकार की अपार असफलता का प्रमाण है।