रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। कांग्रेस प्रवेश के बाद औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष बने नंदकुमार साय ने अपने पूर्व निज सचिव वीरेंद्र जायसवाल को लेकर किसी भी तरह का पत्र नहीं लिखा है । कुछ दिन पहले आयी एक खबर को लेकर बड़ी जानकारी मिली हैं। पुराने लेटर का नंदकुमार साय ने शुद्धि पत्र जारी किया हैं। उन्होंने, जायसवाल के आचरण को उत्तम बताया है।
हालांकि जायसवाल ने 15 जुलाई को दैनिक ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा मेंं कहा था कि पत्र में साय जी नहीं उनके निज सहायक के हस्ताक्षर हैं। यानी साय जी का यह पत्र अब दो निज सहायक, सचिव के बीच उलझ गया है।
दरअसल, कुछ दिन पहले औद्योगिक विकास निगम के ऑफिसियल लेटर जारी करके साय के निज सचिव वीरेंद्र जायसवाल के संदिग्ध कृत्य की जांच और कार्रवाई की बात कही गयी थी। प्रदेश भर के समस्त कलेक्टर ,एसपी और प्रशासनिक अधिकारियों को लेटर जारी कर वीरेंद्र जायसवाल के संदिग्ध कृत्य की जांच करने की मांग की गई थी लेकिन 3 दिन बाद याने बुधवार को नंदकुमार साय ने एक शुद्धि पत्र जारी करके पूर्व के लेटर को निराधार बता दिया।
बुधवार को जारी शुद्धि पत्र में नंदकुमार साय ने लिखा है कि वीरेंद्र कुमार जायसवाल जो कि पूर्व में मेरे राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के अध्यक्ष के कार्यकाल से मेरे औद्योगिक विकास निगम छ0ग0 राज्य के अध्यक्ष पदभार ग्रहण के पूर्व तक मेरे निज सहायक के रूप में पदस्थ थे। उपरोक्त विषयांतर्गत लेख है कि मेरे औद्योगिक विकास निगम छ0ग0 राज्य के अध्यक्ष पदभार ग्रहण के पूर्व 28 जून 23 को मेरे राजनीतिक सलाहकार दीपक मिश्रा की उपस्थिति में अपने निजी कार्यों की अधिकता का हवाला देकर वीरेंद्र कुमार जायसवाल द्वारा आगे कार्यालयीन रूप से निजी सचिव का कार्य करने में असमर्थता जाहिर कर किसी अन्य व्यक्ति को पदस्थ करने निवेदन किया गया था, जिसके फलस्वरूप मेरे द्वारा वर्तमान में अपना नया निज सहायक एवं विशेष सहायक नियुक्त भी कर लिया है।
विदित किया जाता है कि 14 जुलाई 23 को जारी पत्र द्वारा वीरेंद्र कुमार जायसवाल को आरोपित संदिग्ध आचरण, अनुचित व्यवहार एवं संदिग्ध कार्यशैली के संदर्भ में जारी पत्र निराधार है, मेरे द्वारा ऐसे किसी पत्र का अनुमोदन नहीं किया गया है।