महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 जुलाई। पूर्व विधायक एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ.विमल चोपड़ा, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के एक दल ने कल मेडिकल कॉलेज महासमुंद में केन्द्र सरकार की योजना अन्तर्गत संचालित डायलिसिस सेंटर का निरीक्षण किया।
वहां पहुंचे गुर्दा (किडनी) रोग से पीडि़तों ने बताया कि डायलिसिस का सामान पहले जो नि: शुल्क मिलता था, अब खरीदकर लाना पड़ रहा है। डॉ.चोपड़ा एवं दल के साथियों ने इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ.बसंत माहेश्वरी से उनके कक्ष में चर्चा की। यहां पता चला कि राज्य शासन ने ठेकेदार को भुगतान न किया है। यही वजह है कि कुछ दिनों के लिए ऐसी समस्या आर्यी थीं। लेकिन अब इसका निराकरण राज्य शासन द्वारा भुगतान करके कर दिया गया है।
डॉ. चोपड़ा के मुताबिक मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल की डायलिसिस की चार मशीनों में से एक मशीन काफी लम्बे समय से खराब पड़ी है जिसे सुधार कर शीघ्र प्रारंभ करने कहा गया है। चर्चा के पश्चात डायलिसिस सेंटर के इंचार्ज डॉ. अजमानी के साथ सेंटर का निरीक्षण किया एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे मरीजों से चर्चा की।
अस्पताल अधिक्षक डॉ.महेश्वरी ने चर्चा के दौरान डॉ. चोपड़ा को बताया कि क्रिटिकल केयर सेंटर के 50 बेड भवन हेतु केन्द्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपए भेजे गये हंै। प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है परंतु शासन स्तर पर यह कार्य रुका है। इस क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण से महासमुंद जिले एवं ओडिशा की जनता को काफी लाभ मिलेगा। मेडिकल कॉलेज एवं उसके अस्पताल भवन के निर्माण न होने तक जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की सुविधओं के विस्तार हेतु केन्द्र शासन से मिले 60 करोड़ रुपए पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है।