मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चिरमिरी, 21 जुलाई। एसईसीएल कोयालंचल शहर चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के निवासियों को उनके वर्षो पुराने घरों एवं दुकानों का मालिकाना हक दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत रहने वाले नेता पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी ने एमसीबी जिले के कलेक्टर नरेन्द्र दुग्गा से मुलाकात कर, अपने शहर के स्थायित्व के लिए एक लम्बे एवं योजनाबद्ध योजना के तहत अपने कार्यक्रम को आज भी जारी रखा है।
इस क्रम में उन्होंने राज्य शासन को एसईसीएल के कोयला निकाल चुके अनुपयोगी जमीनों को चिन्हित कर, शासन को वापिस कराने के संबंध में सहमत कराते हुए, निर्देश जारी करवाया है। अपने महापौर कार्यकाल के दौरान उन्होंने तत्कालीन रमन सरकार से सरगुजा विकास प्राधिकरण में इस विषय पर, अपने शहर की ओर से अपना पक्ष रखते हुए, पट्टा दिलाने की मांग रखी थी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर, अग्रिम कार्रवाई हेतु संभाग आयुक्त की अध्यक्षता में समिति बनाकर, उचित कार्रवाई का निर्देश दिया था। जिसे बाद में भूपेश सरकार ने भी आगे बढ़ते हुए जन- सरोकार वाले इस निर्णय को मूर्तरूप देने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। किन्तु कतिपय स्थानीय नेताओं एवं समय के साथ बार - बार बदल रहे अधिकारियों के सुस्त रवैय्ये एवं रुचि न लेने के कारण यह मामला कागजों में ही सिमट के रहा गया था। जिस पर अब फिर से पूर्व महापौर ने मोर्चा संभालते हुए प्रशासन से बातचीत कर, अपने जनता को उनका हक दिलाने के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने का निर्णय लिया है।
श्री रेड्डी ने मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के नव पदस्थ कलेक्टर नरेन्द्र दुग्गा से मुलाकात कर उन्हें पिछले नव सालों से चलाए इस अभियान के संबंध में याद दिलाया कि सरगुजा क्षेत्र एवं आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक दिनांक 03 जून 2019 के कार्रवाई विवरण पर कियान्वयन करते हुए, आयुक्त सरगुजा सम्भाग को उनके पत्रों पर पालन प्रतिवेदन भेजे जाने हेतु अनुरोध के साथ कहा है कि सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकारी की बैठक दिनांक 03 जून 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एसईसीएल के अधीन अनुपयोगी जमीनों को छत्तीसगढ़ शासन को वापस कराने हेतु पुन: निर्देशित किया गया है, जिसका कार्रवाई विवरण आयुक्त कार्यालय (प्राधिकरण प्रकोष्ठ) के पत्र क्रमांक- 1613/सविप्रा / 2019-20 अम्बिकापुर दि0 19 जून 2019 के तहत कलेक्टर कोरिया को भेजा गया है। जिसका पालन प्रतिवेदन कलेक्टर कोरिया कार्यालय से आज दिनांक तक भेजा नहीं जा सका है। जबकि चिरमिरी एसईसीएल ने अपने लीज की 294 हेक्टेयर जमीन चिन्हित कर वापसी के लिए कलेक्टर कार्यालय को प्रस्ताव भेज चुका है, जो जिला स्तर पर लम्बित है।
पूर्व महापौर ने एमसीबी कलेक्टर श्री दुग्गा को दस्तावेजों के साथ आग्रहपूर्वक मांग किया है कि इस सम्बंध में विशेष टास्क फोर्स बनाकर, रुके हुए कार्रवाई को आगे बढ़ाएं, क्योंकि ये राजनीति का मुद्दा नहीं बल्कि चिरमिरी एवं चिरमिरी जैसे दूसरे शहरों के अस्तित्व और पलायन का एक गम्भीर मुद्दा है, जिसे समय रहते हल निकाला जाना आवश्यक है।