बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 जुलाई। घायल युवक की अस्पताल में मौत हो जाने पर उनके परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच जबरदस्त मारपीट हो गई। हालत इस तरह से बिगड़ गई कि कई थानेदार स्थिति संभालने के लिए वहां पहुंच गए।
मस्तूरी के बकरकुदा गांव के निशु बर्मन (25 वर्ष) को सडक़ दुर्घटना में घायल होने पर बिलासपुर के तोरवा चौक स्थित स्वास्तिक हॉस्पिटल में लाया गया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने पैसे जमा किए बिना इलाज करने से बना कर दिया, जबकि परिजन कहते रहे कि युवक की स्थिति गंभीर है, इलाज शुरू करें, वे पैसे लाकर जमा कर रहे हैं। इसी दौरान घायल युवक की मौत हो गई। इससे माहौल बिगड़ गया। डॉक्टरों और स्टाफ पर इलाज में देरी का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल के कर्मचारी भी भिड़ गए और उन्होंने मृतक निशु के चाचा से मारपीट कर दी। ज्यादा चोट आने पर उन्हें दूसरे अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया है। इधर प्रबंधन के खिलाफ परिजनों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचित कर मदद मांगी। अस्पताल में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एडिशनल एसपी राजेंद्र जयसवाल सहित तोरवा, सिटी कोतवाली, सिविल लाइन सरकंडा और तारबाहर के थानेदार पहुंच गए। साथ ही वहां पुलिस बल लगा दिया गया। देर रात तक हंगामा चलने के बाद माहौल शांत हुआ, जब पुलिस ने अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आश्वासन दिया। परिजनों की मांग है कि मृतक निशु के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए और मारपीट करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया जाए।