महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 अगस्त। ब्रिज को टूटने से बचाने तथा हादसों को देखते हुए शहर के छात्र-छात्राओं ने एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक स्मार्ट सेफ्टी डिवाइस तैयार किया है, जिससे पुल पर अनावश्यक भीड़ को रोका जा सकता है। साथ ही ब्रिज टूटने से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट का उपयोग ओवरब्रिज, पर्यटन स्थलों,तथा ब्रिज पर क्षमता से अधिक भीड़ जमा हो जाने पर किया जा सकता है।
इस डिवाइस को बाने वाले बच्चों के मुताबिक अक्सर ब्रिज पर से बड़ी वाहनें गुजरती हैं। साथ ही मेला आदि के दौरान ओवर ब्रिज, पर्यटन स्थानों पर ब्रिज पर क्षमता से अधिक भीड़ जमा हो जाती है। भीड़ वाले स्थानों पर सफलता पूर्वक इसका उपयोग करने से लोगों को परेशानियों जा बचाया जा सकेगा। आशी बाई गोलछा विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा निर्मित इस स्मार्ट सेफ्टी डिवाइस का राज्य स्तरीय अटल लैब में एटीएल इनोवेशन के तहत बिलासपुर में 7 अगस्त को प्रदर्शन किया जाएगा।
अटल टिंकरिंग लैब के प्रभारी चंद्रशेखर मिथिलेश ने बताया कि यह प्रोजेक्ट खासतौर पर पर्यटन स्थानों पर बने ब्रिज को सुरक्षित करने के लिए बनाया गया है। प्रोजेक्ट में 4 आईआर सेंसर, दो सर्वो मोटर, 16 बाई 2 का एलसीडी डिस्पले,आर्डयूनो यूनो बृज के लिए प्रोग्रामिंग की गई है। ब्रिज में आने-जाने के लिए दो गेट हैं। प्रत्येक गेट पर आने वालों के लिए दो सेंसर लगे हैं। जैसे ही ब्रिज में आने वालों की संख्या नियत संख्या से अधिक हो जाती है तो गेट पर लगी बैरियर अपने आप बंद हो जाती है और ओवरलोड का संदेश स्क्रीन पर दिखाई देता है। जब तक ओवरलोड को कम नहीं किया जाता। अर्थात अतिरिक्त व्यक्ति तथा वाहनें ब्रिज के बाहर नहीं हो जाते तब तक गेट बंद रहता है और जैसे ही ओवरलोड हटता है तो गेट अपने आप खुल जाता है।
इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए सबसे पहले कक्षा दसवीं के छात्र युवराज देवांगन के मन में विचार आया। दरअसल युवराज किसी मेले में घूमने गए थे। जहां ब्रिज पर बड़ी संख्या में लोग आ जा रहे थे। जिससे ब्रिज असुरक्षित लग रहा था। बाद युवराज ने इसे लैब प्रभारी मिथलेश को बताया तथा इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया। जो अब तैयार है। युवराज के साथ दसवीं की छात्रा अमीना अली, युवराज साहू तथा कक्षा 11वीं की छात्रा चंचल साहू ने संयुक्त रूप से इसका निर्माण किया।
इसे बनाने वाले बच्चों का कहना है कि कोई एम्बुलेंस मरीज लेकर जा रहा हो, और उसे भीड़ का सामना करना पड़ रहा हो, वाहनों की भीड़ की वजह से ब्रिज टूटने की नौबत पर हो, तो इससे बचने की यह प्रोजेक्ट तैयार किया है।
यदि शासन इस प्रोजेक्ट पर विचार करती है तो देश के ब्रिजों की आयु लंबी हो जाएगी। प्राचार्य जीआर सिन्हा के मार्गदर्शन में बच्चे 7 अगस्त को राज्य स्तर पर इस चलित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन करेंगे। मालूम हो कि पूर्व में भी यहां के छात्र-छात्राओं ने अनेक मिशन पर काम किया है। जिस पर उन्हें राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।