महासमुन्द

मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा-भंसाली
10-Sep-2023 3:01 PM
मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा-भंसाली

यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया जा रहा,उसी रूट पर मालवाहक धड़ल्ले से चल रही, विरोध में 13 को रेल रोको आंदोलन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,10 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे जनता का भरोसेमंद सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था। जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडयंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। यात्री ट्रेनों को महीनों, हफ्तों बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। महीनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की या सुविधाएं इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है।

श्री भंसाली ने कहा कि यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है। कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर, कभी कोई और का बता कर यह विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि लोग रेलवे से ऊब जाए और रेल को भी मोदी अपने उद्योगपति मित्र अडानी के हवाले कर सके।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकारें घाटा उठा कर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रहीं। लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ  मालवाहक बनाना चाहती है ताकि बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके।

ऐसा इसलिये कि यात्री ट्रेनों की अपेक्षाकृत माल भाड़े में रेलवे को 300 से 400 प्रतिशत ज्यादा मुनाफा मिलता है। इसीलिए पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया।

उन्होंने बताया कि आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें, वर्ष 021 में 32151 ट्रेनें, वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें निरस्त की गईं। वर्ष 2023 में अप्रैल माह तक 208 ट्रेनें निरस्त की गईं हैं। वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम तक रद्द की गयी है।

छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें येन मौके पर कैंसिल कर दी जाती है। रक्षाबंधन, दीवाली, शीतकालीन, शादी ब्याह के समय 22 ट्रेनें निरस्त की गयी। इनका कहना है कि बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ है यहां से केवल माल भाड़े से केंद्र की मोदी सरकार 20  हजार से 22 हजार करोड़ रुपए हर साल कमाती है। रेलवे मालाभाड़ा से 2020 की तुलना में 2021.22 में 35 प्रतिशत से अधिक वृद्धि छतीसगढ़ के बिलासपुर जोन से केंद्र सरकार को शुद्ध कमाई हुई है। लेकिन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत साल से मोदी राज में छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को केंद्र की उपेक्षा ही मिली है।

      पूर्ववर्ती सरकार में रेल नागरिकों की सुविधा के लिये चलती थी। मोदी सरकार कमाने के लिये जनता को लूटने के लिये इस्तेमाल कर रही है। विकलांग छात्रों की सुविधायें हटा दी। रेलवे स्टेशन पर टिकिट बिकी बंद कर टिकिट के दाम बढ़ा दिया। भाजपा और केंद्र दावा करता है कि मेन्टेनेंस के कारण ट्रेन लेट होती है। ट्रेन मेन्टेनेस के कारण ट्रेनों को लेट किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रैक पर मालगाडिय़ों का परिचालन कैसे किया जा रहा है। न सिर्फ  मालगाडिय़ों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दोगुनी भी कर दी गयी है। सवारी ट्रेनों से 50 गुना ज्यादा वजन लेकर मालगाडिय़ां चल रही हैं। अत: रेलवे सुविधाओं की बहाली और रेल को बंद करने को केंद्र सरकार के साजिश के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है जिसके तहत 9 से 13 सितंबर को चरणबद्ध विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 9 सितंबर को प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में पत्रकारवार्ता के बाद आपन सौंपा गया है। आज 10 व कल 11 एवं 12 सितंबर को पाम्पलेट पोस्टर वितरण एवं चस्पा कार्यक्रम होगा। यदि केंद्र सरकार नहीं मानी तो 13 सितंबर को प्रदेश के समस्त रेलवे स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन किया जायेगा। पत्रकार वार्ता के दौरान नितिन भंसाली प्रदेश प्रवक्ता के साथ जिलाध्यक्ष डा. रश्मि चंद्राकर, खिलावन साहू आदि उपस्थित थे।

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