महासमुन्द
सरकारी जमीन पर सरपंच द्वारा दुकान बनाकर बेचने का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 11 सितंबर। लाखागढ़ पंचायत में सरकारी भूमि पर सरपंच द्वारा अपने खर्च पर दुकान बना कर बेचने का मामला चर्चा में है। वहीं प्राथमिक शाला की बाउंड्री में बन रही 8 दुकानों को पंचायत सचिव द्वारा आरटीआई में दिए गए अपने जवाब में अवैध बताया है।
ज्ञात हो कि स्कूल में अवैध कब्जा कर सरपंच द्वारा दुकानें बनाने एवं उसे बेचने का आरोप लाखागढ़ के बेदराम कोसरिया सहित ग्राम के युवाओं ने लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। लाखागढ़ ग्राम पंचायत के पूर्व उपसरपंच बेदराम कोसरिया, कोमल कोसरिया सहित अनेक युवाओं ने कलेक्टर महासमुन्द से शिकायत की थी कि सरपंच द्वारा ग्राम के स्कूल में ही अवैध कब्जा कर वहां 8 दुकानें बना कर बेची जा रही है। इस सम्बंध में बेदराम द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी।
जिस पर ग्राम पंचायत के जन सूचना अधिकारी एवं सचिव रामावतार ध्रुव ने लिखित जानकारी देते हुए बताया है कि उक्त भूमि प ह न 10 रा नि म पिथौरा, के शा प्राथ शाला की भूमि खसरा न 40 रकबा 0ज्60 हे पर दुकान निर्माण कार्य वर्तमान में जारी है। उक्त निर्माण कार्य हेतु शासन प्रशासन से कोई स्वीकृति प्राप्त नही हुई है।, उक्त निर्माण हेतु शासन प्रशासन से कोई मद प्राप्त नही हुआ है।उक्त निर्माण कार्य की प्रसाशनिक स्वीकृति नहीं होने के कारण कोई कार्य एजेंसी भी नही है। इस कारण ग्रान पंचायत में उक्त निर्माण के सम्बन्ध में कोई दस्तावेज भी उपलब्ध नही है। ज्ञात हो कि ग्रामीणों द्वारा उक्त निर्माण को सरपंच द्वारा दुकान निर्माण कर बेचने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत तहसीलदार से कलेक्टर तक की गई थी जिस पर तहसीलदार द्वारा स्थगन भी दिया गया था।
इसके बावजूद सभी दुकानों की छत ढलाई कार्य पूर्ण हो चुका है। ग्रामीणों के अनुसार अभी भी स्थगन को दरकिनार कर निर्माण कार्य किया गया है। पटवारी रिपोर्ट में बीपीएल कार्डधारी घर बनवा रहा इधर, उक्त मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी मिली है। शिकायत कर्ताओं के अनुसार तहसीलदार के निर्देश पर मौका मुआयना में पटवारी द्वारा दुकानों को घर निर्माण बताया है, जबकि निर्माणकर्ता सरपंच के छोटे भाई सोमेश्वर कोसरिया को बताया गया है। ज्ञात हो कि सोमेश्वर के नाम से बीपीएल कार्ड भी है।