रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 अक्टूबर। विश्व स्पाइन दिवस पर, डॉ. वेंकटेश दासारी, सलाहकार स्पाइन विशेषज्ञ, ने सप्तगिरी अस्पताल, मंदिर हसौद, रायपुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में चिकित्सा छात्र, चिकित्सा कर्मचारी, और अन्य प्रैक्टीशनर्स शामिल थे। उन्हें स्पाइन की पथोलॉजी के मूल सिद्धांतों, उनके निदान और उपचार की विधि बताई।
डॉ. दासारी ने बताया कि जीवनशैली में फिजिकल ऐक्टिविटीज़ कि कम होना (उदाहरण स्वरूप - वर्क फ्रॉम होम), पोषण की कमी, और धूम्रपान, वेपिंग (खासकर युवा जनसंख्या में) जैसी हानिकारक आदतों के कारण, हाल समय में स्पाइन की पथोलॉजियों के मामलों में वृद्धि दिखाई देती है।
डॉ. दासारी मानते हैं कि स्पाइन की अधिकांश तकलीफ़ों का सही मार्गदर्शन, पॉस्चर करेक्शन, जीवनशैली में परिवर्तन, और दवाओं के सही उपयोग के माध्यम से इलाज किया जा सकता है, और बहुमत को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है, या फिर एमआरआई की भी।
यदि दवाओं से संतोषजनक राहत नहीं मिलती है, तो स्पाइनल ब्लॉक्स जैसे आधुनिक तरीके से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
आधुनिक सर्जिकल तकनीक के साथ, छोटे इनसिशन की आवश्यकता होती है, रिकवरी का समय कम होता है, और बेहतर परिणाम होते है। इन कारणों से स्पाइन सर्जरी अब उन मामलों के लिए एक सुरक्षित और अच्छा विकल्प बन गई है जिनमें ऑपरेशन की आवश्यकता होती है।