महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 मई। सब्सिडी वाले लोन का लाभार्थी बनाने के नाम पर एक लाख सत्तर हजार रुपए की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस में शिकायत करते हुए पीडि़त ने जांच कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में पुलिस ने भादवि की धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में ले लिया है।
उपरोक्त मामला समीपस्थ ग्राम मनबाय निवासी प्रकाश पिता कमल कुर्रे से संबंधित है। प्रकाश का परिवार पिछले 15 साल से मनबाय में रहता है। अपनी शिकायत में उसने पुलिस को बताया है कि 5 अप्रैल को एक मिस कॉल आया। देख कर नम्बर वाले से बात करने पर उसने अपना नाम आकाश पांडे कृषि विभाग बीज निगम रायुपर ऑफिस का कर्मचारी बताया। उसने ग्राम पंचायत मोंगरा सरपंच या फिर सांसद का नम्बर पूछा। मैंने अनभिज्ञता व्यक्त की और उत्सुकतावश उनसे क्या काम है पूछा।
इस पर उसने बताया कि बीते 12 अप्रैल को महासमुंद में सब्सिडी वाले ट्रैक्टर बांटना है। सांसद जी अपने पहचान वाले हैं, जिसको देना है, वे ही बताएंगे। उसने बताया कि एक मुर्गी पालन का लोन भी है। सभी में 50 प्रतिशत की सब्सिडी है। बातचीत आगे बढ़ी तो उसने बताया कि यदि तुम्हारे पास जमीन है तो तुमको भी इसका फायदा दिला देते हैं। इसके बाद मैं उसके चक्कर में आ गया। इस मामले में प्रकरण के डाक्यूमेंट आदि उसे दिये, उसके बाद उसने मुर्गी पालन की 50 प्रतिशत सब्सिडी योजना हेतु एक लाख एवं ट्रैक्टर योजना हेतु 80 हजार रुपए की मांग की।
प्रकाश ने बताया-इस पर मैंने 5 अप्रैल को 20 हजार रुपए फ ोन पे के माध्यम से और 50 हजार रुपए इंडियन ओवरसीज बैंक के अपने खाते से आरटीजीएस के माध्यम से भेजा। वहीं एक लाख रुपए चांपा ब्रांच में भेजा। उक्त राशि अधिकारियों को देने के नाम पर उसने ली। उसके बाद प्रकाश से उसकी फोन पर लगातार बातचीत होती रही। उसने मुझसे कहा कि 12 अप्रैल को तुम्हे ट्रैक्टर मिल जाएगा।
प्रकाश ने बताया कि अप्रैल तक वह मेरी टच में रहा और कहा कि हमारे पास ऐसी और रिक्वायरमेंट है कोई कस्टमर है तो बताओ। इस पर मैंने कहा कि पहले मेरा मामला फायनल हो जाये फिर देखूंगा। उसके बाद उक्त व्यक्ति का मोबाइल बंद हो गया। कई बार कोशिश की, लेकिन दुबारा उससे बात नहीं हुयी। तब समझ में आया कि मैं ठगी का शिकार हो गया। बहरहाल इस मामले को पुलिस ने विवेचना में ले लिया है।