महासमुन्द

समोदा जलाशय से महासमुंद के 48 गांवों तक पहुंचेगा महानदी का पानी
06-May-2024 2:53 PM
समोदा जलाशय से महासमुंद के 48 गांवों तक पहुंचेगा महानदी का पानी

67 करोड़ लागत से इंटेकवेल, डब्ल्यूटीपी, 3 एमबीआर निर्माण जारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,6 मई। जिले के 48 गांवों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए समोदा-अछोला समूह जल प्रदाय योजना बड़ी तेजी से आकार ले रही है। इंटेकवेल, पाइप लाइन, 3 बड़ी टंकियों, एमबीआर, का निर्माण कार्य प्रगति पर है। सिरपुर जोन में 4 किमी. पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। ड्राइंग डिजाइन का एप्रुवल भी आ गया है। इसके बाद फिल्ड के अन्य काम भी शुरू हो जाएंगे। इसे दिसम्बर 2024 तक पूरा करना है।

मालूम हो कि तुमगांव से आगे समोदा और अछोला के अधिकांश गांवों में पीने के पानी की समस्या रहा करती है। समस्या को देखते हुए आसपास के 48 गांवों के लिए यह समोदा-अच्छोला समूह जल प्रदाय योजना बनाई गई थी। इसे 2021 में स्वीकृति मिली और अक्टूबर 2023 में कार्य एजेंसी में सुधाकर इंफ्र ाटेक हैदराबाद को कार्य आदेश जारी किया गया था।

पीएचई के कार्यपालन अभियंता श्री वर्मा के मुताबिक इस योजना से 48 गांवों की करीब 70 हजार की आबादी को पेयजल समस्या का सामना भविष्य में नहीं करना पड़ेगा। महासमुंद ब्लॉक के गांवों के लिए 66.58 करोड़ रुपए की इस जलप्रदाय योजना के तहत इंटेकवेल निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। साथ ही 3 बड़ी पानी तेजी से काम चल रहा है। टंकियों एमबीआर का निर्माण और पाइप लाइन बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है। योजना के तहत अलग-अलग जोन बनाए गए हैं।

श्री वर्मा ने बताया कि पहले स्वीकृत इंटेकवेल जल शुद्धिकरण संयंत्र तथा 3 एमबीआर बड़ी टंकियों का निर्माण, पाइप लाइन बिछाने का काम तीव्रता के साथ चल रहा है। निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। ड्राइंग डिजाइन की मंजूरी भी आज.कल में मिल जाएगी। इसके बाद से काम शुरू कर दिए जाएंगे। बाद दूसरे मैदानी काम भी शीघ्रता से शुरू होगीओ। इसके तहत कुल 156 किमी पाइप लाइन बिछाना है। इसी तरह अछोली ग्राम में 6 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जल उपचार संयंत्र निर्माण हो रहा है।

 निर्माण प्रगति पर

महानदी के किनारे बसे ग्राम अछोली में महानदी का पानी पहले इंटेकवेल में आएगा। वहां से इसी ग्राम में बन रहे जल शुद्धिकरण संयंत्र डब्ल्यूटीपी में आकर शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीधे जलकी, अछोला और भोरिंग में बनने वाली बड़ी टंकियों एमबीआर में संग्रहित होगा। और वहां से पाइप लाइन के जरिये सभी 48 ग्रामों में घर-घर तक यह शुद्ध पेयजल पहुंचेगा।

बताया गया है पहले स्वीकृत कार्य का निर्माण प्रगति पर है। जबकि ड्राइंग डिजाइन को अप्रुवल के लिए पीएचई रायपुर को भेजा गया था। खबर है कि इसकी स्वीकृति भी आ गई है। दो-एक दिन में यहां पहुंचने के बाद मैदानी सतर पर भी काम तेजी से शुरू हो जाएगा।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news