बिलासपुर
सुश्रुत योजना : 40 में 39 बच्चे पास, 31 पात्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 जून। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) नीट कोचिंग सहायता सीएसआर कार्यक्रम सुश्रुत के अभ्यर्थियों ने नीट 2024 में बड़ी सफलता हासिल की है। हाल ही में घोषित नीट 2024 के परिणामों में, कार्यक्रम में पंजीकृत 40 में से 39 बच्चों ने कट-ऑफ को पार कर लिया है और परीक्षा उत्तीर्ण की है। इनमें से 13 को एमबीबीएस करने का अवसर मिलेगा। शेष 18 बीडीए, बीएएमएस की पढ़ाई कर सकेंगे।
सुश्रुत योजना को आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने वाले कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राओं को मुफ्त आवासीय नीट कोचिंग प्रदान करने के लिए 2023 में शुरू किया गया था। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कोयला बेल्ट में आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले इन बच्चों के लिए यह योजना वरदान साबित हुई है, जिनके लिए प्राइवेट कोचिंग लेना संभव नहीं था। एसईसीएल से मिली मदद से अब कोयलांचल के बच्चे भी डॉक्टर बनने के सपने को हकीकत में बदल पाएंगे।
कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में शुरू किए गए इस कार्यक्रम में छात्रों का चयन नीट पैटर्न पर आधारित एक प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से किया गया था, और बिलासपुर में एक निजी कोचिंग संस्थान के साथ साझेदारी की गई थी। इस कार्यक्रम में नियमित राष्ट्रीय स्तर की टेस्ट सीरीज, मेंटरिंग और रहने-खाने की सुविधाएं शामिल हैं, जिसका पूरा खर्च एसईसीएल वहन करती है।
सीएमडी डॉ.प्रेम सागर मिश्रा ने अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि एसईसीएल का प्रयास है कि कोयलांचल में कोई भी प्रतिभा संसाधनों के अभाव में सपने देखना न छोड़े। यह पहल बच्चों को सपने देखने एवं उन्हें पूरा करने की आजादी देता है। ये बच्चे आगे चलकर डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएँ देकर एक स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में योगदान देंगे। सुश्रुत की पहल बेहतर शिक्षा के माध्यम से कोयला क्षेत्र में समुदायों को सशक्त बनाने के एसईसीएल के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। गुणवत्तापूर्ण कोचिंग और सहायता प्रदान करके, एसईसीएल आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने में मदद कर रहा है, जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर सकें और समाज में योगदान दे सकेंगे।