महासमुन्द
महासमुंद, 22 जून। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बया के अधीनस्थ सहकारी समिति रिकोकला में भंूसा, रंग, सुतली, तिरपाल खरीदी के नाम पर लाखों का घोटाला करने की शिकायत के बाद इसकी जांच 23 मई को गयी थी। जिस पर बैंक द्वारा समिति प्रभारी की पत्नी के खाते को फ्रीज किया गया है।
मालूम हो कि रिकोकला धान खरीदी केंद्र के व्यवस्थापक द्वारा हमाली व अन्य खर्च संबंधितों के बजाय अपनी पत्नी व खुद के खाते में ट्रांसफर करने की शिकायत बसंत ठाकुर द्वारा की गई थी। आरोप है कि सहकारी बैंक शाखा बया अंतर्गत आने वाले धान संग्रहन केंद्र रीकोकला के समिति प्रभारी द्वारा इस वर्ष भूसा, रंग, सुतली, तिरपाल खरीदी के नाम पर लाखों रुपए का घोटाला किया गया है।
शिकायत करने वालोंका कहना है कि 5 हजार से ऊपर किसी भी खरीदी पर निविदा बुलाई जाती है। लेकिन यहां बगैर निविदा के दोगुने भाव में खरीदी कर समिति को लाखों रुपए का चुना लगाया गया है। समिति में 2023-24 में एक किलो भी भूंसे की खरीदी नहीं की गई है। जबकि प्रभारी द्वारा भूंसा खरीदी के नाम पर लाखों रुपए का निर्देश दिया गया है।
उपपंजीयक सहकारी समिति का इस मामले में कहना है कि कार्रवाई की जाएगी। यहां रस्सी, रंग, तिरपाल खरीदी में भी गबन की शिकायत की गयी है। गौरतलब है कि रीको कला समिति प्रभारी पूर्व में सेल्समैन पद पर थे। तब भी उन्हें राशन सामग्री में गबन के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। परन्तु पिछली सरकार द्वारा इन्हें रिकोकला खरीदी समिति का प्रभारी बना दिया था। जिला सहकारी बैंक बया के शाखा प्रबंधक माधव लाल नायक ने मीडिया को बताया है कि बसंत ठाकुर की उक्त शिकायत पर जिले से जांच अधिकारी आये थे। रिकोकला समिति प्रबंधक को भी जांच हेतु बुलाया गया था। आरोप है कि सहकारी समिति प्रबंधक द्वारा फिक्स डिपॉजिट को तोडक़र नियम विरुद्ध तरीके से राशि का आहरण किया गया है, जो किसानों से ऋण लेते समय अमानत राशि के तौर पर ली जाती है। और समिति के खाते में जमा की जाती है। उस अमानत राशि को निकालना यानि समिति को घाटे में डालना है। राशि आहरण के लिए कोई ठोस वजह न हो तब तक राशि आहरण नहीं की जा सकती।
राशि के आहरण एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में सहकारी बैंक बया के मैनेजर भी जिम्मेदार हैं। बहरहाल उच्च स्तरीय जांच जारी है।