महासमुन्द

दो माह पहले अंधड़ में उड़े सावित्रीपुर स्कूल के टीन, अब तक मरम्मत नहीं
22-Jun-2024 2:39 PM
दो माह पहले अंधड़ में उड़े सावित्रीपुर स्कूल के टीन, अब तक मरम्मत नहीं

जर्जर भवन से सत्र की शुरुआत करेंगे बच्चे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 22 जून। विकासखंड बसना स्थित सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिये भवनए बैठने की व्यवस्था एवं मूलभूत सुविधा नहीं है। शासकीय प्राथमिक शाला सावित्रीपुर की ही बात करें तो यहां भी बच्चे अपने भविष्य की नींव रख रहे हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 26 जून 2024 से विद्यालय खुलने वाले हैं। प्रदेश भर में शासन-प्रशासन शाला प्रवेश उत्सव की तैयारी में जुटा है। छात्र-छात्राओं को स्वच्छ व सुंदर वातावरण में गुणवत्तायुक्त शिक्षा दिये जाने की बात हो रही है। सरकारी आदेश है कि बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक, गणवेश, सायकिल आदि वितरण हो। ऐसे में प्राथमिक शाला सावित्रीपुर की तरफ देखें तो यहां के बच्चे आधा-अधूरे टिन शेड छत वाली जर्जर भवन में पढऩे की मजबूर हैं।

खस्ताहाल स्कूल भवन को देखकर अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। यहां के अतिरिक्त भवनों की हालत और भी खस्ता है। जर्जर अतिरिक्त भवन कभी भी बरसात में भरभरा कर गिर सकता है। प्राथमिक शाला भवन में उपयोग लायक शौचालय नहीं है, जो शौचालय है, अनुपयोगी है। यहां कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक कक्षा संचालित है। स्कूल कैंपस में हायर सेकेंडरी, हाईस्कूल मिडिल स्कूल प्राथमिक शाला स्वयं का अपना-अपना भवन है। जिसमें से आधे भवन जीर्णोद्धार की बाट जोह रहे हैं और आधे भवन डिस्मेंटल की कगार पर है।

सावित्रीपुर निवासी प्रदीप बारिक, दिलीप प्रधान, घांसीराम मिरी, प्यारेलाल साहू, उसत साहू, कुबेर धुबेल, परमानंद रात्रे, अशोक कुर्रे समेत दर्जनों ग्रामीणों एवं सावित्रीपुर के सचिव सरजू का कहना है कि ग्राम पंचायत के तत्कालीन सरपंच विमला राकेश पटेल ने 15वें वित योजना से राशि 3.52 लाख रुपए से शाला भवन मरम्मत किया था। जिसका टिन शेड तूफान की वजह से उड़ गया है। हालांकि तत्कालीन सरपंच ने कहा है कि स्कूल खुलने से पहले इसका मरम्मत करा दिया जावेगा।

विद्यार्थियों के अभिभावकों ने कहा है कि अतिरिक्त भवनों में जर्जर हो जाने के बाद ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2023 में आरईएस . विभाग से प्रांकलन तैयार कर पुराने खपरैल वाले प्राथमिक शाला भवन का जीर्णोद्धार कर भवन के ऊपर टिन शेड, बिजली फिटिंग आदि कार्य किया गया जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। निर्माण के दो महीने बाद ही भवन से आधे से हिस्से से टिन शेड उड़ गया है। नीचे की गई फ्लोरिंग उखड़ गई। इसके बावजूद आधे को अधूरे छत वाली भवन में जैसे-तैसे कर 3-4 महीने बड़ी परेशानियों का सामना करते बच्चों ने शिक्षा सत्र 2023-24 को समाप्त किया। लेकिन ग्राम पंचायत ने इसका मरम्मत करना उचित नहीं समझा।

पंचायत के सरपंच विमला बाई राकेश पटेल और सचिव सरजू नाग पर ग्रामीणों ने प्राथमिक शाला भवन मरम्म्ड कार्य में गुणवत्ताहीन कार्य करने का आरोप लगाते हुये कहा है कि स्थल पर शासन का सूचना बोर्ड फलक तक नहीं लगाया गया है। जिसके कारण निर्माण कार्य का नाम, प्रशासकीय स्वीकृति, लागत राशि, कार्य एजेंसी सहित अन्य जानकारी आमजनों को नहीं मिल पायी। संबंधित विभाग के इन निर्माण कार्यों का निरक्षण करने नहीं आते। इसीलिए सरकारी भवन में स्तरहीन टीन शेड का उपयोग कर आधे-अधूरे पुट्टी कार्य करके बगैर रंगाई पोताई छोड़ दिया गया। ग्रामीणों की मांग है कि कार्य की जांच कर संबंधितों के खिलाफ  कार्रवाई की जाए।

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