महासमुन्द

जिले के अकेले सरायपाली विकासखंड स्थित 70 स्कूलों में एकल शिक्षक, तीन स्कूल शिक्षकविहीन
22-Jun-2024 4:33 PM
जिले के अकेले सरायपाली विकासखंड स्थित 70 स्कूलों में एकल शिक्षक, तीन स्कूल शिक्षकविहीन

 कोई सेवानिवृत्त, कोई शिक्षक पदोन्नत होकर अन्य स्कूल चले गए

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 22 जून। सरायपाली विकासखंड में 67 प्राथमिक, 2 मिडिल स्कूल, एक हाई स्कूल एक शिक्षकीय हैं। जबकि तीन स्कूल शिक्षक विहीन हैं। आगीम एक हफ्ते में स्कूलों के खुलने के बाद शिक्षकों के अभाव में बच्चों की पढ़ाई किस तरह से होगी, इसे लेकर विद्यार्थियों और पालकों को चिंता सता रही है। तीनों स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों में से कोई सेवानिवृत्त हो गए तो कोई शिक्षक पदोन्नति होकर अन्य स्कूल चले गए। इस तरह तीन स्कूलों में ऐसी स्थिति बन गई है कि शिक्षकों के प्रमोशन व सेवानिवृत्त होने के बाद स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हंै।

विभागीय जानकारी अनुसार सरायपाली विकासखंड में 249 शासकीय प्राथमिक शाला, 90 शासकीय मिडिल स्कूल, 36 हाई और हायर सेकण्डरी स्कूल संचालित है। इस तरह कुल 375 स्कूलों में 67 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक मात्र शिक्षक के भरोसे प्राथमिक शाला के 5 कक्षाएं संचालित हो रही है। मिडिल स्कूल सिंघोड़ा और बंदलीमाल में तीन कक्षाओं के लिए एक-एक शिक्षक पदस्थ है। हायर सेकंडरी स्कूलों में सिंघोड़ा भी एकल शिक्षकीय स्कूल है।

यहां की शासकीय प्राथमिक शाला पझरापाली, अंतरझोला और छुहियापाली स्कूल शिक्षक विहीन हंै। हालांकि विगत सत्र व्यवस्था के तहत एक शिक्षक भेजा गया था। लेकिन शिक्षा सत्र समाप्ति के बाद वे पुन: मूल शाला में वापस लौट गए। इसके बाद पुन: उक्त तीनों स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं। चर्चा है कि शिक्षक विहिन स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या भी प्रभावित हो सकती है। क्योंकि पालकों को अभी से अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता सताने लगी है।

शासकीय हाई स्कूल सिंघोड़ा में कक्षा नवमी व दसवीं के विद्यार्थी विषय शिक्षक की कमी से जूझ रहे हैं। एक मात्र शिक्षक दोनों कक्षाओं के लिए पदस्थ हैं। एक शिक्षक को सभी विषय का अध्यापन करवाना संभव नहीं है। कक्षा दसवीं बोर्ड कक्षा है। यहां भी विद्यार्थी कक्षा दसवीं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होना चाहते हैं, लेकिन विषय शिक्षक की कमी के कारण विद्यार्थियों को स्व अध्ययन कर परीक्षा दिलाने से रिजल्ट प्रभावित हो सकता है।

जानकारी मिली है कि नए सत्र से बोर्ड की परीक्षाएं दो बार ली जाएंगी। ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को कोर्स पूरा कर परीक्षा दिलाना चुनौती से कम नहीं होगा। विगत वर्ष तो दर्ज संख्या कुछ ठीक थी। जानकारी अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला पझरापाली में लगभग 70 बच्चे कक्षा पहली से पांचवीं तक अध्यनरत थे। यहां तीन शिक्षक पदस्थ थे। एक शिक्षक निलंबित और दूसरे शिक्षक को पदोन्नति मिलने पर अन्य स्कूल चले गए। तीसरा शिक्षक प्रधान पाठक वेणुराम डड़सेना सेवानिवृत्त हो गए। इस तरह तीनों शिक्षक एक-एक कर चले जाने से अब पझरापाली स्कूल शिक्षक विहीन है।

पझरापाली स्कूल में तीन शिक्षक 2023 सत्र में ही चले गए। यहां व्यवस्था के तहत 3 माह के लिए राजाडीह के एक शिक्षक को भेजा गया था। इसी तरह शिक्षक विहीन शासकीय प्राथमिक शाला अंतरझोला की बात करें वहां के प्रधान पाठक श्वेत प्रधान सेवानिवृत्त हो गए। दिनेश प्रधान पदोन्नति होकर बिलाईगढ़ में प्रधान पाठक बन गए। शिक्षक वृंदावन भोई पदोन्नत होकर मिडिल स्कूल टेमरी चले गए। अब स्थिति यह बन गई है कि वहां एक भी शिक्षक नहीं है। शिक्षक विहीन स्कूल छुहियापाली की बात करें तो वहां एक प्रधान पाठक बालेश्वर पटेल पदस्थ थे। वे अक्टूबर 2023 में सेवानिवृत्त हो गए। बाद वहां स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है।

इस तरह तीनों स्कूलों में 2023 सत्र में शिक्षक चले गए। एकल शिक्षकीय मिडिल स्कूल की बात करें तो सिंघोड़ा व बंदलीमाल के मिडिल स्कूल एकल शिक्षकीय हैं। वहां भी विषय शिक्षक की कमी बनी हुई है। क्योंकि कक्षा पांचवीं तक एक शिक्षक हर विषय को पढ़ाने में सक्षम रहता है।

लेकिन छठवीं से आठवीं तक हर विषय को एक शिक्षक को पढ़ाना संभव नहीं है। पालकों का कहना है कि शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

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