दुर्ग
दुर्ग, 25 जून। बोरई में आयोजित एसीसी कैंप के चौथे दिन कैडेटों के चेहरे खिल उठे जब उन्होंने पूर्व एनसीसी कैडेट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर एवं डीएसपी यातायात सतीश ठाकुर को अपने समीप देखा।
इस दौरान वर्तमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने कैडेटों से अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे बचपन में लाल बत्ती की गाड़ी उनके गॉव के पास से गुजरा करती थी, पर रूकती नहीं थी, इसी से प्रेरित होकर निश्चय किया की वो एक दिन खुद लाल बत्ती की गाड़ी में जायेगें व जब भी गॉव में कोई भीड़ होगी तो गाड़ी रोक कर उनसे मिलेंगे। उनके इस सपने को पूरा करने में एनसीसी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कुल 18 एनसीसी कैंप में शामिल हुए तथा दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड किया।
कैडेट ने सीखा ट्रैफिक की एबीसीडी
डीएसपी यातायात सतीश ठाकुर ने कैडेटों को ट्रैफिक की एबीसीडी सीखाई। उन्होंनेए-एक्सेलेटर, बी-ब्रेक, सी-क्लच एवं डी-ड्राइवर से अवगत कराया।
उन्होंन अपने 15 साल के यातायात के अनुभव से कैडटों को समझाया कि कैसे यातायात की शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। आज से कुछ वर्ष पूर्व सडक़ दुर्घटना में एक साथ 7 एमबीबीएस के छात्रों ने अपनी जान गवाई और उनके अभिभावक ने तब ये कहा कि काश वे अपने बच्चों को यातायात की भी शिक्षा दिये होते तो वे आज जीवित होते। जिस तरह हम अपने मोबाईल को बचाने के लिए कवर लगाते है ठीक उसी तरह सिर को बचाने के लिए हेलमेट लगाना भी अनिवार्य है। कैंप कमांडेट कर्नल मकसूद अली खान द्वारा दोनों अतिथियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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