दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुम्हारी, 25 जून। प्रसिद्ध संस्कृताचार्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा एवं अंग्रेजी की प्रोफ़ेसर रामायण एक जीवंत महाकाव्य के संकलन एवं संपादन कर्ता संयुक्ता पाढ़ी डॉ. परदेशी राम वर्मा के निवास ग्राम लिमतरा पहुंची, जहां रामलीला में अभिनय करने वाले कलाकार हेमराज सुंदरलाल पटेल से मुलाक़ात कर जानकारी हासिल की।
कलाकारों ने अपने अभिनय एवं अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किस तरह वे विभीषण का किरदार निभाते थे और उसे जीवंत करने के लिए दिन रात मेहनत करते थे धीरे धीरे उम्र बढऩे से अब वे अभिनय करने में स्वयं को सक्षम महसूस नहीं करते, लेकिन अब मेरा बेटा इस भूमिका को निभाता है यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है ।
इसी तरह वरिष्ठ रंगकर्मी महेश वर्मा एवं रामलीला में जोकर और परी बनने वाले हेमराज निषाद ने भी अपना अनुभव साझा किया। ग्राम कडऱका के रामलीला में अभिनय करने वाले दूरदर्शन कलाकार राजेंद्र साहू संजय राजपूत एवं रामचंद्र का सजीव अभिनय करने वाले राजपूत ने रामलीला पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्राम कडऱका में विगत 40 वर्षों से रामलीला ग्रामीण कलाकार कर रहे हैं, इसके पहले भी हर वर्ष रामलीला की प्रसिद्ध मण्डलियां यहाँ आकर रामलीला करते थे। उस दौर को याद करते हुए कलाकारों ने बताया कि तब लोग दूर-दूर के गांव से बैलगाडिय़ों में भर भर कर लोग रामलीला देखने आते थे।
उन्होंने बताया कि जो अभिनय उनके पिताजी करते थे अब वे वृद्ध हो गए हैं लेकिन उस परम्परा का निर्वहन आज उनके बेटे कर रहे हैं और फिर उनका बेटा , इस तरीके से रामलीला में यह परम्परा निरन्तर चली आ रही है।
रामायण एक जीवंत महाकाव्य के संकलन एवं संपादन कर्ता श्रीमती संयुक्ता पाढी ने इन कलाकारों के विचार सुनकर उसे रिकार्ड भी किया अपने संग्रह में उसे यथोचित स्थान दे सकें। रंगकर्मी महेश वर्मा ने डॉ. महेशचंद्र शर्मा एवं श्रीमती संयुक्ता पाढी का अभार व्यस्त किया।
कलाकारों को डॉ. महेशचंद्र शर्मा ने बधाई दी। इसके बाद सभी कुम्हारी की साहित्यिक संस्था ऋतंभरा साहित्य मंच के साहित्यकारों एवं पत्रकारों से मुलाकात कर चर्चा की, जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार विक्रम शाह ठाकुर जनकवि हेमलाल साहू ‘निर्मोही’ रविन्द्र कुमार थापा दिनेश सिंह राजपूत, ऋषि साहू एवं ध्रुव नायक शामिल थे।
गौरतलब है कि संयुक्ता पाढ़ी रामचंद्र के जीवन पर शोधग्रंथ लिख रही हैं।