राजनांदगांव
एसपी को पत्र लिखकर कहा मामले में पूर्व में हुई जांच रिपोर्ट को दबाया गया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 जुलाई। जिला मत्स्य विभाग में करोड़ों रुपए के अनुदान राशि में की गई कथित गड़बड़ी को लेकर जांच का सामना कर रही तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये ने मामले को लेकर एसपी को एक पत्र लिखा है।
पत्र के जरिये उन्होंने दावा किया है कि जिस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है, पूर्व में उसकी जांच हो गई है। पूर्व जांच रिपोर्ट को साजिश के तहत उजागर नहीं किया गया। उन्होंने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है।
ज्ञात हो कि सहायक संचालक पर पिछले दिनों कोतवाली पुलिस में वित्तीय गड़बडिय़ों के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया है। मौजूदा सहायक संचालक एसके साहू ने राज्य सरकार के प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जांच में दावा किया गया है कि दो करोड़ 16 लाख रुपए के अनुदान में हेराफेरी की गई है। पुलिस ने 4 फर्म के सप्लायरों के विरूद्ध भी मामला दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद गीतांजलि गजभिये ने एसपी को एक पत्र लिखकर जानकारी देते कहा है कि जिस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है, उसकी पूर्व में जांच हो गई है। मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने दिया।
मालूम हो कि साल 2021 और 2022 के बीच तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये पर अपने रिश्तेदारों, विभागीय कर्मियों के मां और बेटी के नाम पर केज और बीज खरीदी का हितग्राही बनाकर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का आरोप है। इस मामले का खुलासा एक हितग्राही को नोटिस मिलने के बाद सामने आया है।
श्रीमती गजभिये ने पत्र में पूर्व में की गई जांच रिपोर्ट को भी संलग्न किया है। उन पर लगाए गए आरोपों का उन्होंने जवाब दिया है। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार की एक टीम ने जांच में महिला अफसर और अन्य लोगों को दोषी माना है। इस आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया।