खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

खैरागढ़ तहसील के 171 गांवों में होगी डिजिटल गिरदावरी
18-Sep-2024 3:41 PM
खैरागढ़ तहसील के 171 गांवों में होगी डिजिटल गिरदावरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 18 सितंबर।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के अन्तर्गत राज्य में एग्री स्टैक परियोजना का संचालन किया जा रहा है, जिसमें डिजिटल कॉप सर्वे अन्तर्गत जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के तहसील खैरागढ़ का चयन किया गया है। इसके अन्तर्गत 08 राजस्व निरीक्षक मण्डल के 50 पटवारी हल्कों के 171 ग्रामों में 74111 खातों के कुल 247487 खसरों का मौके पर उपस्थित होकर लगभग 829 सर्वेयर द्वारा मोबाइल ऐप के माध्यम से फसल का सर्वे कार्य किया जायेगा। सर्वेयर के रूप में स्थानीय नवयुवकों/युवतियों को लिया जायेगा, जिनका सुपरविजन संबंधित हल्के के पटवारी/राजस्व निरीक्षक/तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। 

उक्त कार्य 9 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पूर्ण किये जाने का निर्देश है। इसके लिए सर्वेक्षण-कर्ताओं का चयन पटवारी के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जावेगा। डिजिटल फसल सर्वेक्षण किये जाने हेतु सर्वेक्षण-कर्ताओं को न्यूनतम 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। कृषि स्नातक, विज्ञान स्नातक, विज्ञान से 12वीं, 12वीं पास एवं 10 वीं को प्राथमिकता दिया जाएगा। इसी तरह उसके पास स्वयं का एड्रॉयड मोबाईल वर्जन 9 प्लस हो, जिसमें इंटरनेट होना आवश्यक है। सर्वेक्षण कर्ता का बैंक खाता एवं आधार नंबर होना आवश्यक हैं। ग्राम के निवासी समुचित संख्या में उपलब्ध नहीं होने पर तहसीलदार द्वारा निकटवर्ती ग्राम के निवासी को अथवा कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय या उद्यानिकी महाविद्यालय के विद्यार्थी को चयनित किया जा सकेगा। प्राप्त आवेदनों के आधार पर सभी आवेदकों को प्राथमिक स्तर पर काम सौंपा जा सकेगा। वही भूमिस्वामी/कृषक जो किसी भी उम्र या शैक्षणिक योग्यता के हों, भी स्वेच्छा से अपने सर्वेक्षण नंबर (खेत) का डीसीएस (डिजिटल फसल सर्वेक्षण) कर सकता है, उन्हें इस हेतु कोई मानदेय प्रदाय नहीं किया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षण सर्वेक्षण कर्ताओं को तहसील अंतर्गत राजस्व निरीक्षक मण्डल स्तर पर प्रदान किया जावेगा। प्रथम दिवस प्रत्येक पात्र आवेदक को 25 खसरा सौंपा जायेगा। 

सर्वेक्षक के कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता के आधार पर अगले दिवस के लिए नवीन खसरा आबंटित किया जायेगा। सर्वेक्षण की कार्य कुशलता को देखते हुए किसी दिवस विशेष में अधिक खसरा आबंटित किया जा सकेगा। यह आबंटन पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत के आधार पर किया जायेगा। 

सर्वेक्षणकर्ता को प्रत्येक सर्वे के लिए ऐप के माध्यम से सही सर्वेक्षण, अपलोड करने तथा स्वीकृत हो जाने की दशा में, 10 रूपये प्रति खसरा मानदेय रूप में बैंक खातों के माध्यम से प्रदान किया जावेगा। सर्वेक्षण कर्ता द्वारा डिजिटल फसल सर्वेक्षण के अंतर्गत किये गये कार्यों का संबंधित हल्का पटवारी द्वारा पर्यवेक्षण प्रत्येक दिवस किया जावेगा। इसके अलावा सर्वेक्षण कर्ता द्वारा डिजिटल फसल सर्वेक्षण के अंतर्गत किये गये प्रविष्टियों का संबंधित राजस्व निरीक्षक द्वारा सत्यापन किया जावेगा। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के अंतर्गत किये गये कार्यों की सतत जाँच राजस्व अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। मोबाईल आधारित फसल सर्वेक्षण से किसानों की फसल का सटीक आंकड़ा प्राप्त होने से किसानों को शासन के विभिन्न योजनाओं का लाभ होगा। मोबाईल आधारित फसल सर्वेक्षण वर्ष में दो बार खरीफ एवं रबी मौसम में किया जाएगा। खरीफ सीजन 2025 में जिले के समस्त फसल लगी भूमि का अनिवार्य रूप में मोबाइल आधारित फसल सर्वेक्षण किया जाना निश्चित किया गया है।

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