दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 26 सितंबर। विद्यालय से वंचित विद्यार्थियों को पुन: विद्यालय में प्रवेश कराया जा रहा है, जिससे छात्रों का भविष्य उज्जवल हो सके।
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के दिशा - निर्देश में जिला दंतेवाड़ा अंतर्गत ग्राम पंचायतों के 250 शाला त्यागी एवं शाला अप्रवेशी बच्चों को आश्रम छात्रावासों में प्रवेश दिया गया है। इनमें से अधिकांश छात्र-छात्राएं दूरस्थ क्षेत्र के निवासी है। इस प्रयास से इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में निवासरत और शिक्षा से वंचित इन बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा सहज एवं अनिवार्य रूप से प्रदाय करने के साथ-साथ उनके मानसिक विकास तथा आगे की शिक्षा प्राप्ति में स्वस्फूर्त ढंग से स्वरूचि को बढ़ावा मिलेगा।
इसके परिणामस्वरूप ये बच्चे आगे की शिक्षा, सुचारू रूप से प्रारंभ कर और उच्च शिक्षा प्राप्ति की ओर अग्रसर होकर अपने ग्राम एवं क्षेत्र के विकास में सहभागी बनेंगे।
इसके अन्तर्गत आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री मसराम द्वारा जिले के ग्राम पंचायतों में स्थित छात्रावास आश्रमों का सघन दौरा एवं निरीक्षण कर बच्चों के प्रवेश हेतु ग्रामवासियों एवं पालकों से संपर्क कर प्रोत्साहित करने के अलावा मंडल संयोजकों एवं अधीक्षकों के प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए रणनीति बनाने पर विशेष रूप से जोर दिया गया।
इन प्रयासों के फलस्वरूप आश्रित ग्रामों, ग्राम पंचायतों में ग्राम मेटापाल से 5, नेटापुर से-11, धुरली से-5, चंदेनार से-11, दाबपाल से-4, फूलनार से-1, मोलसनार से-6, गंजेनार से-10, भांसी-5, कुहपाल-1, कुहचेपाल-1, दुवाली करका-1, डूंगा ओरछा 1, कुम्हाररास-1, जावंगा-1, झिरका-1, पोन्दुम-4, जारम-1, मसेनार-1, पदमेटा-1, हाउरनार-1, बुड़दीकरका-1, पातररास-1, बडेहडमामुण्डा-6, नेउरनार-9, मुण्डेर-10, उरैपाल-1, मुस्तलनार-1, बांगापाल-2, हाउरनार-1, बास्तानार-1, गुटोली-1, बोटपाल-1, गुटोली-1, छिन्दनार-1 बडेकारली-5, कासोली-3, गोंगपाल-3, बुरगुम-1, बांगापाल-2, नकुलनार-3, रेंगानार-4, हितावर-3, कलेपाल-6, माहराहाउरनार-5, पालनार-1 आदि शामिल है। इस प्रकार से 250 शाला त्यागी बच्चों का पुन: विद्यालय से जोड़ा गया।