रायपुर
केन्द्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 फरवरी। प्रदेश कांग्रेस ने केन्द्रीय बजट को गांव, मजदूर, किसान विरोधी करार दिया है। पार्टी ने पूछा कि प्रधानमंत्री सिर्फ इतना ही बता दें कि छह साल में किसानों की आय कितनी बढ़ी है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि सरकार के पास आंकड़े ही नहीं है।
किसान कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला, आर्थिक मामलों के जानकार रमेश वल्र्यानी और पार्टी के संचार विभाग के मुखिया शैलेष नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा और मोदी सरकार की किसानों से नफरत केन्द्रीय बजट से स्पष्ट हुई है। बजट में पारदर्शिता, कृषि और किसानों को आगे ले जाने के दावे गलत और झूठे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री बजट को कृषि को आगे ले जाने वाला और किसानों की आय दोगुना करने वाला बता रहे हैं। प्रधानमंत्री सिर्फ इतना ही बता दें कि ये घोषणा को छह साल हो चुके हैं, किसानों की आय कितनी बढ़ी है? कांग्रेस ने कहा कि पीएम किसान योजना में 75 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस साल सिर्फ 65 हजार करोड़ रखा गया है। जबकि सरकार अभी तक आधे किसानों तक योजना नहीं पहुंचा पाई। इस योजना में 13 फीसदी की कटौती क्यों की गई है, यह बताना चाहिए। इसी तरह पीएम आशा योजना के जरिए किसानों को एमएसपी मिल जाए, इसका प्रावधान किया गया था। पिछले साल बजट में 5 सौ करोड़ रूपए रखा गया था, इस साल घटाकर 4 सौ करोड़ रूपए कर दिया गया है। किसानों का इससे बड़ा मजाक नहीं हो सकता।
कांग्रेस नेताओं ने यह भी बताया कि मनरेगा में पिछले साल 65 हजार करोड़ था, इस बार 73 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है। जबकि इसमें 1 लाख करोड़ से अधिक खर्च किया जाना चाहिए। कोरोना की वजह से बजट को बढ़ाना जरूरी था। मगर केन्द्र की सरकार ने गांव, गरीब और किसान को रोजगार देने में परहेज किया है। किसानों पर लाठियां बरसाने पर मोदी सरकार के बजट की मार पड़ी है। बहुत सफाई से स्वामीनाथन कमेटी का नाम हटा दिया गया, जबकि भाजपा के घोषणा पत्र में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने की बात कही गई थी।