धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 9 मार्च। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सदगुरु कबीर विश्व शांति मिशन संस्थान, छत्तीसगढ़ कबीर पंथ संत संगठन ने किया विचार गोष्ठी का आयोजन।
राजिम पुन्नी मेला समारोह के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सद्गुरु कबीर साहेब के प्रतीक तस्वीर के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके गुरुवंदना से किया गया।
उद्बोधन में संत श्री रविकर साहब धमतरी ने कहा कि कबीर ने नारी और पुरुष समानता का अधिकार दिया है, कबीर का मूल संदेश है आधे बसे पुरुष आधे बसे जोय। पहले नारियों को वेद पढऩे का अधिकार नहीं दिया जाता था । वेद के रचयिता नारी रही, लेकिन वेद पढऩे का अधिकार नारीयों को ना मिलना कबीर को नहीं भाया और उन्होंने इंकलाब कर कहा कि नारी और पुरुष समान है । नारी आज सभी क्षेत्रों में सर्वोच्च कार्य कर रही है, नारी से ही संस्कार पाकर देवत्व का उदय होता है इसलिए हमें नारी का सम्मान करना चाहिए।
कबीर ने विभिन्न भेद भाव को समाप्त कर एकता का संदेश दिया। आज नारी हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है । इसलिए नारी को गुलाम बनाकर नहीं अपितु नारी को देवी के रूप में मानकर समाज निर्माता मानकर उनका सम्मान करें, संत श्री घनश्याम साहेब मंदरौद, ने कहा नारी माता पत्नी बहन के रूप में बस हम देखते हैं लेकिन आज नारी समाज की निर्माता हैं नारी जननी है, जो संत देवता और समाज का नेतृत्व करने वाले संस्कारवान समाज का निर्माण करती है, साध्वी मनिप्रभा डाभा ने कहा नारी सशक्तिकरण आज समाज के खुला विचार का परिणाम है आज नारी हर क्षेत्र में अग्रणी है । साध्वी राधा करेली ने कहा नारी तू है सबसे महान, नारी जाग जाएं, तो परिवार समाज और राष्ट्र में शांति स्थापित रहती है संत श्री क्षेमेंद्र साहब सेमरा ने कहा नारी दुर्गा काली देवी के प्रतीक के रूप में शक्ति के रूप में लोग मानते हैं उनसे हमें प्रेरक सीख लेनी चाहिए। सन्त श्री विचार साहेब नवापारा ने कहा इतिहास में नारियों ने प्रेरणा दी है मीरा, शिवरि, मंदालसा, अपाला घोषा, मैत्रेयी, गार्गी, तापती, विस्वरा आदि कार्यक्रम में संत जितेंद्र साहब राजनांदगांव, संत श्री बलवान साहब ढेटा कुरूद संत श्री हेमेंद्र, साहब नवापारा और साध्वी लता करेली ने भी संबोधन किया
उक्त अवसर पर मंच पर संत शोधकर साहब, संत श्री रतन साहब, कुमार साहेब, साध्वी श्याम साहब, कौशल्या साहेब सेवती साहेब के साथ अन्य संत उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने सत्संग का लाभ लिया।
संतो ने कन्या भू्रण हत्या ना करने व लिंग जांच ना कराने और बालिका को भी शिक्षित करने का निवदेन किया।