महासमुन्द
3 महीने से किसी भी मामले की सुनवाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 15 मार्च। जिला उपभोक्ता फ ोरम महासमुन्द में सदस्यों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसके कारण से पिछले 3 महीने से किसी भी मामले की सुनवाई नहीं हो पाई है। इसके चलते लगभग 207 केसेस पेंडिंग हैं।
वहीं पिछले साल कोरोना महामारी के कारण भी फोरम के काम.काज प्रभावित रहे, जिसके कारण साल 2020 में आए केसेस के मुकाबले में बहुत ही कम मामलों का निपटारा हो पाया है। जिला उपभोक्ता फोरम में अधिकतर मामले सहारा इंडिया के विरूद्ध हैं, जिसमें से कई मामलों का निपटारा भी हुआ है और फैसला उपभोक्ताओं के पक्ष में आया है।
जिला उपभोक्ता फोरम महासमुन्द में साल 2018 में 156 केसेस आए, जिसमें से 97 केसेस का निपटारा किया गया। वहीं साल 2019 में 90 केस फोरम के सामने आए और 169 केसेस का निपटारा हुआ। वहीं साल 2020 में मार्च के बाद से आए कोरोना महामारी के कारण बहुत कम केसेस का निपटारा हुआ।
2020 में रुल 198 केसेस फोसम के सामने आए जिनमें से सिर्फ 12 केस का निपटारा हुआ। जिला उपभोक्ता फोरम के रीडर शैलेष वर्मा ने बताया कि यहां के सदस्यों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसके कारण ही अभी किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है। आवेदक जमील अख्तर लोहानी ने सहारा इंडिया परिवार महासमुन्द के विरूद्ध फोरम में शिकायत की थी। इसमें क्यू शॉप एच प्लान के तहत दो किश्तों में अगस्त 2012 तक 2 लाख 30 हजार रुपए जमा किया था, जो अगस्त 2018 में मेच्योर हुआ। इसी दौरान आवेदक के पिता की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद हो गई थी, जिस पर आवेदक ने नॉमिनी का दावा भी मेच्योरिटी के बाद पेश किया। लेकिन संस्था उन्हें लंबे दिनों तक घुमाते रही। जिसपर आवेदक ने 2 लाख 30 हजार रुपए और ब्याज के साथ 50 हजार रुपए की मानसिक क्षति व 25 हजार वाद व्यय दिलाए जाने की मांग की थी।