राजनांदगांव

अप्रैल ने दिया 196 के गुजरने का दर्द
30-Apr-2021 1:29 PM
अप्रैल ने दिया 196 के गुजरने का दर्द

अप्रैल में रिकॉर्ड कोरोना मौतों में मां-बेटे संग भाई-बहन भी शामिल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 अप्रैल।
कोरोना की दूसरी लहर से मचे तबाही ने इस कदर इंसानों पर कहर ढाया कि अप्रैल के महीने के गुजरने का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अप्रैल के पूरे महीने में कोरोना के उफान में कई परिवारों का जीवन धराशाही हो गया। 30 दिन के महीने वाले अप्रैल में हर दिन 6 से 7 औसतन मौतें हुई। पूरे माह में 196 लोग इस दुनिया को कोरोना से  जंग हारने के बाद अलविदा कह गए। 

अप्रैल के सप्ताह से शुरू हुआ कोरोना मौतों का सिलसिला रिकॉर्ड तोड़ रहा। दूसरे सप्ताह में मानो कोरोना ने यह ठान लिया था कि इंसानों को किसी भी सूरत में बख्शेगा नहीं। दूसरे सप्ताह में कुछ दिन ऐसे भी रहे जब मौतों की संख्या डेढ़ दर्जन तक पहुंच गई। कोरोना से कुछ परिवारों में सिलसिलेवार मौतें हुई। कहीं मां-बेटे ने एक साथ दम तोड़ दिया, तो भाई-बहन भी इस महामारी के सामने  जिंदगी हार गए। इसके अलावा युवा और स्वस्थ माने जाने वाले लोगों की भी कोरोना ने जान लेने में कमी नहीं की। आज स्थिति है कि कोरोना के चलते इंसानी जीवन घरों में समय काट रहा है। कोरोना के खात्मे को लेकर प्रमाणित तौर पर कोई भविष्यवाणी नहीं है। 

बताया जाता है कि अप्रैल माह में राजनांदगांव शहर के साथ-साथ कस्बों में भी कोरोना मौतों से श्मशान घाटों में शवों का अंबार लगा रहा। गुजरे एक साल के भीतर कोरोना मौतों की संख्या बेहद कम थी। एकाएक अप्रैल के महीने में शुरू हुए मौतों ने पिछले सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। बीते एक साल में जिले में 409 लोगों की कोरोना ने जान ले ली। अकेले अप्रैल के महीने में 196 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। यानी अप्रैल माह में 50 फीसदी मौतें हुई। जबकि मई माह को लेकर भी डब्ल्यूएचओ से लेकर कोरोना विशेषज्ञ  शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। अप्रैल के महीने से ज्यादा मई में कोरोना के जानलेवा होने की संभावना जताई जा रही है। 

राजनंादगांव जिले के डोंगरगांव में दो सगी बहनों की मौत को लोग अब भी याद कर रहे हैं। दोनों शादी के बाद देवरानी और जेठानी बनकर एक ही परिवार में वैवाहिक उत्तरदायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे थे। कोरोना ने इन दोनों को नहीं बख्शा। इसी तरह लखोली के ज्योतिन्द्र श्रीवास्तव की जहां कोरोना से मौत हुई। वहीं एक दिन बाद उनकी मां भी कोरोना के सामने अपनी जिंदगी हार गई। 

राजनांदगांव जिले में कोरोना से मची तबाही के ऐसे कई उदाहरण हैं। कुछ परिवारों में तो इकलौते कमाउ पुत्र की भी कोरोना से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि अप्रैल के महीने में  जिस तरह से कोरोना ने इंसानी जीवन को तहस-नहस कर दिया, उसके बाद लोगों की इस महीने के गुजरने का बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार अप्रैल के महीने में 196 लोगों के गुजरने का दर्द हमेशा रिश्तेदार और परिजनों को सालता रहेगा।

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