राजनांदगांव
कांकेर के कोडेकुर्से कैम्प से लापता जवान की तलाश में सर्चिंग तेज
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मई। कांकेर जिले के कोडेकुर्से थाना में पदस्थ एक सहायक आरक्षक के चार दिनों से गुमशुदगी के मामले में पुलिस को अब तक ठोस सुराग नहीं मिला है। बीते 28 अप्रैल से थाना से नदारद मोहन नेताम नामक सहायक आरक्षक के एकाएक लापता होने की खबर से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। बताया जा रहा है कि सहायक आरक्षक राजनंादगांव जिले के औंधी इलाके के रानवाही गांव के आसपास से गायब हुआ है। सहायक आरक्षक मोहन नेताम करीब डेढ़ साल से कोडेकुर्से थाना में बतौर सहायक आरक्षक कार्यरत था। 28 अप्रैल को एकाएक वह बिना बताए थाना से बाहर निकल गया। मोटर साइकिल से निकले जवान की खोज खबर नहीं होने के बाद कांकेर पुलिस में अफरा-तफरी मच गई।
बताया जा रहा है कि रानवाही के पास से जवान की मोटर साइकिल लावारिस हालत में मिली है। इधर कांकेर और राजनांदगांव पुलिस संयुक्त रूप से दोनों जिले की सीमा पर गश्त कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों की भूमिका को लेकर पुलिस को शंका है। पुलिस को एक हस्तलिखित कथित नक्सल पत्र भी मिला है। जिसमें राजनांदगांव कांकेर बार्डर डिवीजन की कम्यूनिस्ट माओवादी के नाम का जिक्र है। वहीं पर्चे में मुखबिरी और जनता विरोधी और जनताना सरकार जिंदाबाद का भी उल्लेख है। बताया जा रहा है कि हस्तलिखित पर्चे का आमतौर पर नक्सली इस्तमाल नहीं करते हैं। सूत्रों का कहना है कि नक्सलियों की कथित अपहरण के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। इधर कांकेर के एएसपी जीएन बघेल जवान की तलाश के लिए मानपुर पहुंच गए। मानपुर के एसडीओपी हरीश पाटिल अन्य अफसरों के साथ उन्होंने जवान के संबंध में जानकारी ली। बताया जा रहा है कि सहायक आरक्षक के लापता होने से अफसर परेशान हैं। नक्सल क्षेत्र होने के कारण कई तरह की भ्रामक खबरें भी अफसरों को मिल रही है। सूत्रों का कहना है कि सहायक आरक्षक चयन से पहले जवान के साथ नक्सलियों ने मारपीट भी की थी। फिलहाल लापता जवान की तलाश में दोनों जिले की पुलिस सरगर्मी से बीहड़ को खंगाल रही है।