महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 25 मई। किसानों के खातों में किसान न्याय योजना की पहली किश्त 21 मई को सरकार ने जमा कर दी थी। इसकी सूचना मिलते ही करीब डेढ़ सौ किसान राशि निकालने के लिए कल पहले दिन ही जिला सहकारी बैंक महासमुंद पहुंच गए। यहां प्रात: बजे से किसानों की भीड़ शुरू हुई और दोपहर 12 बजे के बाद किसानों को वितरण भी शुरू कर दिया गया। लेकिन यहां कोरोना संक्रमण के चलते जिले में लागू धारा 144 व लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आई।
बैंक परिसर में किसान न्याय योजना की राशि लेने पहुंचे किसानों की भीड़ को देखकर आभास होता है कि यहां किसान पैसा नहीं कोरोना घर लेकर जाएंगे। किसानों का कहना है कि बैंक प्रबंधन की लापरवाही की वजह से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। महासमुंद जिला सहकारी बैंक में किसानों को टोकन पद्वति से रुपए वितरण कर रहे हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। काउंटर के सामने किसान रुपए निकालने व विड्राल फार्म जमा करने एक-दूसरे का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। किसान अपनी बारी का इंतजार तक नहीं कर रहे हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का जरा के नियमों का पालन नहीं कराया जा रहा है। बैंक प्रबंधन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
गौरतलब है कि इस बैंक में हर दिन तीन सोसाइटियों के 300 से अधिक किसान रुपए निकालने पहुंचते हैं। जिला मुख्यालय के अन्य बैंकों में भी कुछ इसी तरह का नजारा रहता है। जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक अशोक साहू ने बताया कि पहला दिन है और कुछ कर्मी अवकाश पर हैं। भुगतान के लिए एक काउंटर ही है। समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान धान खरीदी की राशि की तरह ही किया जा रहा है। इसमें बरोंडाबाजार, झालखम्हरिया और खम्हरिया समिति अंतर्गत आने वाले गांवों के किसानों को भुगतान किया जा रहा है।
चिंगरौद, आमाकोनी गांवों के किसान भी कल अंतर की राशि का पहला किश्त निकालने के लिए सुबह 10 बजे से बैंक पहुंचे थे और अपरान्ह तीन बजे तक वे रुपए नहीं निकाल पाए थे। वितरण की प्रक्रिया काफी धीमी थी।
किसानों का कहना है कि रुपए लेकर घर जाते समय शाम हो जाता है। लूटपाट जैसे घटनाओं की आशंका बनी रहती है। किसानों से जानकारी मिली है कि जिले में किसानों को राहत देने के लिए मोबाइल वैन है। इसमें एटीएम मशीन लगा हुआ है, जो हर दिन गांव में जाकर किसानों को रुपए निकालने में सुविधा प्रदान करता है। लेकिन वर्तमान में मोबाइल वैन रायपुर भेज दिया गया है।
इसी वजह से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही कारण हैकि पहली किश्त आने के बाद रुपए निकालने किसानों की भीड़ जिला सहकारी बैंक में लग रही है। किसान सुबह 10 बजे से रुपए निकालने के लिए बैंक पहुंच जाते हैं।