राजनांदगांव
खैरागढ़ के एसआई-एएसआई व महिला आरक्षक पर कार्रवाई के लिए एसपी से गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 मई। खैरागढ़ थाना में पदस्थ एक उप निरीक्षक समेत सहायक उप निरीक्षक और महिला आरक्षक द्वारा बेदम पिटाई किए जाने से आहत एक दलित युवक की पत्नी ने पुलिस कर्मियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते एसपी से न्यायसंगत जांच की मांग की है। बुधवार को कथित पुलिस पिटाई के बाद हताश में आकर पति के आत्महत्या किए जाने के मामले में पत्नी ने सब इंस्पेक्टर मनीष शेंडे, एएसआई घनाराम साहू और एक महिला आरक्षक को दोषी ठहराया है।
बताया जा रहा है कि पीडि़ता मोनिका बाल्मिक खैरागढ़ की रहने वाली है। बीते 9 मई को खैरागढ़ में 32 लाख रुपए के आबकारी गबन के मामले में पुलिस ने करन बाल्मिक को पूछताछ के लिए बुलाया था। पीडि़ता का आरोप है कि पूछताछ के बहाने सभी ने उसके पति की खूब पिटाई की, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गए। चिंताजनक हालत में पुलिसकर्मियों द्वारा अस्पताल में पति को भर्ती कराया गया।
शिकायत में महिला ने यह भी आरोप लगाया कि मारपीट के दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके पति के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया। यहां तक उन्हें पानी भी पीने नहीं दिया गया। पीडि़ता का यह भी आरोप है कि पूछताछ के दौरान पुलिसकर्मियों ने उससे भी सवाल किए। पुरूष पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ भी हाथापाई की। अस्पताल में स्वस्थ होने के बावजूद पति काफी मानसिक रूप से टूट गए थे। इस दौरान पुलिस ने कई बार घर की तलाशी भी ली। इससे तंग आकर 17 मई को पति ने आत्महत्या कर ली।
पीडि़त महिला का आरोप है कि पुलिस के अत्याचार से ही उसके पति ने खुदकुशी की है। बताया जा रहा है कि पूरा मामला खैरागढ़ के शराब दुकान में 32 लाख रुपए के गबन से जुड़ा हुआ है। आबकारी महकमे ने इस मामले में अखिलेश सोनी नामक प्लेसमेंटकर्मी को ही मुख्य आरोपी बनाया है। वहीं गबन में सह अभियुक्त के रूप में करन बाल्मिक को भी आरोपी बनाया गया। इसी संबंध में खैरागढ़ पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी को थाना तलब किया था।
इस संबंध में एसपी डी. श्रवण ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि आबकारी विभाग के जांच प्रतिवेदन में करन बाल्मिक का नाम आरोपी के रूप में दर्ज है। पीडि़त महिला की शिकायतों की भी जांच कराई जाएगी। पुलिस पूछताछ में मारपीट होने की जानकारी ली जा रही है।