राजनांदगांव
नांदगांव-खैरागढ़ वन मंडल में कोरोना चुनौतियों के बीच पखवाड़ेभर में बेहतर तोड़ाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 मई। जिले के राजनांदगांव और खैरागढ़ वन मंडल के अधीन तेन्दूपत्ता समितियां सालाना तेन्दूपत्ता तोड़ाई के लिए मिले लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि बीते तीन साल के बाद यह पहला मौका है, जब दोनों वन मंडल में तेन्दूपत्ता की तोड़ाई निर्धारित लक्ष्य के अनुपात में काफी बेहतर है। राजनांदगांव वन मंडल में जहां 70 प्रतिशत तोड़ाई पूरी हो चुकी है। वहीं खैरागढ़ वन मंडल भी में 82 प्रतिशत तोड़ाई हो चुकी है। कोरोना से उपजी चुनौतियों के बीच वन महकमे के मैदानी अमले ने करीब 15 दिनों के भीतर तोड़ाई के लक्ष्य को पूरा करने कठिन परिश्रम की।
बताया जा रहा है कि खैरागढ़ वन मंडल में 42 हजार मानक बोरा की तुलना में लगभग 35 हजार एक सौ मानक बोरा तेन्दूपत्ता की तोड़ाई हो चुकी है। पखवाड़ेभर में तेन्दूपत्ता तोड़ाई के एवज में संग्राहकों को 13 करोड़ 5 लाख रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है। खैरागढ़ वन मंडल के 27 हजार पंजीकृत संग्राहकों को पारिश्रमिक मिल गया है। बताया जा रहा है कि खैरागढ़ के अंदरूनी इलाकों में रेंज अफसरों के अलावा तेन्दूपत्ता समितियों ने लगन के साथ शासन से मिले लक्ष्य को पूरा किया है।
डीएफओ संजय यादव ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि कोरोना महामारी के बीच महकमे ने लक्ष्य को लगभग पूरा किया है। इसके लिए महकमे के हर कर्मचारी ने कठिन मेहनत की है। उधर खैरागढ़ वन मंडल में भी तोड़ाई का सिलसिला चल रहा है। बताया जा रहा है कि मानपुर वन अनुभाग में ही पत्तों की गुणवत्ता सबसे बेहतर है। दीगर अनुभागों में पत्तों की खराब गुणवत्ता होने से विभाग मानपुर क्षेत्र में ही तोड़ाई पर ध्यान दे रहा है।
डीएफओ गुरूनाथन एस. ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि तोड़ाई का सिलसिला चल रहा है। मानपुर क्षेत्र में भी तेन्दूपत्ता काफी अच्छी स्थिति में है। विभाग ने लगभग लक्ष्य पा लिया है। इस बीच जिले में तेन्दूपत्ता तोड़ाई इस माह के आखिरी तक की जाएगी। बताया जा रहा है कि संग्रहण केंद्रों में अब तेन्दूपत्ता की बोरे में भर्ती की जा रही है, जिसे गोदामों तक जल्द ही पहुंचाया जाएगा।
दुर्ग रेंज सीसीएफ की तोड़ाई पर नजर
दुर्ग रेंज की सीसीएफ शालिनी रैना मौजूदा तेन्दूपत्ता तोड़ाई की सीजन में शासन से मिले निर्धारित लक्ष्य के अनुसार तोड़ाई कार्य पर नजर रखे हुए हैं। वह लगातार खैरागढ़ और राजनांदगांव वन मंडल के अंदरूनी इलाकों में तोड़ाई कार्य का अवलोकन करने के लिए हर थोड़े दिन के अंतराल में दौरा करती रही है। उन्होंने खैरागढ़ वन मंडल के साल्हेवारा, डोंगरगढ़ के अलावा घोर नक्सलग्रस्त गाड़ाघाट संग्रहण केंद्र तक मुआयना करने पहुंची। बताया जा रहा है कि तपती दोपहरी में उन्होंने संवेदनशील इलाकों में तोड़ाई पर विशेष ध्यान देते हुए सघन भ्रमण किया। श्रीमती रैना दुर्ग सीसीएफ होने के नाते अन्य दूसरे विभागीय कार्यों के लिए भी प्रशासनिक दौरे करती रही है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव वन मंडल के अधीन हुए तोड़ाई को लेकर भी उन्होंने समीक्षा बैठक कर दौरा किया। नक्सल क्षेत्र होने के बावजूद उन्होंने बेधडक़ दौरा किया।