राजनांदगांव

झूठे दस्तावेज से कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश नाकाम- हेमा देशमुख
27-May-2021 6:12 PM
झूठे दस्तावेज से कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश नाकाम- हेमा देशमुख

फर्जी टूलकिट मामले में डॉ. रमन बेनकाब, जनता से मांगे माफी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 मई। 
महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के ट्वीट को ट्विटर के मैनिपुलेटेड मीडिया घोषित किए जाने के बाद पूरी तरह से बेनकाब हो चुके हैं। रमन सिंह झूठे दस्तावेज के आधार पर कांग्रेस को बदनाम कर रहे थे और अब उनका झूठ सबके सामने आ चुका है, इसलिए उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।

श्रीमती देशमुख ने ट्विटर द्वारा डॉ. रमन सिंह के टूलकिट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि हजार बार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाता है। भाजपा द्वारा टूलकिट की आड़ में देश और समाज में घृणा फैलाने के इरादे से अफवाह फैलाने, फर्जी दस्तावेजों से कांग्रेस पार्टी को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अपने ऊपर कानूनी शिकंजा कसते देख पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से धरना, आंदोलन, थानों के सामने प्रदर्शन का ढोंग कर ‘मैं भी रमन सिंह, मुझे गिरफ्तार करो’ की मांग कर रहे हैं। 

भाजपा नेताओं को यह भी नहीं पता कि अगर कोई आरोपी किसी राजनीतिक दल का होता है तो उस दल के सभी लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि अब हर देशवासी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का असली चेहरा देख चुके हंै। 

 प्रदर्शन और धमकी से सच झूठ में नहीं बदल सकता
श्रीमती देशमुख ने कहा कि रमन सिंह ने जो दस्तावेज सार्वजनिक किए, वे फर्जी थे। किसी फर्जी दस्तावेज को सही बताकर प्रसारित करना अपराध है। रमन सिंह इन फर्जी दस्तावेजों को सही साबित करने के लिए अगर थाना जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं, निराधार आरोप लगा रहे हैं तो इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। रमन सिंह के प्रदर्शन और धमकी से झूठ सच में नहीं बदल जाएगा। उन्होंने डॉ. सिंह द्वारा अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर दिए गए इस बयान पर कि यह केस मुझे व्यक्तिगत रूप से प्रताडि़त कर डराने एवं मेरी आवाज को दबाकर राजनीतिक द्वेष से मेरी छवि को धूमिल करने के लिए किया जा रहा है, पर कहा कि कांग्रेस ने कभी बदले की राजनीति नहीं की है। 

श्रीमती देशमुख ने कहा कि डॉ. रमन को देश की जनता की नहीं, बल्कि मोदी को अच्छा बनने की ज्यादा चिंता है, इसीलिए फर्जी टूलकिट के माध्यम से कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश रची गई। कांग्रेस की नजर में देश के सभी धर्मों के मानने वाले एक हैं, किन्तु भाजपा हमेशा हिन्दू-मुस्लिम का राग अलापती आई है।

 फर्जी टूलकिट से मोदी सरकार की नाकामी को छुपाने का प्रयास
महापौर श्रीमती देशमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र में बैठी मोदी सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के फर्जी प्रबंधकों की यह जालसाजी कभी सफल नहीं होगी तथा फर्जी टूलकिट कोरोना महामारी के समय सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने की कोशिश मात्र है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में यह लोगों की सेवा करने का समय है। इस वक्त का मुद्दा कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवाओं की कमी और लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने का है। मुद्दा यह भी होना चाहिए कि मोदी सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने में पूरी तरह विफल रही है और मौत के आंकड़ों को क्यों छुपाया गया है? मोदी के बयान के मुताबिक उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी, तब जनवरी 2021 में सिर्फ  एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का आर्डर क्यों दिया गया? मोदी सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी? विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर और दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत देश आज दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की स्थिति में क्यों आ गया? विदेशों से मिल रही मदद को केन्द्र सरकार अपनी उपलब्धि की तरह पेश करने की कोशिश क्यों कर रही है?

 छग में कोरोना के खिलाफ  जंग बाधा डालने की साजिश
श्रीमती देशमुख ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा इस कोरोना काल में अपने झूठ को छुपाने और अपनी नैतिक जिम्मेदारियों से बचने व लोगों का ध्यान भटकाने आंदोलन कर रही है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस तरह से पूरी व्यवस्था को संभाले हुए हैं, उससे भाजपा विचलित हो चुकी है। भाजपा को मालूम है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और गुजरात में जहां उनकी सरकार है, वहां कोरोना के चलते लोगों की कैसी दुर्दशा हो रही है। भाजपा का यह अभियान राज्य सरकार की कोविड के खिलाफ लड़ाई में बाधा डालने का एक कुत्सित प्रयास है। इस धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के लिए प्रदेश के लोग भाजपा को कभी माफ  नहीं कर पाएंगे।

मोदी सरकार की वैक्सीन नीति दिशाहीन
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की वैक्सीन नीति की दिशाहीनता के चलते आज देश की 130 करोड़ आबादी की मात्र 11 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन की सिंगल डोज और 3 प्रतिशत जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी की ओर से टीका उत्सव घोषित करने के बाद एक महीने में वैक्सीनेशन में 83 प्रतिशत की गिरावट आई है। आज संकट के समय पर बस वैक्सीन सर्टिफिकेट पर मोदी की फोटो है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।

श्रीमती देशमुख ने कहा कि आज राज्यों के मुख्यमंत्री वैक्सीन की कमी की सूचना केंद्र सरकार को भेज रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की फेल वैक्सीन नीति के चलते सब कुछ चौपट है। दुनिया के बड़े-बड़े देश पिछले साल ही अपनी जनसंख्या से कई गुना वैक्सीन के ऑर्डर कर चुके थे, लेकिन मोदी सरकार ने अपनी 130 करोड़ की आबादी के लिए सिर्फ एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया। इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ्त में भेंट भी की। जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी। सरकार ने एक मई से 18-44 आयु वर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले, लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के आर्डर दिए। जिससे केवल 14 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन लगाना संभव है।कोरोना संक्रमण को रोकने में दुर्ग की सफलता की देश भर में चर्चा, सीएम ने की प्रशंसा

 

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