रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 मई। देश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार के खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित नई इकाईयों की स्थापना एवं पुरानी इकाईयों के सुदृढ़ीकरण हेतु अगले पांच वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ रूपए लागत की एक परियोजना प्रारंभ की गई है। इस परियोजना के अन्तर्गत नई खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना अथवा पूर्व से संचालित खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के विस्तार हेतु भारत सरकार द्वारा लागत की 35 प्रतिशत (अधिकतम 10 लाख रूपए) राशि का अनुदान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इस परियोजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तरीय तकनीकी संस्था के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को नामित किया गया है। परियोजना के अन्तर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय रायपुर एवं कृषि विज्ञान केन्द्र जगदलपुर में खाद्य प्रसंस्करण हेतु पौने तीन करोड़ रूपए लागत वाले इन्क्यूबेशन सेन्टर भी स्थापित किए जाएंगे जहां छोटे व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषक संगठनों एवं स्व-सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण संबंधित आवश्यक अधोसंरचनाएं, मशीनरी, एवं बुनियादी सुवधिाएं मुहैया कराई जाएंगी।
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों के लिए एक-एक उत्पाद का चयन किया गया है। इनमें चावल के प्रसंस्कृत उत्पाद, फलों एवं सब्जियों के प्रसंस्कृत उत्पाद (आम, पपीता, टमाटर, सीताफल, काजू, लीची), लघु वनोपज, मसाला फसलों के प्रसंस्कृत उत्पाद (अदरक, हल्दी, इमली, कोदो, कुटकी), चाय, गुड़, मछली एवं डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इन उत्पादों पर आधारित प्रसंस्करण उद्योग लगाने के हेतु उद्यमियों को अधिकतम 10 लाख रूपए तक (35 प्रतिशत) अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
परियोजना लागत की 10 प्रतिशत राशि उद्यमी को लगानी होगी तथा शेष राशि बैंक लोन के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का लाभ निज उद्यमी, समूह, सहकारी संस्थान, कृषक संगठन, स्व-सहायता समूह आदि ले सकते हैं। योजना के तहत उद्यमी जिला उद्योग केन्द्र में आवेदन कर सकेंगे। आवेदनों की जांच के पश्चात उपयुक्त पाए गए आवेदन राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी