रायपुर

ब्लैक फंगस खतरनाक बीमारी के रूप में उभरेगी, वेबीनार में विशेषज्ञों की राय
29-May-2021 5:13 PM
ब्लैक फंगस खतरनाक बीमारी के रूप में उभरेगी, वेबीनार में विशेषज्ञों की राय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 29 मई। पं.जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के पैथोलॉजी विभाग एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने राष्ट्रीय वेबिनार का सफल आयोजन किया। जिसमें आज की ज्वलंत चिकित्सकीय समस्या -‘म्यूकरमाइकोसिस- एन इर्मजिंग चैलेंज इन कोविड पेंडेमिक’ विषय पर विचार विमर्श  किया गया।

चंडीगढ़ के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर व पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश चन्दर विषय विशेषज्ञ  के रूप में मुख्य वक्ता थे। डॉ. चन्दर भारत में मेडिकल माइकोलॉजी के पितामह के रूप में जाने जाते हैं, और बहुत प्रसिद्ध और प्रचलित किताब ‘टेक्स्ट बुक ऑफ मेडिकल माइकोलॉजी’ के लेखक हैं।

 कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. अरविन्द नेरल ने अपने स्वागत उद्बोधन में म्यूकर माइकोसिस को कोविड पेंडेमिक में एक एपेडेमिक के रूप में प्रतिपादित करते हुए वेबिनार की भूमिका बांधी। माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर विभागाध्यक्ष डॉ. निकिता शेरवानी ने मुख्य वक्ता का औपचारिक परिचय दिया। डॉ. जगदीश चन्दर ने अपनी ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति में बताया कि फंगस का रंगों के आधार पर नामकरण करना वैज्ञानिक रूप से गलत परिपाटी है। म्यूकर माइकोसिस वास्तव में काले रंग के नहीं होते हैं बल्कि उनके द्वारा होने जाने वाली बीमारी म्यूकर माइकोसिस में जो घाव बनते हैं, वो टिश्यू नेक्रोसिस के कारण काले रंग के हो सकते हैं।

डॉ. जगदीश  चन्दर ने बताया कि उन्होंने अपनी लिखी किताब में 2017 में ही इस बात की शंका जाहिर की थी कि म्यूकर माइकोसिस आने वाले कुछ ही वर्षों में भारतवर्ष में एक खतरनाक बीमारी के रूप में उभरेगी।

इसके मुख्य कारणों में अनियंत्रित ब्लड शुगर, स्टेरॉयड्स का बेवजह दुरुपयोग, संक्रमित मास्क का गलत ढंग से इस्तेमाल किया जाना, मरीजों को ऑक्सीजन दिये जाते समय उचित सावधानियां न बरतना, कोविड मरीजों में आयरन की अधिकता, उनकी रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का कम होना, नाक व मुँह की स्थानीय इम्यूनिटी का कम होना है। इन सभी और अन्य संभावित कारणों पर एविडेंस बेस्ड अध्ययन व शोध की आवश्यकता  है। अपने 45 मिनट के प्रस्तुतीकरण में उन्होंने म्यूकर माइकोसिस के विभिन्न प्रकार, फंगस की संरचना, लैब डायग्नोसिस और उपचार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत व्याख्यान दिया।

 पैथोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी ने पिछले कुछ दिनों में विभाग में आये सैम्पल्स की हिस्टोपैथोलॉजी स्लाइड्स का सचित्र विवरण प्रस्तुत किया जिसमें रक्त वाहिनियों में म्यूकर फंगस दर्शाये गये और निदान के लिये इनकी संरचना प्रदर्शित की गयी। विभागाध्यक्ष डॉ. अरविन्द नेरल ने जानकारी दी कि जू़म प्लेेटफॉर्म और यू ट्यूब लाईव में लगभग 35 सौ चिकित्सकों ने भाग लिया। कोयम्बटूर, नागपुर, सेवाग्राम, भोपाल, चंडीगढ़, भुवनेश्वर और प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के चिकित्सा शिक्षकों   ने भाग लिया। जूम के चैट बॉक्स में पूछे गए अनेक सवालों के डॉ. जगदीश चन्दर ने जवाब दिए।

अन्य पोस्ट

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news