महासमुन्द
अप्रैल-मई में 64 हजार 800 से ज्यादा परिवारों को मिला रोजगार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 मई। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव एवं लॉकडाउन के बीच श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी। जिले में कोरोना संक्रमण की कमी आने पर जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन में कुछ छूट के साथ शिथिल किया है। इससे रोजी.रोजगारी और व्यापार से लेकर दैनिक मजदूरी करने वाले श्रमिकों को भी बहुत राहत मिली है। जिले के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत् चल रहे कार्य में लोग आने लगे हंै। कल शुक्रवार को जिले में 1 लाख 16 हजार 59 श्रमिकों ने मनरेगा के तहत् चल रहे विभिन्न कार्यों में काम किया।
मालूम हो कि जिले के सभी ब्लॉकों में मनरेगा का काम चल रहा है। जिले में कोविड.19 के संबंध में जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए एवं आवश्यक सुरक्षात्मक उपायों के साथ मनरेगा के कार्य सुचारू रूप से जारी रखने को कहा गया है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश छिकारा ने बताया कि जिले में कल 1 लाख 16 हजार 59 श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। जिसमें जनपद पंचायत महासमुन्द में 24 हजार 826, बागबाहरा में 27 हजार 050, पिथौरा में 20 हजार, 827, बसना में 20 हजार 861 एवं सरायपाली में 22 हजार 495 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। माह अप्रैल.मई दो माह में जिले के 64 हजार 858 परिवारों के 1 लाख 25 हजार 702 सदस्यों को 16.21 लाख दिवस का रोजगार मुहैया कराया गया है। यह दिए गए लक्ष्य का 77 प्रतिशत् से अधिक है। अधिकारियों ने बताया कि इन दो माह में 28 करोड़ 10 लाख पारिश्रमिक का भुगतान होना है। इसमें से अधिकांश मजदूरों का भुगतान हो चुका है। कुछ श्रमिकों को भुगतान इसी माह के अंत तक हो जाएगा।