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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 1 मार्च। राजिम कुंभ कल्प मेला में मनोरंजन के विभिन्न साधन आए हुए हैं। मेला क्षेत्र के नदी परिसर में लगे जय भूलोक-नरकलोक की झांकी में मेलार्थियों की अधिक भीड़ देखी जा रही है। इसका आकर्षक लाईटिंग एवं साउंड सिस्टम राह चलते दर्शकों को अपनी ओर खींच रही है।
झांकी में एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल, बुरे कर्म की सजा जैसे पढ़ाई न करना, ज्यादा मोबाइल खेलने, कर्ज लेकर जान-बूझकर उसे न चुकाने, नशा, आत्महत्या करने, किसी प्रियजन की मृत्यु पर शोक करने वाले मनुष्य को संदेश दिया गया है कि कर्म पथ पर चलते हुए मन, वचन और कर्म से शुद्ध एवं सात्विक रहना चाहिए। झांकी के माध्यम से बताया है कि किसी भी प्रकार से बुरे कर्म की सजा यहीं मिलती ही। यही स्वर्ग है और नरक भी यही है। कुछ डरे, सहमें और जिज्ञासावश बच्चे, युवा और बुजुर्ग वर्ग भी यह झांकी देखकर अति प्रसन्न हो रहे है और बाहर में आकर इसकी चर्चा बाहर में करते नजर आ रहें है। राजिम कुंभ में यह आकर्षण बना हुआ है।
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गरियाबंद, 29 फरवरी। गरियाबंद जिले के डोंगरीगांव में घरेलू विवाद में पति ने पत्नी को भैसातरा के जंगल में ले जाकर गर्दन में पेंचकस घोंपकर हत्या कर दी, हत्या के बाद थाने में जाकर आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर 302 का मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया।
मृतिका फलेश्वरी के पिता जूनाडीह निवासी प्रमेश साहू की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया। मिली जानकारी के अनुसार पति-पत्नी की पूर्व विवाद के चलते बुधवार को पेशी में आए हुए थे, किसी बात को लेकर विवाद के चलते भैसातरा के तेंदू जंगल खार में ले जाकर पत्नी की पेंचकश घोपकर हत्या कर आरोपी नुमेश साहू खुद थाने पहुंचकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर मृतिका का शव बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा, वहीं पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच में जुट गई है। आरोपी कोतवाली क्षेत्र के डोंगरी गांव का रहने वाला है और बर्फ गोला बेचने का काम करता है।
नवापारा-राजिम, 29 फरवरी। डयोढीपार देशहां सेन समाज अभनपुर परिक्षेत्र के अध्यक्ष मुरारी सेन एवम जितेंद्र सेन (परिक्षेत्र पंच), रुद्र सेन रायपुर ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में वैशाली नगर विधायक सेन समाज के गौरव रिकेश सेन से सौजन्य भेंट मुलाकात किया। आगामी माह 9 मार्च शनिवार को सामाजिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि रिकेश सेन विधायक जी को आमंत्रित किया गया। विधायक ने सहृदय अभनपुर परिक्षेत्र के अध्यक्ष मुरारी सेन एवं जितेंद्र सेन के आमंत्रण को स्वीकार किया। विधानसभा में समाज से आए लोगों से सहजता पूर्वक आत्मीय मुलाकात किया। विधायक जी ने कार्यक्रम मे आने का आश्वासन भी दिया।
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राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के संगम तट पर पैरी, सोढ़ूर और महानदी का संगम है। नदी के बीच में भगवान शिव का विशाल मंदिर है, जिसे श्री कुलेश्वनाथ महादेव के नाम से ख्याति प्राप्त है। कहा जाता है कि वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता के साथ यहीं पर स्थित लोमष ऋषि के आश्रम के कुछ दिन गुजारे थे। उसी दौरान माता सीता ने नदी की रेत से भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा -अर्चना की थी। तभी से इस शिवलिंग को कुलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
इस खुरदुरे शिवलिंग को माता सीता ने अपने हाथों से बनाया था, जिसके निशान होने की बात जन मानस में प्रचलित है। चूंकि यह शिवलिंग क्षरण के कारण अपना मूल स्वरूप शनै: शनै खोता जा रहा है, इसलिए इस शिवलिंग की सुरक्षा के लिए ऊपर से जाली लगाकर शिवलिंग को ढक दिया गया है। ताकि शिव भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना में उपयोग किए जाने वाले वस्तुओं से शिवलिंग की सुरक्षा की जा सकें।
भगवान श्री कुलेश्वनाथ को लेकर मान्यता है कि बरसात के दिनों में कितनी भी बाढ़ आ जाए। यह मंदिर डूबता नहीं है। कहा जाता है बाढ़ से घिर जाने के बाद नदी के दूसरे किनारे पर बने मामा-भांचा मंदिर को गुहार लगाते हैं कि मामा मैं डूब रहा है मुझे बचा लो। तब बाढ़ का पानी कुलेश्वरनाथ महादेव के चरण पखारने के बाद बाढ़ का स्तर स्वत: कम होने लगाता है। आज भी इस मान्यता को लोग कोई श्रद्धा से स्वीकाते हैं।
कहा तो यह भी जाता है कि राजिम के स्वर्ण तीर्थ घाट के समीप बने संत कवि स्व. पवन दीवान के आश्रम में स्थित प्राचीन मंदिर जिसमें एक गुफा भी है, जहां पर काली माता की मूर्ति विराज माना है। इस मंदिर से निकली सुरंग, सीधे कुलेश्वरनाथ मंदिर तक पहुंचती है। संभवत: बरसात के दिनों में पुजारी इसी सुरंग से होकर भगवान कुलेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना के लिए जाया करते होंगे। चूंकि अभी ये सुरंग बंद हो चुकी है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह शोध का विषय हो सकता है।
लोमश ऋषि आश्रम के संदर्भ में है कई किंवदंतिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 फरवरी। छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले धर्म नगरी राजिम में भगवान वास करते हैं। इसका साक्षात उदाहरण भगवान श्री राजीव लोचन और श्री कुलेश्वर नाथ महादेव है, जिसके आशीर्वाद से हर वर्ष राजिम मेला बिना किसी रूकावट के संपन्न होता है। इसके साथ ही प्रयाग क्षेत्र में स्थित लोमश ऋषि आश्रम है। लोमश ऋषि आश्रम के संदर्भ में कई किंवदंतियाँ है।
मान्यता है कि आज भी लोमश ऋषि सबसे पहले भगवान राजीव लोचन भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके कुछ साक्ष्य परिणाम यहां के पुजारियों को परिलक्षित हुए। कहा जाता है कि भगवान श्री राम वन गमन के दौरान कुछ दिनों तक राजिम स्थित लोमष ऋषि के आश्रम में ठहरे थे और यहीं पर चित्रोत्पला गंगा महानदी की रेत में शिवलिंग बनाकर पूजा-आराधना की थीं जिन्हें वर्तमान में कुलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता हैं।
इस शिवलिंग में बने खुरदुरे निशानों को सीता के हस्त कमल के निशानों की संज्ञा दी जाती हैं। राजिम के कुछ बुजुर्गों ने यहां तक दावा किया है कि सुबह नदी में कभी भी अचानक लंबे पैरो के निशान दिखाई देते हैं, जो संभवत: लोमष ऋषि के ही हो सकते हैं। आज भी राजिम में लोमश ऋषि का आश्रम विद्यमान है। यहां उनकी एक आदमकद प्रतिमा स्थापित हैं जिनकी नित्य पूजा अर्चना वहां के पुजारी किया करते हैं। यहां पर बेल के अत्यधिक पेड़ होने के कारण इसे बेलाही घाट भी कहा जाता हैं। प्राकृतिक दृष्टि से भी यह बहुत मनोहारी है यहां आने से एक प्रकार से शांति का अनुभव होता है। आश्रम के प्रवेश द्वार ऐसे बने है जैसे वे हर दर्शनार्थियों के स्वागत के लिए खड़े है। उनके दोनों किनारे में बने बाग-बगीचे विभिन्न रंगो में खिले फूल मन को अति प्रसन्न करते है। राजिम कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था, श्रद्धा और आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह आकर मेलार्थी घंटों समय व्यतीत करता है और अपनी थकान मिटाकर अपनी गंतव्य की आगे बढ़ते हैं।
नवापारा-राजिम, 29 फरवरी। पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू ने बुधवार को कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मौलश्री विहार रायपुर स्थित निवास पहुँचकर उनकी माता पिस्तादेवी अग्रवाल जी की निधन पर श्रद्धांजलि दी।
श्री साहू ने कहा कि ममता की साक्षात प्रतिमूर्ति श्रीमती अग्रवाल के दिए संस्कारों पर चलकर उनके सुपुत्र बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने लगातार प्रयत्नशील रहे हैं। यह श्रीमती अग्रवाल का आशीर्वाद ही है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में श्री अग्रवाल आज तक अजेय हैं। माताजी का निधन नि:संदेह श्री अग्रवाल के लिए असहनीय है।
इस महादु:ख की घड़ी में हम सभी श्री अग्रवाल व उनके परिवार के साथ हैं और ईश्वर से श्रीमती अग्रवाल की पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने व श्री अग्रवाल और उनके परिवार को इस महादु:ख को सहन करने की संबल प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं ।
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गरियाबंद, 29 फरवरी। जनचौपाल में कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से आये नागरिकों, ग्रामीणजनों की मांग, समस्याओं एवं शिकायतों को सुनकर आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
जनचौपाल में 55 आवेदन प्राप्त हुए। इस दौरान नागरिकों ने बारी-बारी से अपनी समस्याओं, मांगों एवं शिकायतों से संबंधित आवेदन प्रस्तुत किये।
जनचौपाल में ग्राम मड़ेली के थानेश्वर साहू ने सेल्समेन एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर नियुक्ति पर स्टे (रोक) लगाने, ग्राम खरखरा की ओम बाई पटेल ने मुआवजा राशि दिलाने, ग्राम बनगवा के रुपेश कुमार साहू ने मजदूरी की राशि दिलाने, ग्राम गाड़ाघाट के दुष्यंत साहू ने अपूर्ण सीमांकन को पूर्ण कराने, ग्राम नागाबुड़ा की श्यामबाई ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की लंबित राशि का भुगतान कराने, ग्राम अमलीपदर की गीतादेवी ध्रुव ने वारिसान प्रमाण पत्र प्रदान करने, ग्राम पंचायत कोसमी के सरपंच डमेश्वरी ने देवगुड़ी निर्माण की राशि प्रदाय करने, ग्राम द्वारतरा के नोहर सिंह ने वन अधिकार पट्टा प्रदान करने, ग्राम कारीडोंगरी के भुखम सिंह नागेश ने क्षतिपूर्ति की राशि दिलाने, ग्राम परस_ी के अमित कुमार साहू ने जमीन का सीमांकन करने एवं हीना साहू ने शौचालय निर्माण की स्वीकृति, ग्राम झिरीपानी, निष्टीगुड़ा एवं झाखरपारा के किसान संघर्ष संघ ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वंचित 11 ग्रामों का बीमा राशि प्रदाय करने आवेदन प्रस्तुत किये।
इस पर जिला पंचायत सीईओ ने संबंधित अधिकारियों को पात्रता अनुसार लाभान्वित करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर अपर कलेक्टर अविनाश भोई सहित जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
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नवापारा-राजिम, 29 फरवरी। नवापारा के सोमवारी बाजार वार्ड में रहने वाले बसंत देवांगन के 11 वर्षीय पोते चंद्रेश का पिछले दिनों एक दुर्घटना में निधन हो गया। देवांगन परिवार के दुख में सहभागी बनने पूर्व कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू मंगलवार देर शाम बसंत देवांगन के निवास पहुंचे।
इस दौरान श्री साहू ने देवांगन परिवार के सदस्यों से मासूम चंद्रेश के असमय निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि चंद्रेश के दादा बसंत से मेरा पुराना परिचय है, जिसके चलते मैं इस परिवार का सदस्य हूं। उसके निधन से मुझे भी व्यक्तिगत क्षति हुई है और मैं भी आहत हूं।
श्री साहू ने कहा कि मासूम चंद्रेश पूरे देवांगन परिवार का लाड़ला था, उसके निधन से देवांगन परिवार में जो स्थान रिक्त हुआ है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी, लेकिन नियति के आगे हम सभी नतमस्तक हैं और नियति के इस निर्णय को हम सभी को स्वीकार कर आगे बढऩा होगा।
श्री साहू ने बसंत देवांगन को ढांढस बंधाते हुए कहा कि परिवार का मुखिया होने के नाते उन्हें खुद अपने परिवार को इस गहन दुख से बाहर निकालने की जिम्मेदारी उठानी है। मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं और मैं परम पिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि वे मासूम चंद्रेश की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
इस दौरान भाजपा मंडल नवापारा के महामंत्री नवल साहू, भाजपा नेता हितेश मंडई, युवा भाजपा नेता ईश्वरी देवांगन, डीहूराम साहू,सुधीर रजक,भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवांगन,मिश्री लाल साहू, देवांगन परिवार के सदस्यगण,व सोमवारी बाजार निवासी मौजूद थे।
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नवापारा-राजिम, 29 फरवरी। श्री रामलला अयोध्या दर्शन(अयोध्या धाम) योजना छग शासन की महत्वपूर्ण योजना में से एक है, जिसका आगाज शासन स्तर आदेश हो चुका है, किन्तु अभी विधिवत कलेक्टर से सीईओ जनपद को मिलने वाला है, जो शीघ्र ही इसी सप्ताह स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायत व नगरपालिका को पात्र हितग्राहियों से आवेदन लेने की प्रकिया की शुरूआत हो जाएगी।
भाजपा नेता टीकम चन्द साहू ने बताया कि जिला स्तरीय सात सदस्यीय कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति का गठन हुआ है, जिसमें सीईओ जिला पंचायत,उप संचालक समाज कल्याण विभाग, सीएमएचओ, जिले के सत्कार अधिकारी और एक नामांकित सदस्य की टीम यात्रियों के नाम तय करेगी।
ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में आवेदन लेकर जनपद के द्वारा सूचीबद्ध कर कलेक्टर को भेजा जाएगा, जहां पर जाने वाले पात्र यात्रियों की स्वीकृति होगी। आवेदन की प्रकिया आफ लाईन और आन लाइन पोर्टल पर भी किया जा सकता है, जिसमें स्वयं की फोटो एवं निवास के साक्ष्य के लिए आधार, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाईसेन्स,मतदाता परिचय पत्र या बिजली बिल में से कोई भी एक दस्तावेज लगना है, 18 से 75 वर्ष की आयु वाले रहेंगे किन्तु अभी 55 वर्ष से ऊपर वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि की 16वीं किश्त की जारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के पांचवे दिन कुलेश्वर मंदिर के पास बने डोम में जैविक कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राजिम नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर राजिम एवं जगदीश साहू विशेष रूप से मौजूद थे।
इस अवसर पर उपस्थित किसानों को कृषि वैज्ञानिकों ने जैविक खेती करने के लिए जोर देते हुए जैविक खेती के फायदे बताए। जिससे किसान कम लागत में जैविक पद्धति से अधिक उत्पादन देते हुए लाभ कमा सकते हैं। जैविक खेती के लिए जैविक पोषक तत्वों को तीन भागों में बांटा है। जिसमें जीवामृत, बीजामृत, घन जीवामृत के निर्माण से खेती के पोषक तत्व देने की विधि बताई। कृषि को कीटों से बचाने के लिए ब्रह्मास्त्र और नीमास्त्र बनाने की विधि इस कार्यक्रम में किसानें को दी गई। साथ ही क्षेत्र के उनके किसानों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, जिन किसानों ने जैविक कृषि पद्धति अपनाकर लाभ कमाया।
साथ ही आज किसान दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र के यवतमाल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान राशि की 16वीं किस्त जारी करते हुए उपस्थित किसानों को वर्तवली संबोधित भी किया। जिसमें किसानों ने पूरे ध्यान से सुनते हुए जैविक खेती को अपनाने के लिए संकल्पित हुए। उपस्थित कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सवालों के जवाब देकर उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए शंका का निवारण भी किया। साथ किसानों को कृषि आधारित अनुदान की राशि चेक देकर प्रदान किया। इसके अलावा मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालक को प्रोत्साहन देने के लिए मछली जाल एवं अन्य उपकरण देकर उन्हें मछली पालन के लिए प्रोत्साहित किया।
छत्तीसगढ़ राज्य बीज प्रमाणीकरण के प्रबंध संचालक बी.ए. आसना ने किसानों को बताया कि किसान के लिए उत्तम बीज का चयन करना बहुत ही जरूरी होता है क्योकि अच्छे बीज से ही फसल वृद्धि होती है। पहले बिना रासायनिक खाद के खेती की जाती थी, जो नुकसानदायक नहीं होती थी। किसी प्रकार से इसके हानिकारक प्रभाव नहीं होते है। लेकिन आज फसलों में कीटनाशक दवाई का प्रयोग कर मानव शरीर में विष घोल रहे है।
जैविक कृषि के लिए किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि जैविक खेती कृषि की वह पद्धति है जिसके द्वारा पर्यावरण जल एवं वायु को प्रदूषित किये बिना तथा भूमि की सजीवता जल की गुणवत्ता जैव विविधता को दीर्घकालीन एवं टिकाऊ उत्पादन प्राप्त किया जाता है। राज्य में विभिन्न योजनाओ के माध्यम से जैविक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने एवं उन्हें प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य में प्रमाणिक जैविक खेती को बढ़ावा देने प्रसार-प्रसार गतिविधि एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कृषकों द्वारा उत्पादित जैविक खाद्यानों का प्रमाणीकरण मूल्य संवर्धन एवं विपणन हेतु प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर कृषि विभाग गरियाबंद के उप संचालक चंदन कुमार रॉय एवं अतिथियों की उपस्थिति में किसान समृद्धि योजना के तहत चेक वितरण किया गया। किसानो को 35 हजार रूपये की चेक राशि लोमश, कन्हैया, दौलत, यशवंत साहू को दी गई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड अमर, लता, गिरधर यादव को दिया गया है। जैविक खेती मिशन सम्मान प्रमाण पत्र संजू, चारो बाई, पुरुषोत्तम, बालचंद, कृपाराम को प्रदान किया गया। मिट्टी नमूना कार्ड सम्मान सोमजीत और समारू को मिला। साथ ही मछली जाल एवं बॉक्स का वितरण भी किया गया।
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राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के पांचवे दिन स्थानीय कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। मंच पर नवागांव के राम खिलावन एवं साथियो द्वारा फाग गीत की प्रस्तुति देकर होली मय माहौल बनाया। जब नगाड़े की आवाज और मुख मुरली बजाय छोटे से श्याम कन्हैया..... झन जा राधा होबे लाले लाल ओ....... और उड़ते हुए गुलालों ने मंच को होलीमय कर दिया जिसे दर्शक भी फाग गीत के धुनों के रंग में रंग गये।
इसके पूर्व खेमीन निषाद राजपुर छुरा ने पण्डवानी की प्रस्तुति दी गई, जिसमें पासा हारने के बाद पांडव को ग्यारह वर्ष का बनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास अपने ओजपूर्ण आवाज में और वीर रस का संयोजन करके कथा की प्रस्तुति दी गई।
देवेन्द्र सेन भोथली कुरूद ने रामायण के अंश बाल लीला और 22 जनवरी को स्थापित राम लला का सुंदर व्याख्यान किया, जिसे दर्शक बिना पलके झपकाये राम के बाल क्रीडाओ का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। भावगत निषाद रायपुर ने भजन संध्या में भागवान तक पहुंचने के विभिन्न माध्यमों को गीत के द्वारा बताया जिसे दर्शक सुन भजन में चलने वाले राम न चले हनुमान के बिना...... ऐसे गीतो ने दर्शकों के दिल को छू लिया। बकली के मंशादास ने सतनाम मंगल भजन के गीतो के माध्यम से बाबा गुरू घासीदास के सतनाम पंथ की स्थापना और उसका पालन को बताया उस समय मंच सहित दर्शक भी घासीदास बाबा की जयकारा करने लगे तुलाराम साहू राजिम ने मंच में भक्तिपूर्ण गीत जय हनुमान ज्ञान गुण सागर......के साथ और विविध भजन की प्रस्तुति मंच पर दी, जिस कारण मंच और दर्शक दीर्घा भी भक्ति के सागर में डूब गये भक्ति की सागर से निकल ही पाये थे कि गरियाबंद के प्रेम यादव ने मंच पर बारहमासी नृत्य जिसमें गेड़ी से ले के सुआ नृत्य तक दिखायी गई। ये नृत्य एक दर्शकों को छत्तीसगढ़ के दर्शन कराने का एक प्रयास था।
कोसमबुड़ा के गिरवर धु्रव लोककला मंच से पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से की उसके बाद छत्तीसगढ़ी गीतों में से सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी गई। अनिता वर्मा रायपुर ने सुगम संगीत की प्रस्तुति जब दी तो दर्शक भी इस सुगम संगीत का आनंद लेते हुए नजर आये बोदल गुण्डरदेही जोगेन्द्र साहू ने जसगीत की प्रस्तुति जिसमें मां जगदम्बा असुरो की नाश करने की झांकी दिखाई गई। इस कार्यक्रम का संचालन सुखेन साहू, थानू निषाद, किशोर निर्मलकर, दिनेश्वर साहू, नरेन्द्र साहू, भागीरथी साहू, राजेन्द्र पांडे, राकेश साहू, रेखराज साहू की उपस्थिति में सम्पन्न होती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 28 फरवरी। गरियाबंद मुख्यालय के हृदय स्थल गांधी मैदान वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दो दिवसीय गरियाबंद चैंपियन ट्रॉफी वॉलीबॉल महिला वर्ग का आयोजन स्थानीय कान्हा युवा मण्डल गांधी मैदान के बैनर तले किया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ के 6 नामचीन महिला टीम को आमंत्रित किया गया था।
उक्त चैंपियनशिप में बीएसपी भिलाई, भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, खमरिया तथा गरियाबंद की टीम सम्मिलित थी। लीग कम लीग पद्धति से पहली बार खेले गए इस चैंपियनशिप में भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर एवं खमरिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। पांच सेट के इस रोमांचक मुकाबला में भारतीय खेल प्राधिकरण रायपुर ने 3 - 0 से यह मैच जीत लिया।
गांधी मैदान में स्थानीय कान्हा युवा मण्डल
वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित दो दिवसीय गरियाबंद चैंपियन ट्रॉफी वॉलीबॉल महिला वर्ग का आयोजन किया गया, जिसके समापन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि युगल किशोर पांडे, विशिष्ट अतिथि गैंदलाल सिन्हा, विमला साहू, अजय दासवानी, के पी श्रीवास के शुभ हाथों विजेता टीम को 26 हजार तथा उपविजेता टीम को 12 हजार नकद राशि के साथ-साथ आकर्षक चैंपियन कप प्रदान किया गया। इस पूरे चैंपियनशिप में पृथक रूप से बेस्ट स्पाइकर, सेटर, ब्लॉकर, सर्विसर तथा लिब्रो का चयन कर व्यक्तिगत आकर्षक पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
वहीं गरियाबंद वॉलीबॉल का नर्सरी कहलाता है। इस शहर से सैकड़ों राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं और वर्तमान में निकल भी रहे हैं, इस वर्ष स्कूल विभाग द्वारा संचालित खेल प्रतियोगिता में 4 खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्तर तथा ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी लेवल पर अपना परचम लहराया है। इन खिलाडिय़ों को बाबू स्पोर्ट्स के संचालक मो.अख्तर भाई द्वारा अपने मरहूम पिता मो.अकबर अधिवक्ता की स्मृति मे आकर्षक मुमेंटो तथा 62 प्रशिक्षु बच्चों को मेडल देकर सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य में पुरष वर्ग का चैंपियनशिप हजारों के तादात में होता है, पर महिला वर्ग के लिए गिने चुने चार से पांच जगह ही आयोजन किया जाता है, जिसमें गरियाबंद को पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा आयोजन के लिए जाना जाता है, जिसका पूरा श्रेय कान्हा युवा मण्डल के संयोजक अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी तथा नगर खेल द्रोणाचार्य से सम्मानित संजीव साहू को जाता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बतौर युगल किशोर पांडे ने कहा कि आयोजकों एवं खिलाडिय़ों को विशेष शुभकामनाएं दिए, तथा जीत के बाद संयम और हार के बाद परिश्रम का गुर बताए। बाहर से आए कोच, खिलाडिय़ों ने आयोजन के आलावा आवास भोजन, मैदान एवं गरियाबंद के दर्शक दीर्घा का जमकर तारीफ किए।
गांधी मैदान वॉलीबॉल ट्रेनिंग सेंटर के अध्यक्ष विनय दासवानी एवं प्रकाश रोहरा ने अगले वर्ष और भी ज्यादा आकर्षक चैंपियनशिप कराने का आश्वासन खिलाडिय़ों को दिए हैं। मैच को निर्विवाद रूप से संचालित करने के लिए आए निर्णायकों को स्मृति चिन्ह के अलावा नकद राशि तथा टी शर्ट प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन करते हुए सूरज राव महाडिक वॉलीबॉल कोच ने सभी अतिथियों, कोच तथा खिलाडिय़ों, खेल प्रेमी ,खेल आयोजन में सहयोग देने वालों (प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष ) को आयोजन समिति की ओर से कृतज्ञता जाहिर करते हुए लोगों से बेटियों को पढ़ाई के साथ -साथ खेल मैदान तक भेजने का अपील की। इस चैंपियनशिप को राज्य में पहचान देने वाले वो कर्मयोगी जिनके सहयोग से यह सब संभव हो पाया, जिनमे सर्व गफ्फार (गफ्फू) मेमन नगर पालिका अध्यक्ष गरियाबंद, मनोज खरे , प्रहलाद टिंकू ठाकुर, संदीप सरकार, गैंदलाल सिन्हा, विनय दासवानी प्रकाश रोहरा, अजय दासवानी, ऋतिक सिन्हा, ऐश्वर्य यदु, के पी श्रीवास, गिरीश शर्मा, आनंद झा, अख्तर भाई, सूरज राव महा डिक,महेंद्र यादव, जीतू सेन होरी यादव, रमेश यादव,रवि यादव,रहासो यादव,आकाश तिवारी, लल्लू यादव,धीरज बिहारी के नाम प्रमुख है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ शासन के धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव की थीम पर सजाया गया है। साथ ही विभिन्न धार्मिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में मेला स्थल के नदी तट पर लेजर लाइट प्रदर्शन के लिए संरचना बनाया गया है। जिसमें लेजर लाइट के माध्यम से विभिन्न आकृतिया बन रही है। जिसे दर्शक देख आनंदित हो रहे है। वहीं बड़े स्क्रीन में भगवान श्रीराम से जुड़ी थ्रीडी प्रेजेंटेशन वाली शॉर्ट फिल्म दिखाई जा रही है। इसमें भगवान राम के जीवन चरित्र और आदर्शों को दिखाया जा रहा है। जिसे देखकर मेला आगंतुक भक्ति में भाव विभोर हो रहे है।
इसी के साथ शॉर्ट वीडियो के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न योजनाओ को भी दिखाया जा रहा है। जिसमें महत्वपूर्ण योजना महतारी वंदन योजना के बारे में वीडियो के रूप में जानकारी दी जा रही है। इसके अंतर्गत 1000 प्रतिमाह विवाहित महिलाओं सहित पेंशन प्राप्त करने वाले परित्यक्ता और विधवा महिला को भी उनके प्राप्त पेंशन की अंतर राशि प्रदान की जायेगी। इसी के साथ अन्य योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। जिसे मेला घूमने आये मेलार्थियो को अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो रही है। मेला आगंतुक छत्तीसगढ़ शासन की योजना का पूरा-पूरा लाभ उठाने के लिए जागरूक हो रहे है। इसी तरह मामा-भांजा मदिर से लेकर लोमश ऋषि आश्रम तक सस्पेंसन ओवर ब्रिज (लक्ष्मण झूला) मेलार्थियों को और अधिक लुभा रही है।
उसमे लगे लाइटिंग की ओर दर्शक अधिक आकर्षक हो रहे है।
4 से 6 मार्च तक भक्तों की समस्याओं का करेंगे समाधान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में 3 मार्च से विराट संत-समागम का उद्घाटन होगा। संत समागम के दौरान 3 से 8 मार्च तक हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड आदि स्थानों से बड़ी संख्या में साधु-संतों का आगमन होगा। संत समागम में इस बार गुरूशरण महाराज ‘‘पंडोखर सरकार’’ का दिव्य दरबार भी लगेगा। राजीव अवस्थी ने बताया कि महाराज जी 4, 5 और 6 मार्च को दरबार लगेगा। जिसमें महाराज जी कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन देकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
ज्ञात हो कि महाराज जी काफी लम्बे समय के अन्तराल के बाद वे इस बार राजिम कुंभ में पधार रहें है। भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस लिहाजा से भारी भीड़ होने की संभावना है। शासन द्वारा उनके रहने-ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था कुंभ प्रांगण में की गई है। जहां वे अपने भक्तों से मेल-मुलाकात कर उनकी समस्याओं का निवारण करेंगे।
ज्ञात हो कि पंडोखर धाम एवं गुरूशरण महाराज के प्रति भक्तों की गहरी आस्था है, जिसके चलते आज भी हर महीने आमावस्या पेसी अर्जी करने छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों से सैकड़ों लोग पंडोखर धाम जाकर हनुमान जी महाराज का पूजन अर्चन कर हाथीवान महाराज का दर्शन लाभ प्राप्त कर गुरूशरण महाराज से आशीर्वाद प्राप्त करते है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम छत्तीसगढ़ में महानदी के संगम तट पर स्थित सुप्रसिद्ध तीर्थ है। इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु के नाभि से निकला कमल यहीं पर स्थित था और ब्रम्हा जी ने यहीं से सृष्टि की रचना की इसलिए इसका नाम कमल क्षेत्र पड़ा।
धार्मिक आस्था एवं श्रद्धा का केंद्र होने के कारण यहां अस्थि विसर्जन, पिण्ड दान, श्राद्ध एवं तर्पण, मुंडन संस्कार के कार्य भी किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ के इस प्रयाग नगरी राजिम में इन दिनों राजिम कुंभ कल्प मेला का आयोजन हो रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश के अलावा देश एवं विदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
मेला में पहुंचने वाले कई श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन भी कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति में बच्चों का तीर्थ स्थानों पर मुंडन संस्कार कराने का धार्मिक विधान है। मंदिर के पास बैठे भरत सेन, कृष्णा सेन और मुन्ना सेन ने बताया कि जब से राजिम में कुंभ मेला शुरू हुआ है तब से प्रतिदिन दर्जन भर से ज्यादा श्रद्धालु यहां आकर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार करवा रहें है। उन्होंने आगे बताया कि इन दिनों मुंडन संस्कार कराने वालो की संख्या कम होती है, लेकिन माघी पुन्नी और शिवरात्रि सहित अन्य विशेष पर्व स्नान के दौरान यह संख्या काफी अधिक बढ़ जाती है। कभी-कभी तो ऐसी नौबत आ जाती है कि हमें अपने सहयोग के लिए अन्य सहयोगियों को बुलाना पड़ता है।
कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास यादराम साहू एवं उसके परिवार ने नन्हे शिशु का मुंडन संस्कार कराया। उन्होंने बताया कि वे यहां प्रतिवर्ष आते हैं और धार्मिक कार्य पूजन, कथा कर भगवान कुलेश्वर महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करते है। राजिम सोढूर, पैरी और महानदी का संगम होने के कारण इसे पवित्र माना जाता है इसलिए एक वर्ष होने पर हम अपने बालक का मुंडन कराने आये है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला 2024 में जबलपुर से पधारे साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में महानदी का महाआरती की जा रही है। कुंभ मेला में प्रतिदिन संगम तट पर विशाल मंच से मंत्रोच्चारण के साथ पूरी विधि विधान से महाआरती की जाती है। जिसमें आचार्य-पुरोहितों द्वारा मां गंगा का आह्वान कर पूरी श्रद्धा के साथ वैदिक रीति से आरती उतारी जाती है। उनके लिए तैनात आचार्य तट पर बने 11 मंचों से बैठकर-खड़े होकर फिर चारों दिशाओं में घूमकर मां गंगा के स्वरूप की आरती की जाती है। आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालु शाम से ही अपना स्थान सुरक्षित कर लेते हैं। महाआरती में 11 पंडि़तों द्वारा लयबद्ध तरीके से क्रमवार मां गंगा की आराधना करते हुए आरती करते हैं। तत्पश्चात शिव स्त्रोत और शिव तांडव का सस्वर पाठ पूरे वातावरण में ऊर्जा का संचार करते हुए धर्म, आस्था और श्रद्धा की खुशबू से क्षेत्र का कण-कण आतुर हो राममय हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि आज से कई वर्षों पूर्व राजिम के संत कवि स्व. पवन दीवान जी अपनी काव्यांजलि भगवान राजीव लोचन को जिस भाव से समर्पित की थी। उस भाव की भावना इस गंगा आरती की आत्मा में दिखाई देती है। उन्हीं की रचित कविता की एक लाईन ‘‘कण-कण आतुर हो जाता है, लेकर तेरा नाम, राजीव लोचन तुम्हें प्रणाम.....’’! स्व. दीवान जी की कविता के ये शब्द यकीनन गंगा आरती से उत्पन्न दैप्तियमान ऊर्जा के प्रभाव से राजिम ही नहीं अपितु महानदी की रेत का कण-कण भी आतुरता के भाव से चल-चला जाता है और भगवान राजीव लोचन के चरणों में शीश नवाते हुए अपनी भावांजलि समर्पित करता है।
राजिम सहित क्षेत्रवासियों के लिए सौभाग्य की बात है कि उन्हें साक्षात गंगा आरती की स्वभावानुति का साक्षात्कार करने का अवसर इस कुंभ में मिला। अन्यथा बनारस, प्रयागराज में होने वाली गंगा आरती की या सिर्फ कल्पना की थी या फिर विशेष अवसरों पर टीव्ही के माध्यम से देखने का अवसर मिला। लेकिन राजिम कुंभ कल्प के दौरान होने वाली गंगा आरती का हिस्सा बनकर लोग रोमांच का अनुभव कर रहे हैं। गंगा आरती के भागीदारों से जब पूछा गया कि उन्हें कैसा लगा तो उनके पास शब्द नहीं थे जिसका प्रयोग वे अपनी भावना व्यक्त कर पाते।
राजिम आने वाला हर खासो आम की एक ही ख्वाहिश रहती है कि वह हर-हाल में गंगा आरती में शामिल होकर उसकी साबन सकें। क्योंकि गंगा आरती का दुर्लभ विहंगम दृश्य से कोई भी वंचित नहीं होना चाहता है। जबलपुर से पधारे विद्वान पंडि़तों द्वारा इस आरती की विधिरीति अपने आप में विलक्षण है। उससे ऐसा प्रतीत होता है मानो देवता भी स्वर्ग से उतर कर मां चित्रोत्पला की आरती उतारने राजिम की धरा पर उतर आए हो।
नदी में झिलमिलाते दीपदान के दीपकों की रोशनी समस्त मनों की अंधकार मिटाते हुए पूरा नगर आध्यात्म की रोशनी में डूबने मचल उठता है। जहां श्रद्धा और भक्ति के भाव स्वत: उत्पन्न होकर मानव जीव को धन्य करता है।
डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया से सजा संत समागम क्षेत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। शनिवार 24 फरवरी से प्रारंभ हुए राजिम कुंभ कल्प मेला की भव्यता दिनों दिन बढ़ रही है। वैसे तो राजिम कुंभ माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होता है। इसके अंतर्गत विराट संत-समागम होता है, जिसका उद्घाटन रविवार 3 मार्च से होगा। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर राजिम मेला के संत समागम स्थल पर साधु-संतों, महामंडलेश्वरों, आचार्य महात्माओं के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया तथा यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है, जिसमें संत महात्माओं द्वारा विभिन्न प्रकार के यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ सम्पन्न कराया जाता है तथा संत समागम के विशाल मंच से संतों के प्रवचन आशीष वचन के रूप में श्रद्धालुओं को सुनने का पुण्य लाभ मिलता है।
संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए विशाल यज्ञ शाला का निर्माण भी किया गया है। जहां राजिम कुंभ कल्प में पधारे संतों द्वारा नित्य प्रति वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन किया जायेगा। रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतो के उद्बोधन आम जनता के लिए रखा गया है। धर्म संसद में धर्म चर्चा के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को मिल सके इसकी भी शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में समुचित बैठक व्यवस्था की गई है। किसी भी आगन्तुक को संतों के दर्शन तथा उनके अमृतवाणी का पूरा-पूरा लाभ दर्शक दीर्घा से श्रद्धालुगण उठा सके। भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प राम के प्रति आस्था और श्रद्धा का द्योतक है। इस लिहाज से माना जा सकता है कि संत समागम भी राममय होकर राम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर लोगों को मिलेगा। दर्शक दीर्घा में एक विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गई है ताकि दूर-दराज तक बैठे दर्शकों को संतो के दर्शन सहजता से मिल सके।
देशभर से पहुंचेंगे साधु-संतों की टोली
इस बार कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिव स्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतींद्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल होंगे। संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है। धर्मगुरुओं के अलावा हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचेगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के दौरान 3 से 8 मार्च तक विराट संत समागम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देशभर के साधु-संतों का आगमन होगा। साधु-संत महात्माओं को किसी प्रकार से कोई परेशानियां न हो इसका शासन-प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की व्यवस्था की गई।
कुलेश्वर महादेव मंदिर के पास बने संत समागम क्षेत्र में संतों क के लिए विशाल डोम, कुटिया, भोजन शाला के अलावा अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। मंगलवार को अस्थायी अस्पताल का निरीक्षण करने मेला समिति के गिरीश बिस्सा, संत राजेश्वरानंद महाराज सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे।
यहां अस्थायी अस्पताल की व्यवस्था देख संतोष जताया। गिरीश बिस्सा ने बताया कि संत समागम क्षेत्र में साधु-संतों के लिए शासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वहीं समागम परिसर में बने अस्थायी अस्पताल में मौजूद किशोर कुमार देवांगन और रितेश साहू ने सभी व्यवस्थाओं से अवगत कराया। सभी व्यवस्था को देखकर संत राजेश्वरानंद, समिति के सदस्य गिरीश बिस्सा सहित अन्य ने धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी, एसडीएम डेविड, मगरलोड बीएमओ शारदा ठाकुर का आभार जताया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति, धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की माता पिस्ता देवी अग्रवाल के निधन की खबर मिलते ही समूचे कुंभ कल्प क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। मुख्यमंच पर हो रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से रोककर उपस्थित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी एवं जनसमुदाय ने मंत्री अग्रवाल की माता को अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि देते हुए भगवान से उनकी आत्मा को शांति देने तथा अग्रवाल परिवार को इस अथाय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की। मंच पर नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, जितेन्द्र सोनकर, लाला साहू, पूर्णिमा चंद्राकर, देवकी साहू, छाया राही, विप्र परिवार के पंडित एवं प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी की बहनों ने मंच पर उपस्थित होकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसी क्रम में कुंभ मेले में लगे अन्नपूर्णा दाल भात सेंटर की संचालक महिलाओं ने खबर सुनते ही सेंटर बंद कर एक जगह इक_े होकर पिस्ती देवी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए दुख व्यक्त किया।
इस अवसर पर मधु नत्थानी, खुशी साहू, केसरी तम्बोली, लोकेश्वरी साहू, निर्मला साहू, सावित्री साहू, गिरजा साहू, रामेश्वरी साहू, कुमारी साहू, किरौदी साहू आदि महिलाओं ने अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 28 फरवरी। अभनपुर विधानसभा के ग्राम गिरोला में मानस गान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक धनेंद्र साहू कार्यक्रम में उपस्थित होकर ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामायण के ऊपर प्रकाश डालते हुए ग्रामवासियों को इस प्रकार के आयोजन के लिये बधाई और शुभकामनाएं दी।
भविष्य में इस प्रकार के धर्म सभा एवं ग्रमीण विकास के लिये हमेशा समर्पित एवं अपनी उपस्थिति का भरोसा दिया। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता चन्द्रहास साहू, प्रतिनिधि गोपाल साहू, पूर्व जनपद सदस्य लखनलाल साहू, गुरुचरण साहू, हिरदे साहू, अर्जुन साहू, शंकर साहू, रेखराम साहू, नारायण साहू सहित पंचायत के पंच एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
तेरह वर्ष की बालिका ने पंडवानी की प्रस्तुति देकर किया प्रेरित
राजिम, 28 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प में स्थानीय कलाकारों के लिए बनाए मंच में मंगल भजन, राउत नाचा, रामायण, पंडवानी, फाग मंडली, लोककला मंच, जस गीत झांकी, रामधुनी की जबरदस्त प्रस्तुति हो रही है। मंगलवार को मंच पर १३ साल की बालिका रोशनी नागवंशी ने दुर्योधन और अर्जुन ये दोनो कृष्ण जी से युद्ध के लिए सहायता मांगने गए उसी का कपालिका शैली में वर्णन किया। इस छोटी सी बालिका का ऐसा वर्णन सुन दर्शक बहुत की प्रसन्न हुए। इस मंच में मंगल भजन रोहित कुर्रे पितईबंद ने गुरू घासीदास के जीवन को गीत के माध्यम से दर्शकों के सामने परोसा।
होमन यदु नवागांव ने दोहा कहें और उसके साथी द्वारा पारंपरिक वेशभूषा धारण कर राउत नाचा की प्रस्तुत दी। छुईहा घटारानी मुक्षय कुमार ने रामायण से राम वनगमन अंश को लिया और बड़ी सुंदरता के साथ व्याख्यान किया। महेश पटेल राजिम ने इस मंच का वातावरण बदलते हुए होली गीत की प्रस्तुति दी। परंपरागत सिर में बांस की टोकरी रखें मंच पर आई पूना बाई धु्रव व साथियों ने ताली बजाते हुए सुआ गीत की प्रस्तुति दी। दुलना के श्रवण सार्वा ने जसगीत के माध्यम से जगत जननी की झांकी प्रस्तुत किया। हसदा के उत्तम कुमार ने राम-राम जपते रामधुनी के माध्यम से सांस्कृतिक मंच को राममय बनाया। बेलटुकरी के कपिल साहू और साथियों ने भी रामायण के बारे में बताया कि रामायण में हमें पिता के बातों को मानना लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न जैसे भाइयों का होना बताया गया है। कार्यक्रम का संचालन सुखेन्द्र साहू ने किया।
राजिम, 28 फरवरी। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक कलाकार संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित राकेश तिवारी द्वारा लिखित एवं निर्देशित लोक नृत्य नाटिका का विशेष मंचन राजिम कुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच में बुधवार २८ फरवरी को किया जावेगा। यह नृत्य नाटिका अयोध्या में ४ दिन तक किया गया था, जिसे वहां के लोगों द्वारा सराहा गया। राम वन का परिकल्पना संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, २8 फरवरी। राजिम कल्प कुंभ में आने वाली पर्व स्नान एवं शाही स्नान के लिए शासन द्वारा तीन बड़े-बड़े कुण्ड का निर्माण किया गया है। आगामी ४ मार्च को जानकी जयंती और ८ मार्च को महाशिवरात्रि पर होने वाले पर्व स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। चूंकि राजिम का कुंभ मेला परिसर की सीमाओं को तीन जिलों के अन्तर्गत आने के कारण गरियाबंद, धमतरी, रायपुर जिले द्वारा कुंडों का निर्माण किया गया। कुंड के पास आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जीवन रक्षक गार्डो की व्यवस्था की गई है ताकि स्नान के दौरान होने वाली अनहोनी को टाला जा सके। कुण्ड के पास ही महिलाओं की सुविधा के लिए अस्थाई चेंज रूम की व्यवस्था की गई है। जिससे महिलाओं को स्नान के बाद कपड़े बदलने में असहजता महसूस न हो कुण्ड में हमेशा साफ सुथरा पानी रहे इसके लिए बांध से आवश्यकतानुसार पानी छोड़ा गया है। लगातार बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए इस बार एक लाख लोगों से ज्यादा पर्व स्नान करने के लिए राजिम आ सकते है। यही भीड़ शिवरात्रि के दिन एक लाख से ज्यादा का आंकड़ा पार करने की सम्भावना है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला के मुख्य मंच पर तीसरे दिवस भूपेन्द्र साहू के रंग सरोवर कार्यक्रम की प्रस्तुति में दर्शक जमकर झूम। मंच पर कार्यक्रम की शुरूआत पद्मश्री उषा बारले ने पंडवानी गायन से की। सृजन लोककला मंच तिहार के विजय चन्द्राकर की टीम ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति से परिपूर्ण मनोहारी नृत्य की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के अगली कड़ी में इंडियन रोलर बैंड ने एक नया आभा दिखाने का प्रयास किया। जिसमें गाने के साथ म्यूजिक धुन बहुत ही आनंदित किया। सांसो की माला से सुमिरौ मै सिया राम..... ने राममय माहौल बना दिया।
रंग-तरंग लोककला मंच सुश्री तारा साहू और उनकी टीम द्वारा एक से बढक़र एक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। देवा म देव ते.... ओम नम: शिवाय.... जैसे गीतों में भक्तिमय माहौल बना दिया। माता कर्मा की वन्दना... तोर-मोर किरिया की बेहतरीन प्रस्तुति दी।
मंच पर स्वरागिनी डांस गु्रप रतनपुर से आये थर्ड जेंडर द्वारा 21 मिनट फिल्मी गीतों की नॉन स्टाप प्रस्तति दी। कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय भूपेन्द्र साहू ‘‘रंग सरोवर’’ के कलाकारों की प्रस्तुति रही। रंग सरोवर की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न त्यौहारों से जुड़ी गीत की प्रस्तुति दी।
इसी के साथ छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और लोक परंपरा की मनोरम प्रस्तुति देकर दर्शकों को जमकर झूमाया। कार्यक्रम को देखने दर्शकों की खचाखच भीड़ थी। कलाकारों का सम्मान नगर पंचायत अध्यक्ष रेखा सोनकर, रमेश पहाडिय़ा, एसपी भोजराम पटेल, छाया राही, पूर्णिमा चन्द्राकर, साधना सरोज, धनमती साहू आदि ने गुलदस्ता भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का निरंजन साहू द्वारा किया गया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 27 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प मेला में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल लगाया गया है। इन स्टॉलों में विभिन्न विभागों द्वारा शासन की योजनाओं की जानकारी और उसके लाभ के अलावा अन्य जानकारी दी जा रही है। गरियाबंद जिला के खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी और ग्राम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्टाल लगाया गया है। यहां पर बोरा, रस्सी और बांस की सहायता से बनाए गए विभिन्न घरेलू उपयोगी वस्तुए प्रदर्शिनी और बिक्री के लिए रखी गयी है। स्टॉल में दूसरी ओर खादी के बने कपड़े जैकेट, रेडिमेड कुर्ता, बंगाली लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
हस्तशिल्प विकास बोर्ड गरियाबंद द्वारा बांस के बने सोफा, लैम्प, फाइल रेंक, मंदिर टे, लेटर बॉक्स, स्टूल चेयर, आईना फ्रेम, पेन स्टैण्ड, ब्रस हैण्डल, की हैण्डल के साथ विभिन्न प्रकार के आकर्षित करने बांस की वस्तुएं की स्टॉल लगाई गई है।