गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 29 फरवरी। राजिम कुंभ कल्प के पांचवे दिन स्थानीय कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। मंच पर नवागांव के राम खिलावन एवं साथियो द्वारा फाग गीत की प्रस्तुति देकर होली मय माहौल बनाया। जब नगाड़े की आवाज और मुख मुरली बजाय छोटे से श्याम कन्हैया..... झन जा राधा होबे लाले लाल ओ....... और उड़ते हुए गुलालों ने मंच को होलीमय कर दिया जिसे दर्शक भी फाग गीत के धुनों के रंग में रंग गये।
इसके पूर्व खेमीन निषाद राजपुर छुरा ने पण्डवानी की प्रस्तुति दी गई, जिसमें पासा हारने के बाद पांडव को ग्यारह वर्ष का बनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास अपने ओजपूर्ण आवाज में और वीर रस का संयोजन करके कथा की प्रस्तुति दी गई।
देवेन्द्र सेन भोथली कुरूद ने रामायण के अंश बाल लीला और 22 जनवरी को स्थापित राम लला का सुंदर व्याख्यान किया, जिसे दर्शक बिना पलके झपकाये राम के बाल क्रीडाओ का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। भावगत निषाद रायपुर ने भजन संध्या में भागवान तक पहुंचने के विभिन्न माध्यमों को गीत के द्वारा बताया जिसे दर्शक सुन भजन में चलने वाले राम न चले हनुमान के बिना...... ऐसे गीतो ने दर्शकों के दिल को छू लिया। बकली के मंशादास ने सतनाम मंगल भजन के गीतो के माध्यम से बाबा गुरू घासीदास के सतनाम पंथ की स्थापना और उसका पालन को बताया उस समय मंच सहित दर्शक भी घासीदास बाबा की जयकारा करने लगे तुलाराम साहू राजिम ने मंच में भक्तिपूर्ण गीत जय हनुमान ज्ञान गुण सागर......के साथ और विविध भजन की प्रस्तुति मंच पर दी, जिस कारण मंच और दर्शक दीर्घा भी भक्ति के सागर में डूब गये भक्ति की सागर से निकल ही पाये थे कि गरियाबंद के प्रेम यादव ने मंच पर बारहमासी नृत्य जिसमें गेड़ी से ले के सुआ नृत्य तक दिखायी गई। ये नृत्य एक दर्शकों को छत्तीसगढ़ के दर्शन कराने का एक प्रयास था।
कोसमबुड़ा के गिरवर धु्रव लोककला मंच से पहली प्रस्तुति गणेश वंदना से की उसके बाद छत्तीसगढ़ी गीतों में से सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी गई। अनिता वर्मा रायपुर ने सुगम संगीत की प्रस्तुति जब दी तो दर्शक भी इस सुगम संगीत का आनंद लेते हुए नजर आये बोदल गुण्डरदेही जोगेन्द्र साहू ने जसगीत की प्रस्तुति जिसमें मां जगदम्बा असुरो की नाश करने की झांकी दिखाई गई। इस कार्यक्रम का संचालन सुखेन साहू, थानू निषाद, किशोर निर्मलकर, दिनेश्वर साहू, नरेन्द्र साहू, भागीरथी साहू, राजेन्द्र पांडे, राकेश साहू, रेखराज साहू की उपस्थिति में सम्पन्न होती है।