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रायपुर, 17 सितंबर। मानसिक रोगों के बारे में जानकारी देने और जागरुकता फैलाने में मीडिया की भूमिका अहम है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (छत्तीसगढ़) के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर आनंद साहू ने शुक्रवार को रेडियो कर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर की गई कार्यशाला आओ चैट करें में कहा मानसिक विकार एक अदृश्य रोग है जिसे समय पर पहचान लिया जाए तो उपचार किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,और फ्रेया डेवलेपमेंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस रेडियो कार्यशाला में आनंद साहू ने कहा मीडिया मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का काम करती है। इससे रोगियों की पहचान जल्दी होगी और उनका उपचार समय से हो सकता है।
उन्होंने कहा अक्सर लोग मानसिक स्वास्थ्य जैसी अदृश्य रोगों का उपचार करवाने से कतराते हैं। साथ ही कई बार इन विकारों के बारे में रोगियों को जानकारी ही नहीं होती है जिसकी वजह से उपचार नहीं होता है, जो समस्या दिखाई देती है उसका उपचार तो हो सकता है लेकिन जो नजर न आए उसका इलाज कठिन होता है।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ. एस पमभोई, जॉइन्ट डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने कहा कोरोनाकाल में लोगों ने सरकार द्वारा मानसिक स्वास्थ्य पर किए गए कार्य को समझा क्योंकि ऐसे समय में फोकस मानसिक स्वास्थ्य पर भी रहा।
हालांकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इस पर कई वर्षों से कार्य करता आ रहा है। उन्होंने कहा मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं अब हर व्यक्ति तक पहुंच रही हैं जिससे प्रदेश में आत्महत्या दर में भी कमी आएगी। डॉ. महेंद्र सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य मिशन ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान और उसके बाद मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस रहा है।
डाक्टर सुरभि दुबे, मनोचिकित्सक, पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी और ऐसे रोगियों की पहचान करने के कुछ बिन्दु बताए। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थय सर्वे, 2015-16 के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 11.66 फीसदी आबादी में किसी प्रकार का मानसिक विकार है और 14.06फीसदी लोगों को जीवन में कभी न कभी मानसिक रोग होता है।
प्रदेश में 29.86फीसदी लोगों को तम्बाकू खाने की आदत है और 7.14 फीसदी शराब पीने के आदि है। यह दोनों आदतें भी मानसिक विकार माने जाते हैं। इसी प्रकार 1.59 फीसदी लोगों को गंभीर तनाव के कारण मानसिक रोग है और 2.38फीसदी आबादी को तनाव है। गंभीर मानसिक विकार जैसे साइकोसिस, बाइपोलर डिसऑर्डर और अन्य रोग 1फीसदी से कम लोगों में पाए जाते हैं।
इसी प्रकार प्रदेश की जनसंख्या के 0.28 फीसदी लोगों में आत्महत्या करने की संभावना है। आम मानसिक विकार 17.85 फीसदी पुरुषों में पाए जाते हैं परन्तु केवल 5.03 फीसदी महिलाएं इन विकारों से ग्रसित हैं। मानसिक विकार शहरों में ज्यादा पाए जाते हैं। आम मानसिक रोग 13.08 फीसदी शहरी लोगों में पाए जाते हैं लेकिन केवल 10.58त्न गांव में रहने वाले लोग इनसे ग्रसित हैं।
छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की दर 26.4/1 लाख है जो राष्ट्रीय दर 10.4 से अधिक है। देश में चौथे नंबर पर है। दुर्ग-भिलाइनगर भी सभी शहरों में चौथे नंबर पर है। जहां यह दर 35.5 है। लेकिन मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही महत्त्वपूर्ण होता है और सही समय पर उपचार से ठीक हुआ जा सकता है।
मानसिक रोगों का उपचार सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क किया जाता है। हर जिला अस्पताल में स्पर्श क्लिनिक भी होता है जहां पर रोगियों का नाम गुप्त रखा जाता है। इसके अलावा 104 नंबर पर मानसिक रोगों की जानकारी ली जा सकती है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य कर्मी जैसे मितानिन भी मानसिक रोगियों की पहचान कर सकते है और उनकी सलाह भी ली जा सकती है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 सितंबर। नेवनारा हसदा इलाका के अनेको गाँव के कृषि भूमि में फैक्ट्री लगने और सिलतरा इलाका में स्थापित उधोगों के प्रदूषण से कृषि जल और जनजीवन को बरबादी से बचाने के लिए छत्तीसगढ़ सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हसदा के बाजार चौक में दोपहर 2 बजे किसानों का सम्मेलन सम्पन्न हुई। जिसमें 25 गांव के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।
किसान सम्मेलन के मुख्यअतिथि राज्य आंदोलनकारी प्रदेश किसान नेता अनिल दुबे, विशेष अतिथि भूतपूर्व जिला पंचायत सदस्य तोरण लाल नायक, और इं.अशोक ताम्रकार थे। अध्यक्षता एवं प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने किया। किसानों को सम्बोधित करते हुए अनिल दुबे ने कहा कि दो फसली और दलहन की कोठी कहे जाने वाली बेमेतरा जिला के अनेकों छेत्रों में उद्योगपतियो द्वारा षडय़ंत्र पूर्वक लगाए जाने वाले कारखानों संरक्षण देने वाले शासन-प्रशासन को कहा कि कृषि क्षेत्र में उद्योग नहीं लगने देगें।
औद्योगिक प्रदूषण से केवल कृषि भर बर्बाद नहीं होगा, बल्कि इससे जमीन,जल,जनजीवन और संस्कृति भी बर्बाद होगी। इसलिए पंचायतीराज्य के ग्राम सरकार यदि मंजूरी नही देगी तो किसी की हिम्मत नही है कि कृषि भूमि पर कोई उद्योग लगा सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 17 सितम्बर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में रिक्त 3 हजार 948 पदों पर सीधी भर्ती के लिए वित्त विभाग द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई है। राज्य शासन द्वारा शीघ्र ही इन पदों में भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंत्रालय महानदी से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को पत्र जारी कर दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार जन सुविधा के दृष्टिगत रखते हुए स्वस्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
राज्य शासन द्वारा संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के अतर्गत सेटअप में स्वीकृत सीधी भर्ती के निम्न रिक्त पदों को भरे जाने की अनुमति प्रदान की है। इनमें चिकित्सा अधिकारी के 143 पद, नेत्र सहायक अधिकारी के 234 पद, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट के 141 पद, रोडियोग्राफर के 48 पद, स्टॉफ नर्स के 464 पद, ओ.टी. टेक्निशियन के 18 पद, फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 187 पद, मनोरोग परिचारिका के 24 पद और मनोरोग समाजिक कार्यकर्ता के 5 पदों के लिए मंजूरी प्रदान की गई है। इसी प्रकार ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (पुरूष) के 379 पद, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (महिला) के 210 पद, डे्रसर ग्रेड-1 के 496 पद, डार्करूम असिस्टेंट के 14 पद, लैब असिस्टेंट के 16 पद, रेफ्रिजरेटर मैकेनिक के 4 पद, डे्रग्सर ग्रेड-2 के 68 पद और चतुर्थ श्रेणी के 1497 पदों के सीधी भर्ती के लिए अनुमति प्रदान की गई है।
रायपुर, 16 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्माण और सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा की जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। विश्वकर्मा पूजा की पूर्व संध्या पर राज्य के सभी श्रमवीरों को हार्दिक बधाई देते हुए श्री बघेल ने कहा है कि प्रदेश के विकास में श्रमवीरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
विश्वकर्मा जयंती का दिन हमें निर्माण में श्रम का महत्व बताता है। यह दिन हमें यह संदेश देता है कि हम श्रम से अपने समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए संकल्पित हों। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को संसार के प्रथम वास्तुकार की संज्ञा दी गई है। भगवान विश्वकर्मा ने श्रम से सृजन की सार्थकता को स्थापित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प को पूरा करने में श्रमवीरों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से लेकर सुदूर वनांचल के पहुंच विहीन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाली ग्रामीण गर्भवती माताओं को उनके नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसूति पूर्व सभी जांच कराने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि माताओं के स्वास्थ्य की देखभाल बेहतर तरीके से हो सके।
इसी कड़ी में जिला प्रशासन बीजापुर द्वारा भैरमगढ़ विकासखण्ड क्षेत्र के सभी 17 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में गर्भवती माताओं के बेहतर स्वास्थ के लिए सौर ऊर्जा से संचालित यंत्र सोलर मदर केयर कम मैटरनिटी किट उपलब्ध कराया गया है। इस किट के माध्यम से विद्युत विहीन क्षेत्रों के गर्भवती माताओं का आसानी से स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्रसूति पूर्व सभी जांच सम्पन्न कराए जा रहे हैं। समस्त यंत्र एक पोर्टेबल बैग में समाहित रहता है, जिसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा आसानी से परिवहन किया जा सकता है।
इस किट में उपलब्ध यंत्र - यूरीन स्ट्रीप्स, एचबी स्ट्रीप्स, बीपी मीटर, ग्लूको मीटर स्ट्रीप्स, फेटल डॉप्लर, थर्मामीटर, हैण्ड लैम्प, लेन्स डिवाईस, हैंगिंग एलईडी बल्ब, आक्सीमीटर, पावर बैंक वजन मशीन एवं सेलर पैनल मौजूद है। इस किट के माध्यम से पहुंच विहीन क्षेत्रों में लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण जैसे हीमोग्लोबिन जांच, मधुमेह जांच, ऑक्सीजन लेवल, तापमान, बच्चे का धडक़न इत्यादि परीक्षण आसानी से किया जा रहा है।
यह ‘सोलर मदर केयर कम मैटरनिटी किट’ मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु कारगर साबित हो रहा है। जिससे महिलाओं की प्रसूति पूर्व सभी आवश्यक जांच आसानी से सुनिश्चित हो रही हैं।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर। धर्मांतरण के खिलाफ आरएसएस ने मुहिम तेज कर दी है। इस कड़ी में 18 तारीख को हिन्द स्पोर्टिंग मैदान लाखे नगर में सभा का आयोजन किया गया है। इसमें रायपुर, और आसपास के लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे।
भाजपा प्रदेश में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का आरोप लगा रही है। सभी जिलों में इसको लेकर प्रदर्शन भी हुआ था। रायपुर में तो धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार कुछ लोगों के खिलाफ सभी थानों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट लिखाई है। बावजूद इसके मामला थम नहीं रहा, और अब इसको आंदोलन का रूप देने के लिए आरएसएस ने अभियान शुरू किया है।
आरएसएस ने लाखे नगर के हिन्द स्पोर्टिंग मैदान में शनिवार को दोपहर एक बजे सभा भी आयोजित की है। इस सभा में आरएसएस से जुड़े लोग, और भाजपा कार्यकर्ता प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे। रायपुर और आसपास के लोगों को भी सभा में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक रायपुर से धर्मांतरण के खिलाफ अभियान की शुरूआत होगी, और बस्तर, और सरगुजा में भी सभा आयोजित की जाएगी। जिसमें भाजपा के लोग प्रमुखता से जुटेंगे।
स्वास्थ्य अफसरों पर लगाम कसने सीएम-स्वास्थ्य मंत्री से संघ की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर। चिकित्सा देयकों में गैर जरूरी आपत्ति लगाकर रोकने पर कर्मचारियों में गुस्सा है। बताया गया कि हजारों की संख्या में कर्मचारी विशेषकर कोरोना से पीडि़त रहे हैं, और काफी इलाज के बाद ठीक हुए हैं। मगर इन कर्मचारियों को नियमानुसार चिकित्सा देयक हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। तृतीय वर्ग सरकारी संघ ने देयक प्रकरण का निराकरण करने वाले स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर लगाम कसने पर जोर दिया है। साथ ही केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह चिकित्सा भत्ता देने की मांग मुख्यमंत्री से की है।
कोरोना की पहली, और दूसरी लहर में पांच सौ से अधिक सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई थी, और हजारों की संख्या में पीडि़त रहे। मगर प्रदेश के जिलों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों के चिकित्सा देयकों में कर्मचारियों को अनावश्यक आपत्ति लगाकर परेशान किया जा रहा है। बीमार, मृत कर्मचारियों के परिजन, कोरोना में कराए गए इलाज के चिकित्सा देयकों को 3-4 कार्यालयों में चक्कर लगवाने, अनावश्यक आपत्तियां लगाकर लौटाने तथा कुल चिकित्सा देयक में से 30-40 फीसदी राशि की कटौती करने जैसी कार्यवाही कर कर्मचारियों को परेशान किए जाने संबंधी दस्तावेजी प्रमाण कर्मचारी संगठनों के पास है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार झा, और जिला शाखा अध्यक्ष इदरीश खॅान ने बताया कि अंत: रोगी एवं बाह्य रोगी के देयक अलग-अलग मांगा जा रहा है। इसी प्रकार कोई कर्मचारी आंख का आपरेशन कराया जो मात्र एक घंटे में आपरेशन सम्पन्न हो जाता है, उसके देयक में भर्ती होने व चिकित्सालय से छुट्टी होने का प्रमाण पत्र मांगा जाता है। एक कर्मचारी के दो बिल बनाये जाने का निर्देश देते हुए आपत्ति लगाए जा रहे है। यदि प्रस्तुत देयक 25 हजार से कम होने की स्थिति में जिला चिकित्सालय में पारित कराने तथा उससे ज्यादा होने पर भी पहले जिला चिकित्सालय उसके बाद 25 हजार से ज्यादा देयक होने के कारण संचालनालय से स्वीकृति कराने का चक्कर कटवाया जाता है।
इसमें भी इलाज में हुए वास्तविक खर्च का 30 से 40 प्रतिशत् राशि को कटौती कर स्वास्थ विभाग देयक पारित करता है। उसके बाद विभागीय औपचारिकता व कोषालय में देयक जमा करने व स्वीकृत कराने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। अंत में जब संपूर्ण प्रक्रिया से गुजर जाता है, तब आबंटन का रोना रोया जाता है। कर्मचारी के पत्नी को उस पर आश्रित होने का लज्जाजनक शपथपत्र तथा कितने बच्चे है, उसका जन्म तारीख तक मांगा जाकर बच्चे के जन्म का क्रम संख्या भी मांगते हुए कुल बच्चों की संख्या भी मांगी जा रही है। इतनी औपचारिकता से गुजरने पर तालिबान में भी चिकित्सा देयक पारित हो जावेगा।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि चिकित्सा देयक का निर्धारित प्रारूप नियम 8 (1) है जिसमें देयक तैयार किया जाता है। उस देयक को जिला चिकित्सालय द्वारा पारित भी किया जा रहा है, किंतु उसे संचालनालय में आपत्ति दर्ज कर अंत: रोगी, बाह्य रोगी, भर्ती व छुट्टी की जानकारी मांगकर कर्मचारी पर अप्रत्यक्ष रूप से अनेक शंकाऐं एवं फर्जी बिल बनाने का संदेह स्वास्थ विभाग व्यक्त करता है। वहीं संघ के पास अनेक दस्तावेजी साक्ष्य है, जिसमें बड़े अधिकारियों के 5-10 लाख तक, और उससे अधिक राशि भी तत्काल पारित किए जा रहे है।
इसलिए चिकित्सा देयक केवल जिला चिकित्सालय से परीक्षण कराने तद्पश्चात् स्वयं विभाग द्वारा स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था बनाने हेतु चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम में आवश्यक संशोधन करने की मांग संघ के कार्यकारी प्रांतीय अध्यक्ष अजय तिवारी, महामंत्री उमेश मुदलियार,संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रांतीय संयोजक विमल चन्द्र कुण्डू, प्रांतीय सचिव सुरेन्द्र त्रिपाठी, आलोक जाधव, रामचन्द्र ताण्डी, नरेश वाढ़ेर, सुंदर यादव, राजेन्द्र उमाठे, जॉन सी पॉल, शंकर लाल सावरकर, श्रीकांत मिश्रा, प्रदीप उपाध्याय, एस.पी.यदु, प्रांतीय सचिव मनोहर लोचन, एजेनायक, राजकुमार देशलहरे, अमरेन्द्र झा, पिताम्बर ठाकुर, डॉ. अरूंधति परिहार, एसकेसोनी, आदि नेताओं ने की है। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया है, जो विभाग करोड़ों की योजनाओं को अमलीजामा पहनाती है, वह अपने स्वयं के कर्मचारियों के हजारों या लाख रूपए का चिकित्सा देयक क्यों पारित नहीं कर सकता।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा और डॉ. रमन सिंह की फितरत लाशों पर राजनीति करना है, इसीलिए शायद इन्होंने अनर्गल आरोप लगाना बंद नहीं किया है। डा. रमन सिंह ये बताना चाहेंगे कि उनके शासनकाल में पंडो जनजाति के लिए क्या किया कि 15 वर्षों में भी पंडो लोगों की स्थिति में रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ? क्या कारण था कि सूरजपुर के पंडोनगर के लोगों को विधानसभा चुनाव 2018 का बहिष्कार करने की घोषणा करनी पड़ी थी?
मरकाम ने कहा कि भाजपा ने सन 2017 में तब जांच टीम क्यों नहीं भेजी जब सूरजपुर जिले के चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में थोड़े से अंतराल में ही पंडो समाज के करीब 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी जिस पर केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम को जांच करने के लिये आना पड़ा था? उस समय डॉ. रमन सिंह के मुंह पर ताला क्यों पड़ गया था? 2016 में वाड्रफनगर के बसंतपुर में रामकरण पंडो की मृत्यु को लेकर क्यों पूरे पंडो समाज को उग्र आंदोलन करने पर विवश होना पड़ा था, क्या डा. रमन सिंह इस पर प्रकाश डालना नहीं चाहेंगे?
उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि पंडो समाज में भाजपा अपने शासन के 15 वर्षों में अंधविश्वास और अशिक्षा को दूर नहीं कर पायी, क्या कारण है कि पंडो समाज की मातायें बहनें वर्षों से कुपोषण का शिकार रहीं जिसके कारण एक बड़ी आबादी हिमोग्लोबिन की कमी से जूझती रही? इन प्रश्नों में से किसी का भी उत्तर डा. रमन सिंह के पास नहीं होगा लेकिन एक बात वे बखूबी करना जानते हैं, और वो है एक ऐसे संवेदनशील विषय पर कुत्सित राजनीति करना।
मरकाम ने कहा कि बलरामपुर में पंडो समाज के लोगों की मृत्यु की घटना की जांच के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव को दिए जा चुके हैं जिन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। पंडो जनजाति में हीमोग्लोबिन की कमी के मद्देनजर सभी आवश्यक दवायें सप्लाई करने के निर्देश दिये जा चुके हैं। भाजपा शौक से अपनी जांच समिति गठित करके भेज सकती है, वैसे भाजपा को ये जांच समिति अपनी सरकार के समय गठित करनी थी और उनकी सुध लेनी चाहिये थी। अब वहा जाकर घडिय़ाली आंसू बहाना सिर्फ और सिर्फ भाजपा की डर्टी पालिटिक्स है और कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार न सिर्फ पंडो बल्कि सभी जनजातीय समाजों के लिये पूरी गंभीरता से काम कर रही है। पंडो विकास अभिकरण के लिये बजट की कोई कमी नहीं रखी गई है। सरकार ने मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत कुपोषण के विरूद्ध एक निर्णायक जंग छेड़ी हुई है जिससे सभी लाभान्वित हो रहे हैं। मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं और दाई दीदी क्लीनिकों के माध्यम से माताओं और बहनों को निरंतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जो भी स्थानीय बाधायें रहीं या कमियां छूट गईं वे जांच में सामने आने पर उन पर सरकार कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।
मरकाम ने कहा कि भाजपा किसानों से, किसानों की प्रतिनिधि सरकार से कितना नफरत करती है ये उनके शासन के 15 साल में स्पष्ट हो ही गया था, बस्तर में अपने चिंतन शिविर में किसानों की सरकार को थूक कर बहा देने के बयान से भाजपा ने अपनी खीझ को और प्रकट कर दिया क्योंकि किसान भाईयों ने आपकी धोखेबाज सरकार और धोखेबाज पार्टी को सत्ता से उतार फेंका था। तब से आप किसानों को भ्रमित करने के लिये दोहरी राजनीति खेल रहे हैं, एक तरफ किसान हितैषी योजनाओं का लाभ उठाते हुए लाखो रूपये कमा रहे हैं, दूसरी तरफ प्रदेश के किसानों में सरकार के प्रति असंतोष भरने का षडय़ंत्र कर रहे हैं।
रायपुर, 16 सितम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय पंडित वामनराव लाखे की जयंती 17 सितम्बर पर उन्हें नमन किया है। श्री लाखे के अमूल्य योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि लाखेजी छत्तीसगढ़ में सहकारिता के जनक के रूप में जाने जाते हैं। सहकारिता के क्षेत्र में किये गये उनके अथक प्रयासों और आंदोलनों का लाभ आज लाखों किसानों को मिल रहा है।
श्री लाखे के प्रयासों से ही रायपुर में प्रथम सहकारी बैंक की स्थापना हुई। किसानों की आर्थिक सुदृढ़ता और सहकारी संगठनों की मजबूती के लिए आजीवन काम करते रहे। श्री बघेल ने कहा कि श्री लाखे ने छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनजागरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। छत्तीसगढ़ की प्रथम मासिक पत्रिका छत्तीसगढ़ मित्र का प्रकाशन कर उन्होंने यहां पत्रकारिता की बुनियाद रखी।
राष्ट्रीय चेतना के विकास में इस पत्रिका ने प्रमुख भूमिका निभाई। बघेल ने कहा कि श्री लाखे जैसे सेवाभावी और कर्मठ व्यक्तित्व सदा नि:स्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 सितंबर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 1024.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज 16 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार कोरबा जिले में सर्वाधिक 1409.7 मिमी और कबीरधाम जिले में सबसे कम 803.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 878.6 मिमी, सूरजपुर में 1195.2 मिमी, बलरामपुर में 984.7 मिमी, जशपुर में 1008.9 मिमी, कोरिया में 953.8 मिमी, रायपुर में 885.1 मिमी, बलौदाबाजार में 936.7 मिमी, गरियाबंद में 997.4 मिमी, महासमुंद में 868.3 मिमी, धमतरी में 962.1 मिमी, बिलासपुर में 1032.6 मिमी, मुंगेली में 999.1 मिमी, रायगढ़ में 880.9 मिमी, जांजगीर चांपा में 1025.2 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1302.1 दुर्ग में 970.1 मिमी, राजनांदगांव में 882.6 मिमी, बालोद में 845.8 मिमी, बेमेतरा में 1116.3 मिमी, बस्तर में 1025.1 मिमी, कोण्डागांव में 1000.5 मिमी, कांकेर में 967 मिमी, नारायणपुर में 1166.1 मिमी, दंतेवाड़ा में 1101 मिमी,सुकमा में 1337.9 मिमी, और बीजापुर में 1138.2 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।
रायपुर, 15 सितम्बर। कलिंगा विष्वविद्यालय में वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के एक्सपेरिमेंटल लर्निंग क्लब विद्यार्थियों ने प्रथम वर्ष स्नातक विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन आईस ब्रेकिंग सत्र आयोजित किया। प्रथम वर्ष स्नातक विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में विभिन्न खेलों के माध्यम से जैसे मैं क्या हूँ? शो एंड टेल, सेल्फ पोर्ट्रेट गेम, पहेलियों, फिल्मों, टैगलाइन, सीईओ और विज्ञापनों का अनुमान लगाने में सभी ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
वाणिज्य और प्रबंधन संकाय की श्रिया त्रिपाठी एवं ए. नागा रमनी (सहायक प्राध्यापक) इस कार्यक्रम की निर्णायक थीं। डीन डॉ. मोनिका सेठी शर्मा और समस्त प्राध्यापक गण उपस्थित थे। 90 से अधिक विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया और रोमांचक और सीखने पर केंद्रित पाया। सुश्री त्रिपाठी ने समापन सत्र के दौरान परिणाम घोषित करते हुए बताया कि नए विद्यार्थियों के लिए आइस ब्रेकिंग तकनीक काफी रोमांचक रही। शुभांकर भट्टाचार्य - प्रथम और वंश दीप कौर (दोनों बीबीए प्रथम सेमेस्टर)- द्वितीय रहीं।
रायपुर, 15 सितम्बर। नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया ने आज नई दिल्ली में पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एवं प्रदेश प्रभारी पी. एल. पुनिया से उनके निवास में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान मंत्री डॉ. डहरिया और पुनिया के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा हुई।
रायपुर, 15 सितंबर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक 1 जून 2021 से अब तक राज्य में 1004 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 1 जून से आज 15 सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार सुकमा जिले में सर्वाधिक 1337.9 मिमी और कबीरधाम जिले में सबसे कम 789.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सरगुजा में 850.2 मिमी, सूरजपुर में 1129.9 मिमी, बलरामपुर में 947.3 मिमी, जशपुर में 984.8 मिमी, कोरिया में 921.5 मिमी, रायपुर में 874.5 मिमी, बलौदाबाजार में 931.4 मिमी, गरियाबंद में 987.2 मिमी, महासमुंद में 853.9 मिमी, धमतरी में 952.7 मिमी, बिलासपुर में 997.2 मिमी, मुंगेली में 978.9 मिमी, रायगढ़ में 874.3 मिमी,और बीजापुर में 1138.2 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई। जांजगीर चांपा में 1018.4 मिमी, कोरबा में 1332.1 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1258 दुर्ग में 956.7 मिमी, राजनांदगांव में 871.6 मिमी बालोद में 839 मिमी, बेमेतरा में 1088.9 मिमी, बस्तर में 1024.8 मिमी, कोण्डागांव में 989.4 मिमी, कांकेर में 945.7 मिमी, नारायणपुर में 1136.8 मिमी, दंतेवाड़ा में 1101 मिमी
रायपुर, 15 सितंबर। कोरोना वायरस संकमण काल में जनजागरुकता बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोकरंगकर्मी विजय मिश्रा अमित द्वारा निर्मित लघु फिल्म हमर धरोहर को सर्वश्रेष्ठ फिल्म होने की घोषणा की गई है। रायगढ़ा की सामाजिक सांस्कृतिक संस्था हमराही द्वारा कोरोना संक्रमण रोकने छत्तीसगढ़ी लोकाचार पर केंद्रित लघु फिल्म स्पर्धा का आयोजन किया गया था।
हमर धरोहर फिल्म के लेखक निर्देशक विजय मिश्रा ने बताया कि हमर धरोहर फिल्म में बड़ी खुबसूरती के साथ छत्तीसगढ़ी साग भाझी को सुखाकर बनाए गए खोईला, सुक्सा, संग बरी, बिजौरी,की उपादेयता को बताया गया है। फिल्म में संदेश है कि संकटकाल में घर में सुखाकर सहेजे गए खाद्य सामग्रियों के कारण कोरोना काल में घर के बाहर जाने की आवश्यकता नहीं हुई।घर में बुजुर्गो का सानिध्य मिलने से परम्पराओं, संस्कारों को जानने का अवसर मिला। आगे उन्होंने बताया छत्तीसगढ़ खाई खजानी कलेवा,लोक गीत संगीत का भी गढ़ है। कोरोना काल में घर में कैद रहने के दौरान फिल्म हमर धरोहर को निर्मित कर सोशल मीडिया के माध्यम से जनचेतना बढ़ाने देशभर में ब्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। सीमित संसाधनों, कलाकारों से बने फिल्म में विजय मिश्रा, रत्ना मिश्रा,तेजन साहू, विरासत मिश्रा ने अभिनय किया।
फिल्म में, लक्ष्मण मस्तुरिहा, ममता चंद्राकर के गाए गीत,भारत मां के रतन बेटा बढिय़ा हंव ग,अरपा पैरी के धार,को मनमोहक ढंग से विरासत ने फिल्म एडीट क
केन्द्रीय ग्रामीण विकास सचिव से चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपनेे निवास कार्यालय में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा सेे मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए लगभग चार हजार किलोमीटर ग्रामीण सडक़ों की मंजूरी देने और ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ को अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के साथ श्री सिन्हा ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रगति के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री सिन्हा को छत्तीसगढ़ की भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ तमिलनाडु और बिहार से बड़ा राज्य है। छत्तीसगढ़ में बसाहटें दूर-दूर स्थित हैं। इसलिए बसाहटों को सडक़ों से जोडऩे के लिए लगभग 4 हजार किलोमीटर सडक़ों की मंजूरी दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत छत्तीसगढ़ को ज्यादा राशि उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से भी जीएसटी सहित अन्य मदों में छत्तीसगढ़ को लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रूपए की राशि मिलना शेष है। कोरोना संकट के कारण राजस्व में कमी आई है। उन्होंने इन परिस्थितियों में ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं के लिए छत्तीसगढ़ को और अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सहित ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव आशीष गोयल, छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आलोक कटियार भी उपस्थित थे।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले के नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बनी है। यहां विशाल मानव निर्मित जंगल विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नंदिनी में इस प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन में यह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहां बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने हमेशा तवज्जो दी। यहां मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभियंता दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी इंजीनियरों को अभियंता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इंजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान और कुशलता से विकास और समृद्धि की मजबूत अधोसंरचना तैयार करते हैं।
ऐसे ही असाधारण प्रतिभा के धनी भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की स्मृति में हम उनके जन्मदिन 15 सितम्बर को अभियंता दिवस के रूप में मनाते हैं। श्री बघेल ने अभियंताओं से आव्हान किया है कि सर विश्वेश्वरैया से प्रेरणा लेकर वे देश-प्रदेश के नव-निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने हमेशा तवज्जो दी। यहां मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
इस अवसर पर पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने भी पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं। अब खाली पड़ी जगह में 83,000 पौधे लगाये गये हैं। इसके लिए डीएमएफ-एडीबी से राशि स्वीकृत की गई। इस अवसर पर पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और इस कार्य मे लगे अधिकारियों को बधाई दी। सीएफ श्रीमती शालिनी रैना ने भी प्रोजेक्ट की टीम को बधाई दी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं। 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा। श्री गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं जिनकी उम्र काफी अधिक होती है साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं। इस मौके पर पीसीसीएफ वन्य संरक्षण श्री नरसिंह राव, लघु वनोपज के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही बीएसपी सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता भी उपस्थित रहे।
पक्षियों के लिए आदर्श रहवास- पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्क आदि लक्षित किए गए हैं यहां झील तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा।
इको टूरिज्म का होगा विकास- इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में शामिल हो सके।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 सितंबर। प्रदेश में पिछले तीन दिनों से रूक रूककर हो रही बारिश से सूखे की आशंका खत्म हो गई है। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश 12 सेमी से अधिक बारिश महासमुंद जिले में हुई है। जबकि रायपुर में करीब साढ़े 8, और गरियाबंद में 10 सेमी से अधिक बारिश हुई है।
प्रदेश में मानसून सक्रिय है, और पिछले तीन दिनों से अलग-अलग जिलों में रूक रूककर बारिश हो रही है। इससे पहले प्रदेश की 124 तहसील सूखे की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन भारी बारिश से इन तहसीलों की स्थिति अब बेहतर हो गई है। प्रदेश के 28 जिलों में आज सुबह 3.3 सेमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक महासमुंद जिले में 12.2, गरियाबंद में 10.7, रायपुर में 8.4, धमतरी में 8.7 सेमी बारिश हुई है। आज तक की तिथि में पिछले वर्षों की तुलना में औसत बारिश में भी सुधार हुआ है। कई जिलों में पिछले सालों की तुलना में ज्यादा बारिश हुई है। कुल मिलाकर आज तक 92.4 फीसदी औसत वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
बताया गया कि बलौदाबाजार, कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, जीपीएम, दुर्ग, और कबीरधाम जिले में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है। खास बात यह है कि इन जिलों में पिछले सालों में औसत से कम बारिश हुई थी। कांकेर जिले में अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है। यहां 65.4 फीसदी ही औसत बारिश हुई है।
हालांकि अगले दो दिनों में कांकेर में भी अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है। इसी तरह कोंडागांव में 79.2, महासमुंद में 78.4, बलरामपुर में 83.2 फीसदी बारिश हुई है। यहां भी आने वाले दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई जा रही है। जिससे फसलों की स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
रायपुर, 14 सितंबर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हिन्दी दिवस के अवसर पर देशवासियों को दी बधाई।
डॉ. महंत ने कहा की, किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने के लिए उसमें सहजता और सुगमता का होना आवश्यक है जो कि हिन्दी भाषा में है। भारत की एकता में अनेकता हिंदी भाषा की ही देन है। 1949 को भारत की संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को देवनागरी लिपि में लिखा गया और हिन्दी को भारत गणराज्य की अधिकारिक भाषा भी घोषित किया गया।
हिन्दी भाषा को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला भारत के संविधान में 26 जनवरी, 1950 से प्रभाव में आया है। भारतीय संविधान के मुताबिक, देवनागरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की आधिकारिक भाषा के रुप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया, जिसके बाद हिन्दी भाषा जनसंचार का माध्यम बनती चली गई और इसका महत्व बढ़ता चला गया है।
रायपुर, 14 सितंबर। अलबर्ट डेविड लिमिटेड दवा कंपनी द्वारा विगत 6 महीने से देशभर के दवा प्रतिनिधियों का वेतन व भत्ता रोके हुए हंैं। दवा प्रतिनिधियों को बुरी तरह से मानसिक रूप से प्रताडि़त कर रहे है।
प्रबंधन की मजदूर, श्रम विरोधी रवैय्येे के खिलाफ कंपनी के सी एंड एफ के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कंपनी की प्रताडऩाओं के खिलाफ कलकता, मुंबई दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में आज मंगलवार रायपुर में भारी बारिश के दौरान प्रदर्शन कर यूनियन ने अपना रोष प्रदर्शन कर आम सभा को संबोधित किया। प्रदर्शन का नेतृत्व सत्येन्द्र मिश्रा सहसचिव, नवीन गुप्ता उपाध्यक्ष, उबैद खान सहित बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भाग लिए।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य के आदिवासी समुदाय के हितों का संरक्षण और उन्हें उनका हक दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सरकार के प्रयासों से बीते ढाई सालों में आदिवासियों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सुलभ हुए हैं।
आदिवासी समाज की आर्थिक स्थिति और क्रय शक्ति बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2018 में दंतेवाड़ा जिले में ट्रेक्टर की बिक्री नहीं के बराबर थी। बीते ढाई सालों में आदिवासी किसानों ने खेती-बाड़ी के काम के लिए 400 से अधिक ट्रेक्टर की खरीदी की है। मोटर-सायकिल की बिक्री की संख्या ढाई सालों में दहाई के आंकड़े को पार कर 5 हजार तक पहुंच गई है।
सीएम श्री बघेल कल शाम अपने निवास कार्यालय में सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित कर रहे थे। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष भरत सिंह के नेतृत्व में प्रदेश के सभी अंचल के प्रतिनिधि सामाजिक समस्याओं के संबंध में चर्चा के लिए मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे। प्रतिनिधि मंडल में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा सहित राज्य प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
श्री बघेल ने प्रतिनिधि मंडल में शामिल सर्वआदिवासी समाज के पदाधिकारियों की एक-एक कर उनकी बाते सुनीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी समाज की समस्याओं की सुनवाई और निदान के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आदिवासी हितों से संबंधित सभी विभागों के सचिवों की कमेटी के गठन की घोषणा की।
उन्होंने सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों विशेषकर सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासिक अधिकारियों से सचिव स्तर की कमेटी के समक्ष आदिवासी समाज के कल्याण एवं उनके संवैधानिक हित के संरक्षण के संबंध में सभी मामलों को रखने और उस पर विस्तार से चर्चा करने की बात कही।
मुख्यमंत्री निवास में पहुंचे सभी सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब के साथ आज कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के कारण कई मामलों में तेज गति से काम नहीं हो सका है, जो अपेक्षित था। लॉकडाउन के दौरान लोगों को सुरक्षित रखने और उन्हें सुविधाएं देने की चिंता रही। इस दौरान लघु वनोपज की खरीदी की भी चुनौती रही। छत्तीसगढ़ सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए हर चुनौतियों पर विजय पायी है।
सीएम ने कहा कि आदिवासियों पर दर्ज मामलों के निराकरण के लिए गठित पटनायक समिति की अनुशंसा के अनुरूप सभी मामले निराकृत किए जा चुके हैं। शेष न्यायालयीन प्रकरण भी तेजी से निराकृत किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दक्षिण बस्तर अंचल से अन्य राज्यों में रोजी-रोजगार के उद्देश्य से गए परिवारों को उनके गांवों में जमीन का पट्टा दिलाने में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों से सक्रिय रूप से सहयोग का आह्वान किया।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार वन भूमि के निरस्त दावों का परीक्षण कर अब तक 50 हजार से अधिक वनवासियों को पट्टा दे चुकी है। सुकमा जिले में वर्षों से बंद स्कूलों को फिर से शुरू करा दिया गया है। अबूझमाड़ एरिया के 14 गांवों में एक हजार से अधिक लोगों को राजस्व भूमि का पट्टा सरकार ने दिया है और उनसे समर्थन मूल्य पर धान की भी खरीदी की है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज के लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनने संबंधी समस्याओं के निदान के साथ ही फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामलों के निराकरण में तेजी लाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य के आदिवासी अंचल में शिक्षा और स्वास्थ्य बहुत बड़ी चुनौती रही है। ढाई सालों में सरकार ने वनांचल के इलाकों में स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। चिकित्सकों और शिक्षकों की कमी को पूरा किया गया है। यही वजह है कि अब वनांचल के प्रतिनिधियों एवं लोगों द्वारा शिक्षक और चिकित्सक की मांग नहीं की जाती है।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने यह स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि उद्योगों के लिए आदिवासियों की जमीन अधिग्रहित नहीं की जाएगी। वनांचल में वनोपज आधारित छोटे-छोटे उद्योगों के लिए आवश्यक 50 से 100 एकड़ शासकीय भूमि आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि वनोपज से लेकर लघु धान्य फसलों की खरीदी और वेल्यू एडिशन का काम शुरू किया गया है, इससे वनांचल में रोजगार के अवसर बढ़े हैं और आदिवासी किसानों और संग्राहकों को अधिक आय होने लगी है। सुदूर वनांचल के लोगों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं के निदान के लिए सरकार की ओर से कैम्प भी आयोजित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के प्रारंभ में संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष भरत सिंह एवं वरिष्ठ पदाधिकारी बीएल ठाकुर, बीपीएस नेताम, धनंजय सहित अन्य पदाधिकारियों ने सर्व आदिवासीा समाज की समस्याओं के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव शिशु पाल सोरी, इन्द्रशाह मंडावी, यूडी मिंज, चन्द्रदेव राय, विकास उपाध्याय, विधायक संत कुमार नेताम, बृहस्पत सिंह, लक्ष्मी ध्रुव सहित आदिवासी समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
डेंगू से बचाव, सावधानी और उपचार संबंधी सलाह साझा किया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 14 सितंबर। स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ के संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने नागरिकों से कहा है कि डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बचाव, सावधानी और उपचार पर अपने सलाह देते हुए नागरिकों से कहा है कि डेंगू एडीज मछर के काटने से होता है। इसलिए डेंगू से बचाव के लिए हमें मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए लार्वासाइड का इस्तेमाल ,पानी इक_ा ना होने देना, घर में और आसपास साफ-सफाई किया जाना आवश्यक है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि डेंगू की प्राथमिक लक्षण होने पर ही उसकी जांच हो जाती है जो एंटीजन टेस्ट से किया जाता है। एंटीजन टेस्ट पॉजीटिव होने के बाद ऐसे व्यक्ति को ऑब्जरवेशन में रखा जाता है ताकि गंभीर लक्षण दिखने पर उसे अस्पताल की सुविधा उपलव्ध कराई जा सके। डेंगू की पुष्टि के लिए एलीजा टेस्ट करवाना बहुत आवश्यक है। एलीजा टेस्ट कन्फर्म होने पर ही इसे डेंगू का प्रकरण माना जाता है।
उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो वृद्ध हो या छोटे बच्चे, गर्भवती माताएं, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या इन् बीमारियों से ग्रसित लोगों को अस्पताल में रहकर इलाज कराना चहिये। घर मे रहकर इसका इलाज पांच दिन में सामान्य रूप से ठीक से हो जाता है। जिन व्यक्ति को डेंगू की बीमारी हो जाती है, उन्हें दिन और रात मच्छरदानी के अंदर रहना आवश्यक है ताकि इनको काट करके मच्छर दूसरों को बीमारी न फैला सके।
डॉ मिश्रा ने बताया कि डेंगू की बीमारी पांच दिन में ठीक हो जाती है। बहुत डरने की बात नहीं होती किन्तु गंभीर स्थिति आने के समय हमें तुरन्त अपना उपचार करा लेना आवश्यक है। इसके लिए शासन ने नि:शुल्क जाँच शिविर और उपचार की व्यवस्था की हुई है। नगर निगम द्वारा साफ-सफाई, लार्वासाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 30 बिस्तर जिला अस्पताल में तथा आयुर्वेदिक अस्पताल में 10 बिस्तर डेंगू के लिए आरक्षित किया गया है। निजी क्षेत्रों में भी इसकी उपचार की सुविधा है। अलीजा की नि:शुल्क जांच की जाती है। डॉ मिश्रा ने नागरिकों से कहा कि हम सबको मिलकर सावधानी रखनी है और डेंगू से बचाव करना है। समय पर उपचार करके डेंगू को समाप्त करना है।
रायपुर, 14 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के 15 सितंबर को 49वां जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश के समस्त जिला, शहर, नगर, ब्लाक कांग्रेस कमेटियों, मोर्चा संगठन, प्रकोष्ठ, विभाग के द्वारा विविध कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ और सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान, कांग्रेस के नीति-रीति सिद्धांतो एवं सरकार के जनकल्याणकारी योजनाओं सहित विभिन्न उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने प्रचार-प्रसार कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेगा।
रक्तदान शिविर, फल वितरण, वृक्षारोपण, सामाजिक सेवा कार्यक्रम भी होंगे। युवा कांग्रेस द्वारा प्रदेश के सभी जिला, शहर, नगर, ब्लाक, मुख्यालयों में प्राथमिक, सामुदायिक, जिला चिकित्सालयों में श्रमदान-सफाई अभियान तथा मरीजों को फल वितरण कार्यक्रम का आयोजित करेगी। प्रदेश एनएसयूआई ब्लाक स्तर पर 25 नये छात्र-छात्राओं को कांग्रेस के इतिहास और नीति-रीति से जोडक़र कांग्रेस पार्टी से जोडऩे का कार्यक्रम आयोजित करेगी।
रायपुर, 14 सितंबर। राज्य शासन द्वारा रायपुर विकास प्राधिकरण में नियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋ तुराज रघुवंशी ने मंगलवार को डॉ. अय्याज तांबोली से मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया।
श्री रघुवंशी भारतीय प्रशासनिक सेवा 2014 बैच के अधिकारी है। वे इसके पहले नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त और महासमुन्द में जिला पंचायत के सीईओ रह चुके हैं।
रायपुर, 14 सितम्बर। जिला खनिज संस्थान न्यास, रायपुर द्वारा 3 जुलाई को जारी विज्ञापन के तहत जिला खनिज संस्थान न्यास के सहायक ग्रेड 3 के रिक्त पद पर संविदा नियुक्ति हेतु कौशल परीक्षा 21 सितंबर को अपरान्ह 2 बजे से शासकीय महिला पॉलिटेक्निक कालेज बैरन बाजार रायपुर में आयोजित की गई है।
अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों का सत्यापन भी इसी दिन सबेरे 10.30 बजे से जिला पंचायत रायपुर में किया जायेगा । जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं पदेन सचिव प्रबंध कारिणी समिति रायपुर जिला खनिज संस्थान न्यास मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि चयनित अभ्यर्थियों को पृथक से सूचना प्रेषित की गई है । सूची का अवलोकन रायपुर जिले की वेबसाईट में किया जा सकता है।