स्थायी स्तंभ
- 1907- थॉमस अल्वा ऐडिसन को महीन सामग्रियों को पीसने और अलग करने के उपकरण के लिए पेटेन्ट जारी किया गया।
- 1939-कोलम्बिया विश्वविद्यालय में पहली बार यूरेनियम के परमाणु को साइक्लोट्रॉन की सहायता से तोड़ा गया।
- 1981 - रोनाल्ड रीगन का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 40वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण।
- 1996 - कैलीफ़ोर्निया विश्वविद्यालय की वेधशाला के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से लगभग 3 लाख 50 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर दो नए ग्रहों की खोज की।
- 1998-अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर मोनिका लेविंस्की ने अवैध शारीरिक संबंध स्थापित करने का आरोप लगाया।
- 2002-फिलीस्तीनी शहर तुल्कोरम पर इस्रायल का कब्ज़ा, अफग़़ानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए टोकियो में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बैठक में 3.5 अरब डॉलर की मदद की घोषणा।
- 2006 - श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने विद्रोही संगठन लिट्टे से बातचीत की पेशकश की।
- 2008- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी को आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने के प्रस्ताव का समर्थन किया।
- 2009- फि़ल्म स्लमडॉग मिलेनियर का ऑस्कर के लिए नामांकन हुआ। सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी आधार वाली तीन बंदरगाह परियोजनाओं को मंजूरी दी।
- 1934 -अभिनेता और फिल्म निर्देशक विजय आनन्द का जन्म हुआ। जिन्होंने नवकेतन फिल्म्स के बैनर तले कई हिट फिल्मों का निर्देशन किया।
- 1666 - भारत के मुग़ल सम्राट शाहजहां का निधन हुआ।
- 1908- रूसी भौतिकशास्त्री लैव डेविडोविच लैण्डॉव का जन्म हुआ, जिन्होंने मंद तापभौतिकी, परमाणु भौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, ठोस अवस्था, तारकीय ऊर्जा और प्लाज़्मा भौतिकी जैसे कई क्षेत्रों में काम किया। भौतिकी के कई शब्द उनके नाम से हैं। अत्यधिक मंद ताप (2.18 के.) पर द्रव हीलियम के विलक्षण अतितरल (सुपरफ्ल्युइड) व्यवहार को प्रतिपादित करने वाले सिद्धान्त के लिए उन्हें 1962 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। (निधन-1 अप्रैल 1968)
- 1561-अंग्रेज़ दर्शनशास्त्री फ्रांसिस बैकन का जन्म हुआ, जिनकी पुस्तक ऐडवान्समेन्ट आफ लर्निंग (1605), साइंटिफिक रॉयल सोसाइटी की स्थापना के लिए आंशिक रूप से उत्तरदायी थी। पुस्तक में मानव तथा ब्रह्माण्ड के प्रचलित समवृत्तिता की खोजों की बजाय तर्कसंगत तथा प्रयोगात्मक मूल्यों पर बल दिया गया। (निधन-9 अप्रैल 1626)
- 1831-अंग्रेज़ अन्वेषक जॉन ब्लेन्किन्सॉप का निधन हुआ, जिन्होंने पहले प्रायोगिक तथा सफल रेलगाड़ी के डिब्बे का निर्माण किया। (जन्म-1783)
- 1966 -अमेरिकी भौतिकशास्त्री अल्बर्ट वैलेस हल का निधन हुआ, जिन्होंने स्वतंत्र रूप से एक्स किरणों के पाउडर तरीके से क्रिस्टलों का विश्लेषण करने का तरीका इजाद किया। (जन्म-19 अप्रैल 1880)।
चिडिय़ा चुग गई खेत
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी अंतिम चरण पर है। एक नवंबर से खरीदी शुरू हुई थी जो 31 जनवरी तक चलेगी। इस दौरान किसान बोरियों, टोकन और रकबा घटने की समस्या से जूझते रहे पर बिक्री की रफ्तार घटी नहीं। कांग्रेस ने केन्द्र पर असहयोग का आरोप लगाया और विपक्ष ने राज्य सरकार को अव्यवस्था के लिये जिम्मेदार बताया। अब जब खरीदी के सिर्फ 6 कार्यदिवस बचे हैं, भाजपा इस मुद्दे पर जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन और कलेक्टोरेट का घेराव करने जा रही है।
भाजपा के कार्यकर्ता तो अनुशासित हैं, आदेश मिला और तैनात हो जाया करते हैं। पर इस बार संगठन के पदाधिकारियों को उन्हें तैयार करने में काफी मुश्किल हो रही है। 13 जनवरी को भी जब प्रत्येक विधानसभा मुख्यालय में धरना दिया गया तो कई जगहों पर कुर्सियां खाली रहीं। अब 22 जनवरी के आंदोलन में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिये व्यक्तिगत सम्पर्क और सोशल मीडिया की मदद ली जा रही है। भीड़ ज्यादा से ज्यादा जुटे इसकी कोशिश हो रही है। भाजपा कार्यालय के बाहर कुछ कार्यकर्ता कहते हुए मिले कि अब जब धान खरीदी बंद होने के करीब आ गई है तो आंदोलन क्यों हो रहा है, पहले करना चाहिये था। दूसरे ने समझाया कि सरकार पर असर पड़े न पड़े, संगठन पर निगरानी रखने वालों पर तो पड़ेगा।
खिलाडिय़ों को कोरोना से नुकसान
हाईस्कूल व हायर सेकेन्डरी बोर्ड के नतीजों में खिलाडिय़ों को बड़ा लाभ होता है। उपलब्धियों के आधार पर उन्हें बोनस अंक दिये जाते हैं। ये बोनस अंक केवल श्रेणी सुधार में मददगार नहीं होते बल्कि आगे चलकर नौकरियों में भी लाभ दिलाते हैं। पर इस बार कोविड-19 महामारी के कारण कक्षायें ऑनलाइन चलीं और खेल स्पर्धायें तो कुछ हुई ही नहीं। ऐसे में आने वाले बोर्ड एग्जाम में खिलाडिय़ों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। हाल ही में कुछ खिलाडिय़ों ने स्कूल शिक्षा मंत्री को इस बारे में आवेदन भेजा है और मांग की है कि जिस तरह से कई कक्षाओं में जनरल प्रमोशन दिये गये, अनेक विषयों में औसत अंक देकर पिछले सत्र में लोगों को उत्तीर्ण किया गया, उसी तरह से बीते वर्षों के खेल प्रदर्शन के आधार पर उन्हें भी बोनस अंक दिया जाये। देखें, मंत्री क्या फैसला करते हैं।
यातायात माह की रस्म
यह सही है कि अधिकतर दुर्घटनायें लापरवाही के कारण होती है। बाइक पर तीन सवारी बिठाना उस पर तेज वाहन चलाना, हेलमेट नहीं पहनना, शराब पीकर गाड़ी चलाना ज्यादातर दुर्घटनाओं के पीछे हैं। मरवाही के विधायक डॉ. के. के. धु्रव ने अपने डॉक्टरी पेशे का अनुभव बताते हुए कहा कि उनके पास बाइक सवारों के 70-75 फीसदी ऐसे केस होते हैं जिन्हें हेलमेट नहीं पहनने के कारण गंभीर चोटें आईं। हेलमेट पहनकर चले होते तो दुर्घटना कम खतरनाक होती। कई बार इसी के चलते जान भी चली जाती है।
केन्द्र सरकार के सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से बीते 28 सालों से यातायात सप्ताह मनाया जाता रहा है। इस बार सप्ताह की जगह महीने भर का कार्यक्रम रखा गया है। ज्यादातर कार्यक्रम निबंध, कविता, कहानी, पोस्टर और रैलियों के आयोजन तय किये गये हैं। पूरा अभियान ऐसा लग रहा है मानों यातायत सुरक्षा सिर्फ पुलिस का काम है। जबकि अन्य विभागों के साथ तालमेल के बिना दुर्घटनाओं को रोकने में मदद नहीं मिल सकती। नगर निगम को शहर सीमा की सडक़ें तो पीडब्ल्यूडी को बाहर की सडक़ें ठीक करनी है। गड्ढों का न होना, संकेतकों का न होना, पुल पुलिया में रेलिंग नहीं होना या फिर टूटा-फूटा होना दुर्घटनाएं लेकर आती है।
रायपुर बिलासपुर नेशनल हाइवे में तो सडक़ मार्ग संकेतक 100 की गति से गाड़ी चलाने की छूट देता है पर नई नई बनी इस सडक़ में कई जगह गड्ढे हैं जो 100 की गति पर चलाने में गंभीर हादसे की वजह बन सकती है। परिवहन विभाग बसों, स्कूल बसों और दूसरे भारी वाहनों की फिटनेस टेस्ट करने में पीछे है। कुल मिलाकर जो रस्म अदायगी पहले एक सप्ताह के लिये हुआ करती थी, इस बार एक महीने तक होती रहेगी।
झूठ का असर सच से अधिक
गुजरात में सूरत की पुलिस ने रिलायंस जियो का ट्रेडमार्क लगाकर बनाए गए आटे के पैकेट बेचते लोगों को गिरफ्तार किया है। राधाकृष्ण ट्रेडिंग कंपनी के खिलाफ रिलायंस ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि वह रिलायंस जियो के ट्रेडमार्क से आटे की बोरियां बेच रही है। इस खबर को पढक़र याद पड़ता है कि सोशल मीडिया पर पिछले कुछ हफ्तों से किसान आंदोलन पर आने वाली कई पोस्ट में जियो ब्रांड का आटा दिखता था, और रिलायंस के दावे को झूठा बताया जाता था कि वह किसी किसानी कारोबार में नहीं है। अब पता लगा कि बाजार के लोग ब्रांड की जालसाजी करके रिलायंस के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे थे, कंपनी किसी एग्रो-प्रोडक्ट के कारोबार में नहीं है, और बार-बार दावा भी कर रही थी, लेकिन रिलायंस जियो की बोरियां दावे का मुंह चिढ़ा रही थीं। बाजार का हाल ऐसा है कि झूठ का सिक्का सच के नोट को भी खदेडक़र बाहर कर देता है। दस-बारह दिन पहले एक टीवी चैनल पर खबर आई थी- जियो डाटा के बाद जियो का आटा। इसके बाद रिलायंस हरकत में आई और अपने ब्रांड के आटे के धंधे को ढूंढ निकाला। इस बीच पंजाब में जगह-जगह रिलायंस के मोबाइल टॉवरों पर हमले चल ही रहे हैं। झूठ का असर सच से अधिक होता है।
- 1799- ऐडवर्ड जेनर द्वारा चेचक का टीका विकसित किया गया।
- 1984 -ब्रिटेन में पहली बार एक दम्पत्ति को तीन परखनली-शिशुओं की प्राप्ति हुई। जिनकी मां थीं ऐनी माये।
- 1924 - रैक्जे मैक्डोनाल्ड के नेतृत्व में पहली बार ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनी; ग्रीस (यूनान) की स्वतंत्रता; लेनिन का निधन।
- 1972 - मणिपुर मेघालय और त्रिपुरा राज्य का स्थापना दिवस।
- 1996 - स्वायत्त फिलीस्तीन के ऐतिहासिक प्रथम आम चुनाव में फिलीस्तीनी मुक्ति मोर्चा के नेता यासर अराफात 85 प्रतिशत मत प्राप्त कर निर्वाचित, एशिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन चीन की राजधानी बीजिंग में उद्घाटित।
- 2000 - एशिया के प्रथम स्लिट लिवर का प्रत्यारोपण हांगकांग में हुआ, हिमतक्षेस की बैठक मस्कट में प्रारम्भ।
- 2003 - चालक रहित अमेरिकी टोही विमान पाकिस्तान में दुर्घटनाग्रस्त।
- 2008 - भारत ने इस्त्रायल का एक जासूसी सैटेलाइट का प्रक्षेपण कर उसे सफलतापूर्वक पोलर आर्बिट में स्थापित किया।
- 2009- कर्नाटक के बीदर में वायुसेना का एक प्रशिक्षण विमान सूर्यकिरण दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
- 1945 - प्रख्यात वकील और शिक्षाविद रास बिहारी बोस का निधन हुआ।
- 1912- अमेरिकी जैवरसायनज्ञ, कोनरॉड ब्लॉक का जन्म हुआ, उन्हें कोलेस्टरॉल और वसीय अम्लों के संश्लेषण के लिए फियोडोर लाईनेन के साथ फीजिय़ोलॉजी या चिकित्सा का 1964 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। (निधन-15 अक्टूबर 2000)
- 1857 -अमेरिकी भूविज्ञानी जोसफ पैक्सन एडिंग्स का जन्म हुआ, जिन्होंने शिलाविज्ञान की समझ को और विकसित किया। शिलाविज्ञान अर्थात पत्थरों के उद्गम, सरंचना आकार तथा चट्टानों के परिवर्तन का अध्ययन। वे अमेरिका के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पत्थरों के महीन अनुभागों का अध्ययन किया। (निधन- 8 सितम्बर 1920)
- 1926 -इटली के चिकित्सक तथा कोशिका वैज्ञानिक कैमिलो गॉल्गी का जन्म हुआ, जिन्होंने कोशिका के नए घटक की खोज की जिसे आज हम गॉल्गी कॉम्प्लेक्स के नाम से जानते हैं। तंत्रिका तंत्र के स्पष्ट आकार की जाँच पड़ताल करने के लिए उन्हें स्पेन के वैज्ञानिक के साथ 1906 में फीजिय़ोलॉजी अथवा मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मिला। (निधन-7 जुलाई 1843)
- 1892 - ब्रिटिश गणितज्ञ और खगोलशास्त्री जॉन कॉउच एडम्स का निधन हुआ, जो उन दो लोगों में से एक जिन्होंने स्वतंत्र रूप से नेपच्यून ग्रह की खोज की। उन्होंने खगोलशास्त्र में और भी बहुत से योगदान दिए, खासकर 1866 में ल्यूनिड उल्का-वृष्टि पर किया गया उनका अध्ययन, जिसमें उन्होंने दर्शाया कि उल्का वृष्टि की कक्षा धूमकेतु की कक्षा के काफी समान होती है। (जन्म-5 जनवरी 1819)।
प्रदर्शन कामयाब कैसे हो ?
धान खरीद में अव्यवस्था का आरोप लगाकर भाजपा 22 तारीख को जोरदार प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। चूंकि प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी भी प्रदर्शन में शामिल होंगी, ऐसे में कहीं कोई कसर बाकी न रह जाए, इसके लिए पार्टी के प्रमुख नेता व्यक्तिगत रूचि ले रहे हैं। जिला और मोर्चा की बैठक चल रही है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा भीड़ लाने पर जोर दिया गया है। सुनते हैं कि युवा मोर्चा की बैठक में तो बड़े नेताओं ने यहां तक कहा कि प्रदर्शन को तभी सफल माना जाएगा, जब बैरीकेट्स टूटे। यानी संकेत साफ है कि प्रदर्शन उग्र होगा। देखना है कि पुलिस संभावित उग्र प्रदर्शन पर कैसे काबू पाती है।
किस-किसने कितना धान बेचा ?
धान खरीद में अव्यवस्था पर किचकिच चल रही है। भाजपा ने अव्यवस्था के चलते धान खरीद बंद का आरोप लगाया, तो कांग्रेस ने उन भाजपा नेताओं की सूची जारी कर दी, जिन्होंने हाल में अपने इलाके के सरकारी केन्द्रों में धान बेचा है। जिसमें रमन सिंह, अभिषेक सिंह, धरमलाल कौशिक, विष्णुदेव साय, संतोष पाण्डेय, रामप्रताप सिंह समेत दर्जनभर से अधिक नेताओं के नाम हैं।
सूची में यह भी बताया गया कि किस-किस नेता को कितना भुगतान हुआ है। मसलन, रमन सिंह को पौने 4 लाख, अभिषेक सिंह को ढाई लाख, धरमलाल कौशिक को सवा दो लाख भुगतान किया गया। राजीव न्याय योजना के तहत भी इन सभी के खाते में राशि गई हैं। इसमें कोई गलत भी नहीं है। लेकिन सूची जारी होने से भाजपा नेता खफा हैं, मगर इस तरह की सूची पहली बार जारी नहीं हुई थी।
पिछली सरकार ने भी एक बार सरकारी धान खरीद को अपनी उपलब्धियों के तौर पर प्रचारित कर विधानसभा में यह बताया गया था कि किस-किस कांग्रेस नेता ने कितनी मात्रा में धान बेचा है, और उन्हें कितनी राशि मिली है। इसमें रविन्द्र चौबे और अन्य नेताओं के नाम थे। अब सरकार बदल गई है, तो कांग्रेस नेता भी धान खरीद को अपने सरकार की उपलब्धियों के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं। और अब जब खरीदी बंद होने का आरोप लग रहा है, तो प्रमाण के तौर पर धान बेचने वाले भाजपा नेताओं की सूची जारी कर दी गई। स्वाभाविक है कि खरीदी बंद न होने का इससे बड़ा प्रमाण और नहीं हो सकता था।
वैक्सीन से बचने के दस बहाने..
कई स्वास्थ्य कर्मचारी, कोरोना वारियर्स टीका लगवाने से भाग रहे हैं। वैक्सीनेशन सेंटर से फोन जाने पर फोन ही नहीं उठाते, जो उठा रहे हैं उनके पास तरह-तरह के बहाने हैं। एक ने कहा- मेरी इम्युनिटी कमजोर है तो दूसरे ने बताया उसे बुखार है। कई तो व्यस्त होने का बहाना कर रहे हैं। एक ने कहा वह खेत में गेहूं की फसल को पानी देने पहुंचा है, जो टीका लगवाने से ज्यादा जरूरी है। एक और स्वास्थ्य कर्मी का जवाब था- जब दस माह की कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने के बावजूद संक्रमण से बचा रह गया तो अब क्या करूंगा लगवाकर?
वैक्सीनेशन और कोरोना थमने का सिलसिला साथ-साथ चल रहा है। लोगों में कोरोना से घबराहट पहले की तरह रह नहीं गई। छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन की दर 55 से 60 प्रतिशत तक ही पहुंच पा रही है। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, हेल्थ वर्कर, मितानिन आदि का है जिन पर गांव-कस्बों में लोगों को स्वास्थ्य के लिये सचेत करने की जिम्मेदारी है। जब वे खुद से डर, बच रहे हों तब वे अगले चरण में और लोगों को कैसे टीकाकरण के लिये तैयार कर सकेंगे?
बिलासपुर को मिला पहला केबिनेट मंत्री !
यह पहली मर्तबा हुआ कि सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में बिलासपुर से कोई भी शामिल नहीं था। जाहिर तौर पर तो यही कहा गया कि पहली बार चुने गये विधायक मंत्री नहीं बनाये जायेंगे लेकिन लोगों ने इस फैसले के पीछे जिले में कांग्रेसियों के बीच चलने वाली उठापठक को भी महसूस किया। जिले से केवल दो ही विधायक कांग्रेस से हैं, उनमें से एक रश्मि सिंह को बीते वर्ष संसदीय सचिव का दर्जा दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट में कबूल किया है, इसलिये किसी संसदीय सचिव को मंत्रियों के समकक्ष कोई सुविधा भी नहीं दी जा रही है।
2013 से 2018 के बीच कांग्रेस के जिन नेताओं ने धरना, प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दीं, टिकट से वंचित रह गये, वे अब तक सत्ता में हिस्सेदारी मांग रहे हैं। पर 70 वर्षीय कांग्रेस नेता बैजनाथ चंद्राकर जिले में सबसे आगे हो चुके हैं। उन्हें बीते साल जुलाई में राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स) का अध्यक्ष बनाया गया। नवंबर में उन्हें ठाकुर प्यारेलाल सहकारिता सम्मान मिला और अब सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है। कुछ लोग कह रहे हैं, देर से सही केबिनेट मंत्री के समकक्ष बिलासपुर को एक पद तो मिला। दूसरी तरफ शेष नियुक्ति में अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे नेता चिंतित हैं कि असंतुलन के बहाने अब उनका पत्ता साफ तो नहीं जायेगा?
ऐसी शरारत तो मत करिये..
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना की हालत बहुत अच्छी नहीं है। इस योजना में केन्द्र सरकार को 60 फीसदी देना होता है और 40 प्रतिशत रकम राज्य सरकार को। कोरोना, किसानों के भुगतान और कुछ दूसरे कारण होंगे राज्य सरकार ने पीएम आवास में अपनी हिस्से की राशि इस वित्तीय वर्ष में कम कर दी। केन्द्र की तरफ से तो 6 लाख लोगों के लिये आवास की मंजूरी दी गई थी पर राज्य सरकार ने इसे घटाकर 1.20 लाख कर दिया। केन्द्र व राज्य सरकार का फंड मिलाकर हितग्राहियों के खाते में, जैसे-जैसे निर्माण होता है, राशि जमा की जाती है। इस बार बहुत से आवास समय पर फंड नहीं मिलने के कारण अधूरे रह गये। कुछ ने कर्ज लेकर काम आगे बढ़ा लिया, पर अगली किश्त का अब तक इंतजार ही कर रहे हैं।
इधर बालोद जिले के डौंडीलोहारा नगर पंचायत में तो गजब ही हो गया। यहां दिल्ली से ग्रामीण विकास मंत्रालय से कुछ लोगों के पास बधाई की चिट्ठी पहुंच गई। बधाई इस बात कि उनका प्रधानमंत्री आवास बन गया। पत्र लिखने वाले अधिकारी ने कुशल मंगल भी पूछ लिया है। मगर हकीकत यह है कि आवास का बनना तो दूर इनके आवास का आवेदन भी मंजूर नहीं हुआ है। इनमें से कुछ लोगों को आवास स्वीकृत होने की जानकारी दी जा रही है, पर किश्त नहीं आई है। अब यह गड़बड़ी कैसे हो गई? मकान कोई बधाई की चिट्ठी लिखने जैसा आसान काम तो है नहीं, पर जो काम आसान है अधिकारियों ने कर दिया, जो कठिन है वह रुका हुआ है।
- 1265 - इंग्लैंड में संसद की पहली बैठक हुई।
- 1503 - स्पेन में अमेरिकी मामलों को सुलझाने के लिए व्यापार बोर्ड का गठन हुआ।
- 1817 -कलकत्ता हिन्दू कॉलेज की स्थापना हुई।
- 1957 -भारत की पहली परमाणु भट्टी अप्सरा का उद्घाटन हुआ। भारत द्वारा आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय जहाज़ों को अपने यहां सुविधाएं नहीं देने की घोषणा की।
- 1961 - जॉन एफ केनेडी ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
- 1971 - अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम का उदय केंद्रशासित प्रदेश के रूप में हुआ।
- 1977 - जिम्मी कार्टर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
- 1989 - जॉर्ज बुश ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
- 1993 - बिल क्लिंटन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार गहन।
- 2001 - जार्ज बुश जूनियर संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बने, ग्लोरिया आरोया फिलीपींस की राष्ट्रपति बनीं।
- 2010 -सिनेमेटोग्राफर वी के मूर्ति को वर्ष 2008 के प्रतिष्ठित दादासाहब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया। वर्ष 1969 में शुरू हुए दादा साहब फाल्के पुरस्कार पहली बार किसी सिनेमेटोग्राफर को दिया गया। एशिया की सबसे बड़ी विमान सेवा जापान एयरलांइस ने खुद को दीवालिया घोषित किया। भारत में मोबाइल पोर्टेबिलिटी सेवाओं की शुरुआत हुई।
- 1926 - भारतीय और पाकिस्तानी उपन्यासकार कुर्रतुलएन हैदर का जन्म हुआ।
- 1988 - भारत रत्न से सम्मानित महान स्वतंत्रता सेनानी ख़ान अब्दुलगफ्फ़़ार ख़ान का निधन।
- 2005 - भारतीय अभिनेत्री परवीन बॉबी का निधन।
- 1820-फ्रांस के भूविज्ञानी ऐलेक्ज़ेन्डर एमील बेग्यूअर डी कैन्कॉर्टोइस का जन्म हुआ, जिन्होंने रासायनिक तत्वों को उनके परमाणु भार के अनुसार क्रम में रखा था। (निधन-14 नवम्बर 1886)
- 1812-अमेरिकी मनोचिकित्सक ऐडवर्ड सेग्युइन का जन्म हुआ, जिन्होंने गंभीर मानसिक विकलांगता से पीडि़त लोगों के लिए दुनिया का पहला विद्यालय खोला। उन्होंने संवेदी प्रशिक्षण विधि का विकास किया। वर्ष 1850 में वे अमेरिका चले गए जहां उन्होंने कई और प्रशिक्षण केन्द्र खोले। (निधन-28 अक्टूबर 1880)
- 1907- रूसी रसायनशास्त्री डिमिट्री इवानोविक मेन्डलीव का निधन हुआ, जिन्होंने 1871 में रासायनिक तत्वों के वर्गीकरण पर आधारित आवर्त सारिणी दी। उन्होंने आवर्त सारणी में जगह छोड़ रखी थी क्योंकि उनका कहना था कि ये जगह उन तत्वों के लिए है जो अभी खोजे नहीं जा सके हैं। (जन्म- 8 फरवरी 1834)
- 1922- फ्रांसीसी गणितज्ञ और इंजीनियर कैमिली जॉर्डन का निधन हुआ, जिन्होंने समूह सिद्धान्त की नींव रखी। इसके अलावा उन्होंने रेखीय तथा बहुरेखीय बीजगणित, विभेदक समीकरणों (डिफरेन्शियल इक्वेशन्स) तथा यान्त्रिकी पर भी कार्य किया।(जन्म-5 1838)
- 1998-अमेरिकी बछड़े का क्लोन तैयार किया गया है। इसका श्रेय मैसाचुसेट्स विश्विद्यालय के डॉ जेम्स रॉब्ल, तथा एड्वान्स सेल टेक्नोलॉजी के डॉ. स्टीवन स्टाइस को जाता है।
- 1929-अमेरिका में पहला सम्पूर्ण चलचित्र लोगों के लिए जारी किया गया जिसका नाम था ओल्ड ऐरिज़ोना।
रेणुका सिंह का प्रमोशन या...
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल हो सकता है। प्रेक्षकों का अंदाजा है कि 26 जनवरी के बाद मंत्रिमंडल में नए चेहरों को जगह मिल सकती है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह की जगह किसी दूसरे सांसद को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। कुछ के तर्क हैं कि रेणुका का परफार्मेंस ठीक नहीं रहा है। इसके चलते उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। मगर रेणुका सिंह के समर्थक निश्चिंत हैं। उनका मानना है कि रेणुका सिंह को मंत्रिमंडल से बाहर निकालना तो दूर, उनका कद बढ़ाया जा सकता है।
रेणुका सिंह के समर्थकों के आत्मविश्वास की वजह प्रधानमंत्री का शुभकामना संदेश है, जो कि रेणुका सिंह के जन्मदिन पर 4 जनवरी को भेजा गया था । शुभकामना संदेश में प्रधानमंत्री ने लिखा है कि मंत्रिमंडल के मेरी अहम सहयोगी के रूप में आप अपने अथक परिश्रम, असीमित ऊर्जा और अटल संकल्पशक्ति से न्यू इंडिया के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। आगे उन्होंने यह भी लिखा है कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि देश की समृद्धि के लिए आप जिस समर्पित भाव से अपनी सेवाएं दे रही हैं, वह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।
स्वाभाविक है कि इस तरह की भाषाशैली किसी हटाए जाने की संभावना वाले मंत्री के लिए नहीं लिखी जाती। प्रधानमंत्री के शुभकामना संदेश की भाषा शैली से रेणुका समर्थकों का आत्मविश्वास बढ़ा है। मगर विरोधी इससे सहमत नहीं है। उन्होंने पत्र की बारीकियों की तरफ इशारा किया, जिसमें एक-दो मात्रा संबंधी त्रुटियां थी। चाहे कुछ भी हो, प्रधानमंत्री के शुभकामना संदेश से रेणुका समर्थकों में खुशी की लहर है।
पार्षद दल नेता नहीं चुन पा रही
भाजपा रायपुर नगर निगम पार्षद दल का नेता नहीं चुन पा रही है। पहले सूर्यकांत राठौर का नाम फाइनल कर दिया गया था, लेकिन बाद में कुछ ने पेंच अड़ा दिया। इसके बाद घोषणा अटक गई। यह तर्क दिया जा रहा है कि मीनल चौबे के पक्ष में ज्यादा पार्षद हैं। ऐसे में उन्हें ही नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना चाहिए। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत खेमे के बीच चल रही खींचतान के चलते भाजपा सालभर बाद भी पार्षद दल का नेता तय नहीं कर पाई है।
पिछले दिनों मीनल चौबे की अगुवाई में महिला पार्षदों और कुछ नेताओं ने प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी से मुलाकात की थी, और उन्हें अब तक पार्षद दल का नेता नहीं तय होने की जानकारी दी थी। नेता ही तय नहीं है, तो निगम में भाजपा विपक्ष की भूमिका ठीक से निभा नहीं पा रही है। पुरंदेश्वरी ने पार्षदों को भरोसा दिलाया है। संकेत है कि अगले कुछ दिनों में पार्षदों से रायशुमारी कर नेता प्रतिपक्ष का चयन किया जाएगा।
पुलिस को उसी के मंच पर...
नेताओं या जनप्रतिनिधियों को अपने कार्यक्रमों में बुलाने से पुलिस को तौबा कर लेनी चाहिए। अब बालोद का मामला देखिए। यातायात सुरक्षा मास के शुभारंभ अवसर पर पहुंचे पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा ने मंच से आरोप लगाया कि यातायात पुलिस से आम लोग बड़े पैमाने पर परेशान हैं। ये अवैध वसूली में लगे हुए हैं। सिन्हाजी अपने समय में बड़े तेज विधायक थे। उनके खिलाफ पुलिस अधिकारी का कॉलर पकडऩे का केस भी चल चुका है। पुलिस को उगाही के नाम पर उनके ही मंच से सुना देने का ये काम दूसरी बार हुआ है। बिलासपुर में एक थाना भवन के उद्घाटन के समय विधायक शैलेष पांडे ने भी पुलिस पर ऐसा ही आरोप लगाया था। उन्होंने तो थानों में रेट लिस्ट लगाने का सुझाव भी दिया। कांग्रेस विधायक रश्मि सिंह ने भी पुलिस पर उगाही के आरोप लगाए थे। गृहमंत्री ने क्या कार्रवाई की यह किसी की जानकारी में नहीं है। मौजूदा विधायक जब कार्रवाई के इंतजार में हों तो सिन्हा को तो कोई उम्मीद पालने की जरूरत नहीं होगी। पुलिस को भले ही किसी एक्शन की चिंता न हो पर मंच से ऐसी बातें की जाए तो बेचैनी महसूस करते होंगे। बिलासपुर में पुलिस ने ज्यादा समझ दिखाई। किसी नेता को बुलाने की गलती नहीं की। उम्मीद है बाकी जिलों की पुलिस तक भी ये खबर पहुंच जाएगी।
धान खरीदी लक्ष्य पार करेगी?
धान खरीदी को लेकर आ रहे लगातार विपरीत समाचारों के बीच एक जानकारी ये भी है कि इस बार भी लक्ष्य के मुताबिक धान किसानों से ले लिया जाएगा, इसकी पूरी संभावना है। सरकार ने पहले 85 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य रखा था, पर बाद में रकबा की रिपोर्ट मिलने पर इसे बढ़ाकर 90 लाख मीट्रिक टन किया गया। अब जब खरीदी अपने आखिरी दौर में आ चुकी है अब तक लगभग 72 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। बस वे किसान बचे दिनों में अपनी बारी के लिए आपाधापी में फंस सकते हैं। अंतिम दिनों में दूसरे राज्यों का धान खपाने की कोशिश बढ़ जाती है, साथ ही आढ़तिए भी सोसाइटी में सेटिंग कर बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं।
एक रिटायर्ड आला अफसर, और खानदानी किसान का कहना है कि इस बार माहो की मार बहुत रही, और फसल बहुत कम हुई है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में फसल इसलिए ज्यादा दिखाई जाती है कि चारों तरफ के राज्यों से यहां धान लाया जाता है, और इस तस्करी से सबको कुछ न कुछ मिल जाता है। इसलिए सरकार कम फसल की बात मंजूर नहीं करती है, और असली फसल से अधिक की खरीदी हो जाती है। कई बरस पहले जब छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को दिल्ली में धान उत्पादन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी का केन्द्र सरकार का पुरस्कार मिला था, और दिल्ली के मंच पर उस वक्त के केन्द्रीय राज्यमंत्री चरणदास महंत भी थे, तब भी यह बात दबी जुबान में हो रही थी कि पड़ोसी राज्यों के धान की तस्करी की मेहरबानी से छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार मिल रहा है।
कुछ करने की हिम्मत क्यों नहीं?
बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय से बदतमीजी का मामला पीसीसी के लिए गले की फांस बन गया है। पीसीसी ने जांच के लिए कमेटी बिठाई थी। कमेटी ने विधायक के साथ बदतमीजी की पुष्टि की है, और इसके लिए ब्लॉक अध्यक्ष तैय्यब हुसैन को जिम्मेदार ठहराया है। कार्रवाई का आधार घटना के बाद ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा मीडिया पर दिए गए बयान को बनाया गया। जिनमें से एक वाक्य को खास तौर पर आपत्तिजनक माना गया जिसमें उन्होंने कहा कि- हमारे विधायक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ज्यादा ड्रामेबाज हैं। रिपोर्ट तो पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को दे दी गई है, लेकिन रिपोर्ट पर कार्रवाई अपेक्षित है। कहा जा रहा था कि वर्धा से लौटने के बाद पीसीसी चीफ कार्रवाई करेंगे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
पीसीसी चीफ ने सिर्फ इतना ही कहा है कि रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। बहरहाल, रिपोर्ट की भनक मिलते ही विधायक विरोधी खेमा भी सक्रिय हो गया है और कोशिश कर रहा है कि ब्लॉक अध्यक्ष को कार्रवाई से बचा लिया जाये। विरोधी खेमे की तरफ से यह आरोप भी लगाया गया कि विवाद को विधायक कम्यूनल कलर देने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ यह भी हुआ है कि ब्लॉक अध्यक्ष के समाज के कुछ लोगों ने एक बैठक कर उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने की मांग की है। विरोधियों के दबाव के चलते ब्लॉक अध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मगर रिपोर्ट तो आ गई है, और इस पर कुछ न कुछ कार्रवाई होना जरूरी है।
ऐसे में अब बीच का रास्ता निकाला जा रहा है, कि रिपोर्ट पर कार्रवाई टालने के लिए हाईकमान से मार्गदर्शन लेने का फैसला लिया जा सकता है। ये अलग बात है कि अंतागढ़ कांड उजागर होने के बाद पीसीसी ने उस समय मरवाही के विधायक अमित जोगी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, और पूर्व सीएम अजीत जोगी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी थी। तब हाईकमान से पूछा तक नहीं गया था। अब विधायक के साथ बदतमीजी के मामले को कार्रवाई में आनाकानी पर सवाल तो खड़े हो रहे हैं।
समन्वयक उम्मीद से
विधानसभा चुनाव से पहले सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने समन्वयक बनाए थे, और उन्हें चुनाव प्रचार खत्म होने तक इलाके में डटे रहने के लिए निर्देशित किया गया था। यह भी भरोसा दिलाया गया था कि पार्टी की सरकार बनने पर सबको कुछ न कुछ दिया जाएगा। विधानसभा समन्वयकों ने प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रचार में पूरा योगदान दिया। अब सरकार बन गई है, तो वे उम्मीद से हैं।
निगम-मंडलों की एक सूची जारी हो गई है, लेकिन दो-तीन को ही पद मिल पाया है। दूसरी सूची का इंतजार किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि दूसरी सूची के संभावित नामों पर चर्चा हो चुकी है। हल्ला है कि दूसरी सूची में भी ज्यादातर के नाम नहीं हैं। ये अलग बात है कि सूची का ही कोई अता-पता नहीं दिख रहा है। कुछ लोगों का अंदाजा है कि शायद 26 जनवरी के बाद सूची को लेकर हलचल हो। यदि ऐसा नहीं होता है, तो फिर बजट सत्र तक के लिए मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है।
चाय के कप में बीयर कभी पी है?
जो लोग बीयर पीते हैं वे जानते हैं कि इसके लिए सामान्य से बड़े ग्लास इस्तेमाल होते हैं, और एक बड़ी बोतल अधिक से अधिक दो गिलासों में खाली हो जाती है। लेकिन किसी ने चीनी मिट्टी के चाय पीने के लिए बनाए गए कप में बीयर नहीं देखी होगी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वीआईपी कही जाने वाली एयरपोर्ट रोड पर बिना दारू-लाइसेंस के एक रेस्त्रां में खुलकर बीयर पिलाई जा रही है, और उससे भरा हुआ गिलास आंखों को न खटके इसलिए वेटर बोतल के साथ चाय वाले कप लेकर आता है, और टेबिल पर कप में बीयर भरकर सर्व कर जाता है। अब इस गैरकानूनी ठिकाने के आसपास जो लोग बार की मोटी लाइसेंस फीस देकर कारोबार कर रहे हैं, वे परेशान हैं, और इस अवैध बीयर बार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर भेजकर लोगों से मदद की अपील भी कर रहे हैं।
ऑनलाइन ठगी का ऐसा मकडज़ाल
ऑनलाइन ठगी का अपराध रोजाना दर्ज हो रहा है। गूगल सर्च में भी फर्जी कस्टमर केयर और हेल्पलाइन नंबर डाल दिये गये हैं। पुलिस के अलावा बैंकों की तरफ से भी एसएमएस भेजकर सचेत किया जाता है कि फोन पर किसी को अपना कार्ड नंबर न बतायें, पासवर्ड, ओटीपी न बतायें, कोई ऐप डाउनलोड करने के लिये लिंक भेजें तो न खोलें। अधिकारिक वेबसाइट से ही हेल्पलाइन नंबर लें। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया उन अग्रणी बैंकों में है, जो इस तरह की चेतावनी अक्सर अपने ग्राहकों को देता रहता है। पर ठगों ने राजधानी रायपुर के इसी बैंक के एक रिटायर्ड अधिकारी को अपना शिकार बनाया। उन्होंने प्रोविडेंट फंड का बकाया 13 लाख रुपये का भुगतान करने के नाम पर करीब 2.60 लाख रुपये अपने खातों में जमा करा लिया। यह हो नहीं सकता कि मुख्य प्रबंधक पद से सेवानिवृत होने वाले बैंक अधिकारी ने बातचीत और रुपये ट्रांसफर करते समय सावधानी नहीं रखी होगी, इसके बावजू ऐसा मामला सामने आने से पता चलता है कि ठग अच्छे-खासे समझदार लोगों पर भी अपना विश्वास जमाने में सिर्फ फोन के जरिये सफल हो रहे हैं। फिलहाल तो, अकेले पुलिस द्वारा साइबर क्राइम के खिलाफ चलाई जा रही जागरूकता काफी नहीं लगती।
इसी को कहते हैं सरकारी ढर्रा
मुद्रलेखन एवं शीघ्र लेखन बोर्ड हर साल दो बार टाइपिस्ट की परीक्षायें आयोजित कराता है। इसे पास करने के बाद बेरोजगार युवा के पास एक और योग्यता प्रमाण-पत्र हो जाता है। उम्मीद बढ़ जाती है कि जब नौकरी का आवेदन भरा जायेगा तो यह काम आयेगा। सहायक ग्रेड-2 और समकक्ष लिपिक की भर्ती के विज्ञापनों में अक्सर लिखा होता है टाइपिंग जानना अनिवार्य। यदि कोई नहीं जानता तो उसे नौकरी लगने के सालभर के भीतर इसे पास करना भी होता है। हाल में यह परीक्षा प्रदेश के कई जिलों में हुईं। हालत यह थी कि टाइपराइटरों की कमी पड़ गई। परीक्षार्थियों को खुद टाइपराइटर का इंतजाम करना पड़ा, जिसके लिये उन्हें 500 रुपये तक खर्च करने पड़े। बेरोजगारों के सामने दोहरी मुसीबत है, टाइपराइटर पर टाइपिंग सीखना इसलिये जरूरी है क्योंकि नौकरी के लिये आवेदन करते समय अनिवार्य है। कम्प्यूटर पर भी टाइपिंग सीख लेना इसलिये जरूरी है क्योंकि दफ्तरों में इनसे ही काम हो रहा है। जब अफसर यह मानने लगेंगे कि टाइपराइटर का जमाना लद गया और कम्प्यूटर पर ही परीक्षा ली जायेगी, तब शायद यह स्थिति बदले
- 1670 - हेनरी मोरगन ने पानामा पर कब्ज़ा किया।
- 1778 - जेम्स कुक हवाई द्वीपसमूह की खोज करने वाले पहले यूरोपियन बने। इसका नाम उन्होंने सेंडविच आइलैंड रखा।
- 1896 - एक्सरे मशीन का पहला प्रदर्शन किया गया।
- 1969 -पहली बार ऐरीज़ोना विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्रियों ने पल्सर तारे की पहचान की।
- 1994 -अमेरिका के ऊर्जा विभाग ने सौर पैनल लगाने की घोषणा की जो पहले के सौर पैनलों से दुगुनी क्षमता के थे।
- 2003 - लीबिया संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त।
- 2005 -सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों को पेट्रोल पम्प आवंटित नहीं करने की सिफ़ारिश की। तीन कैरेबियाई देशों त्रिनिदाद-टोबेगो, ग्रेनेडा, सेंट विसेंट व ग्रेंडाइस के प्रधानमंत्रियों ने साथ मिलकर राजनीतिक एकीकरण का प्रस्ताव रखा।
- 2006 - संयुक्त राज्य अमेरिका में इच्छा मृत्यु पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगायी।
- 1841 - महाराष्ट्र के विद्वान महादेव गोविन्द रानाडे का जन्म हुआ।
- 1942 - मुक्केबाज़ मुहम्मद अली का जन्म हुआ।
- 1947 - प्रसिद्ध भारतीय गायक और अभिनेता कुंदन लाल सहगल का निधन जालंधर में हुआ।
- 1955 -भारत के प्रसिद्ध कहानीकार, लेखक और पत्रकार सआदत हसन मंटो का निधन हुआ।
- 2003 -हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक हरिवंश राय बच्चन का निधन
- 1933 -भौतिकशास्त्री, अभियन्ता और कोलाहल न्यूनन प्रणाली के आविष्कारक रे डॉल्बी का जन्म हुआ। वे कार में बजने वाले कैसेट से लेकर सिनेमाघरों की सराउन्ड साउन्ड की नई पद्धतियों को सामने लाने के लिए जाने जाते हैं।
- 1861-जर्मन रसायनज्ञ हेन्ज़ गोल्डश्मिट का जन्म हुआ, जिन्होंने थर्माइट का आविष्कार किया। यह प्रणाली अब रेल की पटरियों तथा ट्रॉम रेल की वेल्डिंग के लिए विश्वप्रसिद्ध है। पहला वेल्ड किया हुआ ट्रैक ऐसेन में रखा गया। यह तरीका गोल्डश्मिट की न्यूनन प्रक्रिया से विकसित हुआ जिसकी उन्होंने कार्बन मुक्त धातु का निर्माण करते समय जांच की। (निधन-25 मई 1923)
- 1971- अमेरिकी महिला सिविल इंजीनियर, वास्तुकार नोरा स्टेन्टन ब्लैश बार्ने का निधन हुआ। 1905 में वह अमेरिका की पहली महिला सिविल इंजीनियर बनीं। (जन्म-30 सितम्बर 1883)
- 1908 - डच नेत्र-रोग विशेषज्ञ हर्मन स्नेलेन का निधन हुआ, जिनका स्नेलेन चार्ट, जो काली रेखाओं से बना था, आंखों की तीक्ष्णता ज्ञात करने के काम आता है। (जन्म 19 फरवरी 1834)।