स्थायी स्तंभ
राजभवन घेराव-एक
कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के राजभवन घेराव-प्रदर्शन ने प्रेक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। प्रदर्शन के लिए समय कम था। क्योंकि एक दिन पहले ही पीसीसी वर्धा से लौटी थी। मगर भीड़ के मामले में यह प्रदर्शन कांग्रेस के अब तक के सभी प्रदर्शनों से बेहतर और व्यवस्थित नजर आया। वह भी तब जब सीएम और समूचा मंत्रिमंडल गैर हाजिर था।
मोहन मरकाम की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में उनके दोनों महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला और रवि घोष का प्रबंधन था। पहले भी किसान आंदोलन-प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन राजधानी की सडक़ों में ट्रैक्टरों के साथ किसान-कार्यकर्ताओं की भीड़ पहली बार दिखी। मरकाम खुद राजीव भवन से ट्रैक्टर चलाते हुए राजभवन के लिए निकले।
वे काफी तनाव और गुस्से में थे। वजह यह थी कि टै्रक्टर के सामने भीड़ जमा हो जा रही थी, और एक्सीडेंट का खतरा भी था। मगर पीछे से किसी चतुर नेता ने उन्हें समझाइश दी कि वे टीवी कैमरों की तरफ फोकस करें, और भीड़ को अनदेखा कर एक्सीलेटर दबा दें। फिर क्या था, मरकाम ने टीवी कैमरों की तरफ देखते हुए हाथ हिलाते गाड़ी तेजी से आगे बढ़ा दी। भीड़ खुद-ब-खुद सामने से हट गई। इसके बाद मरकाम का काफिला बिना किसी बाधा के राजभवन के समीप पहुंच गया।
गाड़ी में उतरते समय पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा का पैर फिसल गया, और उन्हें काफी खरोंच आई। मगर वे चोट की परवाह किए बिना प्रदर्शन में शामिल हुए। राजभवन घेराव-कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक विधायक और पदाधिकारियों ने शिरकत की।
राजभवन घेराव-दो
राजभवन घेराव-प्रदर्शन में रायपुर के छोटे-बड़े नेताओं ने अपनी उपस्थिति दिखाई। रायपुर की प्रभारी प्रतिमा चंद्राकर काफी नाराज रहीं। चर्चा है कि शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे खुद तो राजभवन के अंदर चले गए, लेकिन प्रतिमा का नाम नहीं लिखवाया था। प्रतिमा बाहर ही रह गई थी, बाद में मरकाम को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने प्रतिमा और कुछ प्रमुख नेता, जो बाहर रह गए थे उन्हें अंदर बुलवाया। प्रतिमा ने गिरीश को देखते ही जमकर फटकार भी लगाई। एजाज ढेबर और प्रमोद दुबे भी अपने साथियों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए, लेकिन नए नवेले ब्लॉक अध्यक्षों ने घेराव-प्रदर्शन को बेहतर बनाने में अपना भरपूर योगदान दिया। उन्हें अपनी योग्यता साबित करनी थी, और उन्हें मौका भी मिल गया।
मंत्री क्यों नहीं पहुंचे बेरिकेड्स तोडऩे
केन्द्र के कृषि कानून, डीजल-पेट्रोल दाम और दूसरी चीजों की महंगाई के विरोध में राजभवन का घेराव हुआ। दूरदराज से पहुंचे कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हो गये। वे तो इस उम्मीद से आये कि घेराव के कार्यक्रम में सीएम और सारे मंत्री भी शामिल होने वाले हैं लेकिन ऐन मौके पर वे पहुंचे ही नहीं। उनके सामने वे अपनी निष्ठा, भक्ति, भीड़ दिखा पाते। राजीव भवन के कार्यक्रम में तो खूब माहौल बना। राजभवन के पहले पुलिस से झूमा-झटकी कर पुलिस घेरा भी तोड़ डाला। कार्यकर्ता जब इतने जोश में थे तो उन्हें साथ देने के लिये मंत्रियों को आना तो चाहिये था?
प्रदर्शन में शामिल कुछ दूसरे समझदार कार्यकर्ताओं ने उन्हें समझाया। देखो, सत्ता से बाहर रहने के दौरान प्रदर्शन, आंदोलन करना आसान होता। सरकार में रहते हुए ला एंड आर्डर बनाये रखने की जिम्मेदारी भी मंत्रिमंडल की है। क्या मंत्रियों की मौजूदगी में हम लोग इतना शोर-शराबा कर पाते। उन पर लॉ एंड आर्डर हाथ में लेने का आरोप लगता। पुलिस किस पर लाठी चलाती, उन पर जिनकी सुरक्षा में वह तैनात है? विपक्ष को सरकार को घेरने का एक मौका और मिल जाता।
केबीसी में छत्तीसगढ़ की धमक
अमिताभ बच्चन के टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की सबसे हटकर लोकप्रियता है। मनोरंजन के साथ-साथ इसमें सामान्य ज्ञान की परख होती है। साधारण सी पृष्ठभूमि के लोग भी अपनी तैयारी की बदौलत यहां पहुंच जाते हैं। इस बार इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की प्रतिभाओं को उभरने का खूब मौका मिल रहा है। अक्टूबर माह में पद्मश्री फूलबासन देवी को कर्मवीर एपिसोड में बुलाया गया था जिसमें उनकी सहयोगी अभिनेत्री रेणुका शहाणे थीं। फूलबासन ने अपने जवाब से अमिताभ को काफी प्रभावित किया। रेणुका ने फूलबासन की टीम से जुडऩे की इच्छा जताई। फूलबासन 50 लाख जीतकर आईं। इसके बाद अगले माह नवंबर के आखिरी हफ्ते में जगदलपुर की एक हाईस्कूल की व्याख्याता अनूपा दास को मौका मिला। उन्होंने तो एक करोड़ रुपये जीत लिये। जगदलपुर में उनका जबरदस्त स्वागत हुआ, जगह-जगह पोस्टर भी लगे। फिर दिसम्बर महीने में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक तदर्थ भृत्य मंतोष कश्यप को मौका मिला। उसने भी तीन लाख 20 हजार रुपये जीत लिये। अब जनवरी माह में भी इस सिलसिले को आगे बढ़ाया है बिलासपुर की ही अफसीन नाज़ ने। उन्होंने 50 लाख रुपये के जवाब पर हॉट सीट छोड़ा, 25 लाख रुपये जीतकर आईं। सिलसिला जारी रहे...।
एक क्यों, दो माह का राशन ले जाओ..
इस बार कंट्रोल का चावल उठाने वालों को सरकार की तरफ से एक ऑफर दिया गया है। न तो त्यौहार है न लॉकडाउन का संकट लेकिन उपभोक्ता चाहें तो जनवरी के साथ-साथ फरवरी का भी चावल उठा लें। शासन के सर्कुलर में इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि आखिर यह मेहरबानी क्यों की जा रही है। ज्यादा जोर लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ी, जब खबरों को जोडक़र देखा गया। धान खरीदी में बारदानों का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कई जगह किसान ब्लैक में इंतजाम कर रहे हैं। मार्कफेड और फूड वालों पर बड़ा दबाव है कि वे समितियों को बोरियां उपलब्ध करायें। राशन दुकान संचालकों से गिन-गिनकर बोरियां वापस मांगी जा रही है। संचालकों ने पहले तो बोरियां संभाली नहीं थीं लेकिन हिसाब पूरा करने के लिये वे भी बाजार से खरीदकर लौटा रहे हैं। खाद्य विभाग की मेहरबानी इसी से जुड़ी हुई है। यदि उपभोक्ता एक साथ दो माह का राशन ले जायें तो दुकानों में दुगनी बोरियां खाली हो जायेंगी। ये बोरियां समितियों में भेज दी जायेंगी। धान खरीदी 31 जनवरी तक होनी है। अभी बड़ी संख्या में बोरियों का इंतजाम करना है। हालत यह है कि राशन लेने आ रहे लोगों से दुकानदार गुजारिश कर रहे हैं, भाई, दो माह का राशन उठा लो।
- 1547 - इवान चतुर्थ इवान द टैरिबल रूस का जार बना।
- 1556 - फि़लिप द्वितीय स्पेन के सम्राट बने।
- 1581 - ब्रिटिश संसद ने रोमन कैथोलिक मत को ग़ैर क़ानूनी घोषित किया।
- 1761- पांडेचेरी पर से अंग्रेज़ों ने फ्रांसीसियों का अधिकार हटा दिया।
- 1920 - लीग ऑफ़ नेशंस ने पेरिस में अपनी पहली काउंसिल मीटिंग की।
- 1969 - सोवियत अंतरिक्ष यानों सोयुज 4 और सोयुज 5 के बीच पहली बार अंतरिक्ष में सदस्यों का आदान-प्रदान हुआ।
- 1978- नासा ने 35 लोगों के नाम अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने के लिए दिए जिनमें पहली महिला अंतरिक्ष यात्री सैली के. राइड तथा अमेरिका के पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री ग्युअन एस. ब्लफर्ड जूनियर भी शामिल थे।
- 1991 - पहला खाड़ी युद्ध (अमेरिका की इराक के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू)।
- 1992 - भारत एवं ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि।
- 1996 - हब्बल अंतरिक्ष दूरबीन के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 100 से अधिक नई आकाशगंगा को खोज निकालने का दावा किया।
- 2003 - भारतीय मूल की कल्पना चावला दूसरी अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना।
- 2006 - समाजवादी नेता माइकल बैशलेट चिली की प्रथम महिला राष्ट्रपति चुनी गयीं।
- 2008 - सेतुसमुद्रम परियोजना पर योजना का मसौदा पेश करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया।
- 1926 - संगीतकार ओ. पी. नैय्यर का जन्म हुआ।
- 1901 - भारत के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी, समाज सुधारक, विद्वान और न्यायविद महादेव गोविंद रानाडे का निधन हुआ।
- 1938 -बांग्ला भाषा के अमर कथाशिल्पी और सुप्रसिद्ध उपन्यासकार शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का निधन हुआ।
- 1932 -अमेरिकी जन्त ुविज्ञानी ड्यान फॉज़ी का जन्म हुआ, जिन्होंने रवान्डा (मध्य अफ्रीका) के पहाड़ी तथा जंगली गोरिल्लों पर बरसों तक अध्ययन किया। उन्होंने रवान्डा में कैरिसोके अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया तथा वर्ष 1967-1980 तक उसका मार्गदर्शन किया। (निधन- 26 दिसम्बर 1985)
- 1767- स्वीडिश रसायनशास्त्री ऐन्डर्स गुस्ताव एकेबर्ग का जन्म हुआ, जिन्होंने 1802 में नए तत्व टैन्टेलम की खोज की। उन्होंने उप्पसला विश्वविद्यालय से स्नातक करने के उपरान्त वहीं पर शिक्षण कार्य किया जहां उन्होंने ऐंटनी-लॉरेंट लेवॉइजि़ए के रसायनशास्त्र से विद्यार्थियों को परिचित कराया। उन्होंने अपने विद्यार्थी जॉन्स जैकब बजऱ्ीलियस की प्रतिभा को निखारने में बहुत योगदान दिया जो कि रसायन विज्ञान को दिया हुआ यह उनका अप्रतिम योगदान है। (निधन-11 फरवरी 1813)
- 1967-अमेरिकी भौतिकशास्त्री और वेन डी ग्राफ जनरेटर के आविष्कारक रॉबर्ट जेमिसन वेन डी ग्राफ का निधन हुआ। वेन डी ग्राफ एक प्रकार का उच्च वोल्टेज इलेक्ट्रोस्टैटिक जेनरेटर होता है जो नाभिकीय अनुसंधान में कण त्वरक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। (जन्म 20 दिसम्बर 1901)
- 1874- जर्मन कोशिका वैज्ञानिक, मैक्स (जोहान सिगिमन्ड) शल्ट्ज़ का निधन हुआ, जो खासकर सूक्ष्मदर्शी ऐनॉटॉमी में अपने अनुसंधान के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने कोशिका की अवधारणा में सुधार किया। शल्ट्ज़ ने प्रोटोज़ोआ के बारे में बताया। (जन्म 25 मार्च 1825)
पंडे होते तो ऐसी नौबत आती क्या?
भाजपा शासनकाल में शराब दुकानों की नीलामी बंद कर सरकारी शराब दुकानें खोल दी गई। आबकारी विभाग को जो कमाई ठेकेदारों के रास्ते से मिला करती थी अब उन्हें खुद खोजना पड़ रहा है। इसीलिये धीरे-धीरे सभी अंग्रेजी शराब दुकानों के सामने चखना दुकानें पहले की तरह खुल गई हैं। पर इनमें तो छोटा हिसाब-किताब होता है। कोचिये भी इन्हें संभालने पड़ रहे हैं। थोड़े अधिक दाम पर कई ठेलों और झोपडिय़ों में यह उपलब्ध हो जाता है। अवैध शराब को खरीदो और निकलो, वरना पुलिस को भी हिस्सा देना पड़ेगा।
एक समस्या और आ गई है। शराब बिक्री की रकम आबकारी अफसरों के पास रोजाना जमा हो जाना है। दुकानों में एडहॉक पर लाये गये सुपरवाइजर और सैल्समैन के हाथों में लाखों रुपयों का हिसाब होता है, जबकि इनकी तनख्वाह मामूली होती है। इसीलिये अब तक अनेक मामले आ चुके हैं, जिनमें वे बड़ी रकम लेकर फरार हो जाते हैं। रायपुर के राजेन्द्र नगर इलाके की शराब दुकान का सुपरवाइजर भी लापता है। उसके पास करीब 20 लाख रुपये हैं। सुपरवाइजर नहीं मिला तो अधिकारी ने वहां के दो सैल्समैन की ही धुनाई कर दी। इन अस्थायी कर्मचारियों ने हिम्मत जुटाकर अफसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। अपनी नौकरी को ही दांव पर लगा दिया। मामला बिगड़ते देख अफसर ने दोनों को समझाया और शिकायत वापस कराई। पर, गायब सुपरवाइजर कहां है, इसकी खबर अब भी नहीं है। आबकारी और सीएसएमसीएल वालों को शराब बिक्री के लिये ढेर सारे इंतजाम करके दिये गये हैं पर पंडे नहीं दिये गये। अफसरों को खुद ही निपटना पड़ रहा है। अब इनकी व्यवस्था भी हो जाये तो शराब बिक्री की रकम डूबने से बच सकती है।
बर्ड फ्लू, एके नम्बर सब्बो बर...
पड़ोसी राज्यों में बर्ड फ्लू के मामले आने के बावजूद छत्तीसगढ़ की अब तक निगेटिव रिपोर्ट आने के चलते लोग राहत की सांस ले रहे थे लेकिन बालोद में अब इसकी पुष्टि हो गई है। यहां करीब 200 मुर्गियां एक साथ मरी पाई गईं, जिनमें से 10 का सैम्पल जांच के लिये भेजा गया, पांच में एच-5, एन-8 का संक्रमण मिला। गिधाली गांव जहां के एक पोल्ट्री फॉर्म में मुर्गियों की मौत हुई अब वहां के एक किलोमीटर के दायरे के सभी मुर्गियों को मारने का आदेश दिया गया है साथ ही जिले में पोल्ट्री पोडक्ट के आयात, निर्यात पर भी रोक लग गई है। सोशल मीडिया और टीवी अख़बारों का कमाल है कि देश के अनेक से बर्ड फ्लू की चिंताजनक ख़बरें बीते कई दिनों से आ रही थी। दिक्कत है ज्यादातर जागरूक लोगों के पास पशु चिकित्सा या वन विभाग के अधिकारियों के फोन नंबर नहीं हैं। इनसे ज्यादा पाला पड़ता नहीं है, पर डायल 112 की गाडिय़ां जरूर घूमती दिखती हैं। इन वाहनों में लिखा भी होता है, एके नंबर, सब्बो बर। मतलब सभी काम के लिये उपलब्ध। अब लोगों ने पक्षियों की संदिग्ध मौतों को देखकर इसी 112 नंबर पर डायल करना शुरू कर दिया है। अब ये पेट्रोलिंग वाहन वन और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के नंबर जुटा रहे हैं और खबर पहुंचाने की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।
- 1934- भारत के पूर्वी राज्य बिहार और पड़ोसी देश नेपाल की सीमा के पास 15 जनवरी 1934 को आए भयानक भूकंप में 11 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.3 नापी गई थी। भारत के मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप दोपहर में कऱीब दो बजे आया था। वहीं नेपाल के तीन प्रमुख शहरों, काठमांडू, भटगांव और पाटन में भी कई इमारतें ढह गई और सडक़ों में दरारें पैदा हो गईं।
- 1973-अमरीकी राष्ट्रपति निक्सन ने उत्तरी वियतनाम पर की जा रही बमबारी रोकने के आदेश दे दिए थे। पेरिस में उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम के साथ अमरीका के प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद ये फ़ैसला किया गया। इसके बाद उत्तरी वियतनाम पर हमले तो रोक दिए गए, लेकिन दक्षिणी वियतनाम, लाओस और कम्बोडिया पर हमले जारी रहे। अगले ढाई महीने में राष्ट्रपति निक्सन ने शांति समझौते का ऐलान कर दिया और अमरीकी सेना वियतनाम से लौट गई। वियतनाम में लड़ाई वर्ष 1955 में शुरू हुई थी और अमरीका की सेना का पूरा दख़ल वर्ष 1965 से हुआ। इस लड़ाई में 45 हजार से भी ज़्यादा अमरीकी सैनिक, दक्षिणी वियतनाम के कऱीब पौने दो लाख सैनिक और उत्तरी वियतनाम के नौ लाख से ज़्यादा सैनिक मारे गए। आखिरकार अप्रैल 1975 के दिन उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम एक हो गया।
- 1998 - ढाका में त्रिदेशीय भारत, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान का शिखर सम्मेलन प्रारम्भ।
- 1999 - एनी फ्रैंक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम विश्व नेता संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव कोफी अन्नान बने, पाकिस्तान में सभी नागरिक प्रशासनिक कार्य सेना को हस्तांतरित।
- 2006 - ब्रिटिश हाईकोर्ट ने क्वात्रोच्चि के दो बैंक खातों पर से प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया।
- 2008 - सरकारी क्षेत्र की कंपनी गैस अथोरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (गेल) के बोर्ड ने महाराष्ट्र के दाभोल से बंगलुरु तक गैस पाइप लाइन बिछाने के प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना का शिलान्यास किया। खगोलविदों ने धरती से 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर की आकाश गंगा के जीवन के लिये जरूरी तत्व खोजने का दावा किया।
- 2009 - दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध फि़ल्म निर्माता तपन सिन्हा का निधन। फि़ल्म स्लमडॉग मिलेनियर को बाफ्टा पुरस्कार की श्रेणियों में स्थान मिला।
- 2010 - तीन घंटे से भी अधिक की अवधि वाला शताब्दी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगा। भारत में यह 11 बजकर 06 मिनट पर शुरू होकर 3 बजकर पांच मिनट पर खत्म हुआ। दोपहर 1.15 पर सूर्य ग्रहण अपने चरम पर था। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण था। इसके कारण ऊपरी वातावरण पर तथा पृथ्वी के वातावरण पर पडऩे वाले प्रभावों के अध्ययन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छह रॉकेटों का प्रक्षेपण किया।
- 1998 - भारत के भूतपूर्व कार्यकारी प्रधानमंत्री गुलज़ारीलाल नन्दा का निधन हुआ।
- महत्वपूर्ण दिवस- थल सेना दिवस।
ज्योतिषी निकल लिए...
राज्यपाल आम लोगों से मेल मुलाकात से परहेज नहीं करती हैं। धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग अक्सर उनसे मिलने जाते हैं। ऐसे ही एक ज्योतिषी का पिछले दिनों राजभवन जाना हुआ। वहां उन्होंने अफसरों से भी मुलाकात की। अफसर भी फुर्सत में थे। उन्होंने जिज्ञासावश अपना भविष्यफल पूछ लिया। एक महिला अफसर को ज्योतिषी ने बताया कि उनका जल्द प्रमोशन होने वाला है। वे आईएएस बन जाएंगी। चूंकि महिला अफसर 2003 बैच की थीं। लिहाजा, उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
एक अन्य अफसर को लेकर भी ज्योतिषी ने काफी अच्छी बातें कही। ज्योतिषी ने अफसर से कहा कि उनका भी जल्द प्रमोशन होगा। विभाग में उन्हें काफी महत्व मिलेगा। अफसर ने हाथ जोडक़र कहा-महाराजजी, चार महीने बाद मेरा रिटायरमेंट है। पदोन्नति अब नहीं होगी। जहां तक विभाग में महत्व का सवाल है, यदि ऐसा होता, तो राजभवन के बजाए विभाग में ही रहता। ज्योतिषी को समझ में आ गया कि उनकी भविष्यवाणी गलत साबित हो रही है, तो उन्होंने किसी तरह बात बनाकर वहां से निकल लिए।
बीजेपी में परफॉर्मेंस का दबाव
भाजपा में जिन नेताओं ने जोड़-तोडक़र पद हासिल कर लिए हैं, उन पर अब बेहतर परफार्मेंस के लिए दबाव है। भाजपा की नई प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने साफ-साफ कह दिया है कि पद में हैं, तो उन्हें परफार्मेंस दिखाना होगा। उन्होंने सरकार के खिलाफ धान-बोनस को लेकर विधानसभा सीट स्तरीय प्रदर्शन को लेकर टारगेट दिया था, और प्रदर्शन के बाद रिकॉर्डिंग कर उन्हें भेजना था। हालांकि ज्यादातर जिलों में अपेक्षाकृत भीड़ नहीं जुट पाई। 22 तारीख को फिर जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन हैं, जिसमें प्रदेश प्रभारी खुद भी शामिल होंगी।
पदाधिकारियों की दिक्कत यह है कि धरना-प्रदर्शन के लिए भीड़ जुटाने से लेकर सारी व्यवस्था खुद करनी है। सत्ता में थे, तो सारी व्यवस्थाओं में पर्दे के पीछे सरकारी तंत्र जुट जाता था, और सारा काम आसानी से हो जाता था। अब विपक्ष में हैं, तो स्वाभाविक है कि सारा इंतजाम खुद करना है। जिन्हें पद नहीं मिला, और जो नाराज हैं उनका सहयोग नहीं मिल रहा है। ऐसे में बेहतर परफार्मेंस चुनौती बन गई है। अब 22 तारीख को धरना-प्रदर्शन है, जिसकी समीक्षा प्रदेश प्रभारी करेंगी। देखना है आगे-आगे होता है क्या।
आपकी अर्जी फरियाद, हमारी कागज का टुकड़ा?
कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद जिला मुख्यालयों में जनदर्शन का जो सिलसिला बंद हुआ वह अब तक दुबारा शुरू नहीं हो पाया है। इसका मतलब यह नहीं कि समस्यायें घट गई हैं। आये दिन लोग दूर-दराज के गांवों से राशन, पेंशन, आवास, पानी, फसल आदि की समस्याएं लेकर पहुंचते हैं। लगभग हर जिले में किसी अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर को इन आम लोगों की शिकायतों को लेने और आश्वस्त कर लौटाने की जिम्मेदारी दे दी गई है। लोग भले ही इस उम्मीद से पहुंचें कि सीधे कलेक्टर बात सुनें। इन्हें लगता है कि कलेक्टर ही जिले का मालिक है और यदि उन्होंने भरोसा दिला दिया तो सब ठीक हो जायेगा। पर सबको ऐसा मौका नहीं मिलता। लोग एक ही समस्या को लेकर बार-बार अपनी दिनभर की रोजी का नुकसान कर और यात्रा खर्च ढोकर पहुंचते हैं।
पर इन दिनों जिला दफ्तरों में एक खास मौका देखने मिला। अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सीईओ, एसडीएम, तहसीलदार और जिले के बड़े-बड़े अधिकारी ज्ञापन लेकर कलेक्टर के सामने एक साथ खड़े हैं। इस समय कोविड गाइडलाइन के चलते जनदर्शन बंद है। बहरहाल, छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ के बैनर पर इन्होंने कलेक्टर्स को ज्ञापन सौंपा है। इस उम्मीद के साथ कि वे इसे मुख्य सचिव तक आवश्यक कार्रवाई के लिये भिजवायें। वे बैकुंठपुर में हुई रिटायर्ड अपर कलेक्टर एडमंड लकड़ा की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं, जिन्हें एक कीमती जमीन के गलत आबंटन के आरोप में पुलिस ने जेल भेज दिया।
अधिकारी बता रहे हैं कि किसी मजिस्ट्रेट पर या राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पर पुलिस ऐसी कार्रवाई नहीं कर सकती। उन्हें संरक्षण मिला हुआ है। काश, इनमें से कोई हर्षमंदर या ब्रह्मदेव जैसा कलेक्टर हो जो इतने अधिकारियों को अपनी तकलीफ पर एक साथ तैनात देखकर बोले- आओ, काफिला लेकर सब गांव की ओर निकल चलें।
भाजपा नेताओं पर एट्रोसिटी एक्ट
आरटीओ उन दफ्तरों में से है, जहां सरकार चाहे किसी की हो, रौनक बनी रहती है। बल्कि सभाओं में भीड़ जुटाने में इसकी बड़ी जरूरत पड़ती है। सत्ता पक्ष का ख्याल तो रखा ही जाता है, ज्यादा समय तक टिके रहने के लिये विपक्ष के नेताओं का भी ख्याल समय-समय पर कर लिया जाता है। यही वजह है कि कई जिलों में ऐसे बहुत से अधिकारी हैं जो पिछली सरकार में भी ठीक-ठाक वजन रखते थे और अब भी उनका रुतबा है। यह एक सामान्य धारणा ही है। हर जगह ऐसा ही होता हो जरूरी नहीं। बहुत अधिकारी भ्रष्ट विभागों की जिम्मेदारी संभालने के बावजूद बेदाग माने जाते हैं।
पर जगदलपुर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दूसरी वजह से चर्चा में है। भाजपा ने बीते दिनों लोकल ट्रांसपोर्टरों से हो रही कथित अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की। पर उन्हें संभवत: दिक्कत छह-सात पहले लगाये गये शिलालेख से छेड़छाड़ को लेकर थी। इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों और भाजपा नेताओं के नाम थे। प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने अति उत्साह में आरटीओ की नाम पट्टिका पर स्याही पोत दी। शायद उन्हें अंदाजा नहीं था कि ऐसा करना उनके लिये नई परेशानी खड़ी कर देगा।
अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करा दी है। आंदोलन का तरीका कुछ हटकर हो तो चर्चा दूर तक हो ही जाती है। नाम पट्टिका पर स्याही पोतने से तो भाजपा कार्यकर्ता चर्चा में आ ही गये पर इस विरोध से निपटने के लिये आरटीओ ने जो तेवर दिखाया उसकी भी कम चर्चा नहीं है। अब अवैध वसूली, शिलालेख की शिकायत को किनारे रख दीजिये। कौतूहल इस बात को लेकर ज्यादा है कि पुलिस इस एफआईआर पर एक्शन क्या लेती है।
किसान आंदोलन में ट्रैक्टर का क्रेज
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में ट्रैक्टर का बड़ा आकर्षण है। ज्यादातर आंदोलनकारी ट्रैक्टर से ही पंजाब, हरियाणा और आसपास के दूसरे राज्यों से पहुंचे हैं। वे ट्रॉली पर बैठकर ही नारेबाजी और जोशपूर्ण गीत गा रहे हैं। खाना, पीना, सोना सब ट्रैक्टरों पर हो रहा है। खास बात यह है कि ट्रैक्टर किसानी का उपकरण होने के कारण इसे किसी इलाके में आने-जाने के लिये दूसरे मालवाहकों की तरह अलग परमिट लेने की जरूरत नहीं पड़ती। इसीलिये एक राज्य से दूसरे राज्य किसान इसे आसानी से लेकर जा रहे हैं।
बीती 7 जनवरी को हजारों ट्रैक्टरों की परेड दिल्ली में निकली थी जो 26 जनवरी को आंदोलनकारियों द्वारा किये जाने वाले प्रदर्शन का रिहर्सल थी। लोग नजर जमाये बैठे हैं कि जब रिहर्सल में इतनी लम्बी कतारें थीं तो 26 जनवरी का माहौल कैसा रहेगा? इधर छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में भी ट्रैक्टर रैलियां किसानों के समर्थन में निकली। ट्रैक्टर ने ऐसा असर डाला है कि अब सभी दल डीजल के दाम क्या हैं, भूलकर अपने आंदोलनों में इस्तेमाल करना चाह रहे हैं। अम्बिकापुर में किसानों के समर्थन में कांग्रेसियों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। कल भाजपा ने भी जगह-जगह प्रदर्शन किया था, पर राज्य सरकार के खिलाफ। जगदलपुर सहित कई जगह ट्रैक्टरों पर भाजपा नेता, कार्यकर्ता निकले। मगर, फिलहाल भाजपा को ट्रैक्टरों से परहेज करना चाहिये। कहीं लोग यह न समझ लें कि वे दिल्ली बार्डर पर बैठे किसानों का साथ देने निकल पड़े हैं।
- 1514 - पोप लियो एक्स ने दासता के विरुद्ध आदेश पारित किया।
- 1758 - ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में लड़ाई में जीती हुई संपत्ति अपने पास रखने का अधिकार इंग्लैंड नरेश ने दिया।
- 1760 - फ्रांसीसी जनरल लेली ने पांडिचेरी अंग्रेज़ों के हवाले कर दिया।
- 1761 - पानीपत की तीसरी लड़ाई मराठों और अहमदशाह अब्दाली के बीच हुई। भारत में मराठा शासकों और अहमदशाह दुर्रानी के बीच पानीपत का तीसरा युद्ध हुआ।
- 1878-ऐलेक्ज़ेन्डर ग्राहम बेल के पहले टेलीफोन का प्रदर्शन रानी विक्टोरिया के समक्ष उनके ऑस्बॉर्न हाउस एस्टेट में किया गया। बेल ने 1876 में टेलिफोन को पेटेन्ट किया। रानी उनके टेलीफोन से बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने ऑस्बॉर्न हाउस तथा बकिंघम पैलेस के बीच में निजी लाइन बिछाने का आदेश दिया।
- 1994 - यूक्रेन, रूस तथा संयुक्त राज्य अमरीका द्वारा मास्को में परमाणु अस्त्र कम करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर।
- 1999 - भारत का पहला अत्याधुनिक हवाई यातायात परिसर, दिल्ली राष्ट्र को समर्पित किया गया।
- 1551 - मुग़ल काल में अकबर के नवरत्नों में से एक अबुल फज़़ल का जन्म हुआ।
- 1926 - भारत की सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका महाश्वेता देवी का जन्म हुआ।
- 1905 -हिन्दी और मराठी फि़ल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री दुर्गा खोटे का जन्म हुआ।
- 1943- अमेरिकी जैव रसायनज्ञ तथा अंतरिक्षयात्री शैन्नॉन ल्यूसिड का जन्म हुआ, जो 1996 में रूसी अंतरिक्ष स्टेशन मीर में रिकार्ड तोड़ 188 दिनों तक रहीं। पहली यात्रा उन्होंने 1985 में डिस्कवरी में की, फिर अक्टूबर 1989 तथा अगस्त 1991 में अटलांटिस में की और फिर 1993 में। इस तरह वह चार अलग-अलग बार अंतरिक्ष में जाने वाली पहली महिला बन गईं और सबसे अधिक समय (838 घंटे 54 मिनट) तक अंतरिक्ष में रहने वाली महिला का कीर्तिमान उनके नाम है।
- 1890-अमेरिकी आविषज्ञ तथा जैव रसायनज्ञ रोला एन. हार्गर का जन्म हुआ, जिन्होंने मानव रक्त में अल्कोहल की मात्रा ज्ञात करने का पहला उपकरण बनाया जिसे ड्रन्कोमीटर(1931) कहते हैं। (निधन- 8 अगस्त 1983)
- 1742 - अंग्रेज़ गणितज्ञ तथा खगोल शास्त्री ऐडमन्ड हेली का निधन हुआ, जिन्हें मुख्य रूप से एक चमकदार, कई बार दिख चुके धुमकेतु को पहचानने (जिसे बाद में उनके नाम पर हेली पुच्छलतारा कहा गया) तथा उसके कक्षा की गणना और उसकी वापसी का सही अनुमान लगाने के कारण जाना जाता है। (जन्म-8 नवम्बर 1656)
- 1949 -अमेरिकी मनोचिकित्सक हैरी स्टैक सुलिवन का निधन हुआ, जिन्होंने पारस्परिक सम्बन्धों पर आधारित मनोचिकित्सा का एक सिद्धान्त प्रस्तुत किया। उनका विश्वास था कि चिंता या अन्य मनोरोगात्मक लक्षण, व्यक्ति और उसके सामाजिक परिवेश के बीच संघर्षों की उपज होते हैं। उनका यह भी मानना था कि व्यक्तित्व का विकास भी अन्य लोगों के साथ सम्पर्कों की श्रृंखला के कारण होता है। (जन्म- 21 1892) * महत्वपूर्ण दिवस- मकर संक्रांति
बर्ड फ्लू और प्रवासी पक्षी
कोरोना के चलते घबराहट ऐसी है कि लोगों में बर्ड फ्लू (एवियन एंफ्लुएंजा) को लेकर दहशत फैलने लगी है। मगर यह उसके मुकाबले कहीं है नहीं। अपने देश में बीते 15 सालों से इसका प्रकोप देखा जा रहा है। अब तक किसी की मौत नहीं हुई । हां, जब यह फ्लू मनुष्यों में फैला तो गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और बुखार जैसी दिक्कतें जरूर आ चुकी हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि चिकन को 100 डिग्री तापमान और अंडे को 70 डिग्री पर पकाने के बाद सेवन करने पर कोई खतरा नहीं है। यह अलग बात है कि ऐहतियातन मांसाहार के बहुत से शौकीनों ने चिकन खाना बंद कर दिया है। मध्यप्रदेश सहित कुछ दूसरे राज्यों के कई शहरों में तो बिक्री पर ही रोक लगा दी गई है। बर्ड फ्लू के 16 स्ट्रैन होते हैं, जिनमें से सिर्फ एच5 एन1 ही मनुष्यों पर हमला कर सकता है। बाकी 15 स्ट्रैन का असर केवल पक्षियों पर होता है।
लेकिन चिंता की बात एक दूसरी है। केन्द्रीय पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी का बयान है कि यह मौसम देश में प्रवासी पक्षियों के आने का है। इनके कारण सन् 2006 के बाद से ही बर्ड फ्लू का खतरा बनता आ रहा है। ठंड के जाने के बाद इसका प्रकोप भी खत्म हो जाता है। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। नया रायपुर के सेंध जलाशय में बर्ड वाचिंग का कार्यक्रम भी रखा जाता है। महासमुंद, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली और बिलासपुर में अनेक तालाब और जलाशय हैं जहां साइबेरिया, चीन, तिब्बत और मध्य एशिया से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। अभी अम्बिकापुर, रतनपुर, बिलासपुर, बालोद और पंडरी (रायपुर) में कबूतर, कौवों और पोल्ट्री फार्म की मुर्गियों की मौतों की घटनायें मिली हैं। बाकी किसी घटना में बर्ड फ्लू की पुष्टि अभी नहीं हुई है। सुकून की बात यही है कि झारखंड, मध्यप्रदेश जैसे पड़ोसी राज्य में बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आने के बावजूद छत्तीसगढ़ अब तक इससे बचा हुआ है। अभी तक प्रवासी पक्षी भी सुरक्षित कलरव कर रहे हैं। राज्य में बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीमें ठीक काम करें तो मेहमान पक्षी भी हिफाजत से रह सकेंगे।
स्वास्थ्य कर्मी भी टीका न लगवायें तो?
जब से कोरोना वैक्सीनेशन का देशव्यापी अभियान शुरू किया गया है, सोशल मीडिया के जरिये कई लोगों ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टीका लगवायें और बाकी मंत्री भी लगवायें। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अब कह दिया है कि पहले केन्द्रीय मंत्रियों को टीका लगवाना चाहिये ताकि लोगों को टीके पर भरोसा हो सके। हालांकि प्रधानमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों की ओर से कोई बयान नहीं आ रहे हैं। हां, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का टीके के लिये न कहना और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पहले डोज के बाद भी कोरोना संक्रमित हो जाने की खबर सामने आ चुकी है। अब छत्तीसगढ़ में जिन स्वास्थ्य कर्मियों या फ्रंट लाइन वर्करों का टीका लगवाने के लिये पंजीयन किया गया है उनमें से भी कई लोगों ने इसके प्रति अनिच्छा जाहिर की है। राज्य में बाद में 50 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को टीका लगाया जाना है। पर पहले चरण के लिये 2.67 लाख स्वास्थ्य कर्मियों, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को टीका लगाने के लिये चुना गया है। आज वैक्सीन पहुंच रही है, 16 को 1300 से ज्यादा बूथों में टीका लगने का अभियान चलेगा। डॉक्टरों का कहना है कि हर एक वैक्सीन का रियेक्शन तो होता है पर यह भविष्य में बीमारी को रोकने में मदद करता है। देखना होगा राज्य में यह लक्ष्य हासिल हो पायेगा यह नहीं। राहत यही है कि जो स्वास्थ्य कर्मी टीका लगवाने से मना करेंगे उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने जा रही है।
- 1610- गैलिलियो गैलिली ने ज्युपिटर का चौथा चन्द्रमा खोजा जिसे कैलिस्टो के नाम से जाना जाता है। हाल में पता चला है कि कैलिस्टो, बुध ग्रह से भी बड़ा है तथा वहां के धरातल पर काफी मात्रा में बर्फ और द्रव जल मौजूद है।
- 1607 - स्पेन में राष्ट्रीय दिवालिएपन की घोषणा के बाद बैंक ऑफ जेनेवा का पतन हुआ।
- 1709- मुग़ल शासक बहादुर शाह प्रथम ने सत्ता संघर्ष में अपने तीसरे भाई कमबख्श को हैदराबाद में पराजित किया।
- 1818- उदयपुर के राणा ने मेवाड़ के संरक्षण के लिए अंग्रेज़ों के साथ संधि की।
- 1849 - द्वितीय आंग्ल सिख युद्ध के दौरान चिलियांवाला की प्रसिद्ध लड़ाई शुरू हुई।
- 1889- असम के युवाओं ने अपनी साहित्यिक पत्रिका जोनाकी का प्रकाशन शुरू किया।
- 1910 - न्यूयॉर्क शहर में दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण प्रारम्भ हुआ।
- 1948- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए आमरण अनशन शुरू किया।
- 1976-मुद्रित सामग्री को पढऩे वाली पहली मशीन का उसके आविष्कारक रेमन्ड कजऱ्वेल द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शन किया गया।
- 1999 - नूर सुल्तान नजरवायेव पुन: कजाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए।
- 2009 - जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़ अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष बनाए गए।
- 1870 अमेरिकी जीवविज्ञानी रॉस ग्रैन्विले हैरिसन का जन्म हुआ, जिन्होंने सर्वप्रथम सफल जीव-ऊतक संवर्धन (टिश्यू कल्चर) विकसित किया। वे अंग प्रत्यारोपण तकनीक के अग्रणी रहे। प्राथमिक प्रयोग में उन्होंने अलग रंगों के मेढकों के भ्रूण के भागों को आपस में जोड़ा और इस तरीके से उत्पन्न भ्रूण के विकास के समय कोशिकाओं की गति का अवलोकन किया। (निधन-30 सितम्बर 1959)
- 1858 -जर्मन शरीर क्रिया वैज्ञानिक तथा रोगविज्ञानी ऑस्कर मिनकोस्की का जन्म हुआ, जिन्होंने प्रस्तावित किया कि मधुमेह (डायबिटीज़) अग्न्याशय (पैंक्रियाज़) के किसी तत्व (बाद में हार्मोन इंस्युलिन पाया गया) के अवरोध का नतीजा है। शरीर में वसा का उपापचय कैसे होता है, यह ज्ञात करने के बाद 1889 में ऑस्कर मिनकोस्की तथा जोसफ वॉन मेरिंग ने मधुमेह में अग्न्याशय की भूमिका से परदा उठाया। (निधन-18 जुलाई 1931)
- 1900-नॉर्वे के रसायनज्ञ पीटर वॉग का निधन हुआ, जिन्होंने अपने जीजाजी केटो गुल्डबर्ग के साथ 1864 में द्रव्यमान अनुपाती अभिक्रिया (मास ऐक्शन) का सिद्धांत प्रकाशित किया। सिद्धांत के अनुसार किसी रासायनिक परिवर्तन की दर उसके अभिकारकों के सांद्रण पर निर्भर करती है। (जन्म-29 जून 1833)
- 1875-आयरलैण्ड के सर्जन रॉबर्ट ऐडम्स का निधन हुआ, जो हृदय, श्वसन, नस, तथा जोड़ों की बीमारियों की जानकारी में योगदान के कारण जाने जाते हैं, खासकर वात-रोग जिससे वे खुद भी पीडि़त थे। उन्होंने एक ऐसी स्थिति के बारे में बताया जिसमें हृदय की धडक़नें मंद हो जाती हैं, क्षणिक चक्कर आते हैं और मांसपेशियां जल्दी-जल्दी संकुचित होती हैं। जिसे अब ऐडम स्टोक्स रोग या सिन्ड्रोम के नाम से जाना जाता है।(जन्म-1791)।
पुत्रमोह में पार्टी पीछे
भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने 10 जनवरी तक मोर्चा-प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी की घोषणा करने की हिदायत दी थी, लेकिन अभी तक भाजयुमो, महिला मोर्चा और किसान मोर्चा की कार्यकारिणी घोषित नहीं हो पाई है। भाजयुमो की कार्यकारिणी तो बड़े नेताओं की वजह से अटकी पड़ी है। कई बड़े नेताओं ने अपने बेटों को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।
सुनते हैं कि प्रदेश के एक बड़े पदाधिकारी ने तो अपने बेटे को कार्यकारिणी में जगह दिलाने के लिए पूर्व सीएम के जरिए दबाव बनाया है। वे बेटे के लिए कोषाध्यक्ष का पद चाह रहे हैं। कुछ नेताओं के बेटे तो वाकई लायक हैं, और वे सक्रिय भी हैं। मगर उन्हें कार्यकारिणी में जगह मिल पाएगी अथवा नहीं, यह तय नहीं है। चर्चा है कि पार्टी के रणनीतिकारों ने हाईकमान से मार्गदर्शन मांगा है। यही वजह है कि कार्यकारिणी की घोषणा में विलंब हो रहा है।
सीखकर आयें और लोगों को भी समझायें
इन दिनों प्रदेश कांग्रेस के अनेक नेता सेवाग्राम, वर्धा पहुंचे हुए हैं। वे वहां कुछ दिन रहकर गांधीजी के धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण को समझेंगे। जयंती और पुण्यतिथि पर गांधी जब याद किये जाते हैं तो लगता है कि बस एक रस्म निभाई जा रही है। पर अनुशासित सेवाग्राम में तीन-चार दिन संयम के साथ बिताना भी अपने-आपमें एक तपस्या होगी।
जब कोई नेता विपक्ष में हो तो थोड़ी सादगी के साथ रहना पड़ता है, संघर्ष के दिन होते हैं आंदोलन वगैरह करना पड़ता है। मान सकते हैं कि गांधीजी की प्रेरणा से ऐसा किया जा रहा है। पर, जब सत्ता हाथ में हो तब गांधीजी को आचरण में उतारने की कोशिश तो बेहद कठिन है। कांग्रेस नेता यदि ऐसा कर रहे हैं तो उनकी तारीफ होनी चाहिये। बस इतना करें कि जितना हो सकें खुद गांधी को समझें और लौटकर आयें तो यहां रायपुर, बिलासपुर में जो कांग्रेस पार्षद, ब्लॉक नेता आये दिन मारपीट, धमकी देने की हरकत कर रहे हैं, उनको रोकने की कोशिश करें।
कोरोना टीका पहले, पोलियो का देखेंगे
केन्द्र सरकार का सारा जोर इस समय कोरोना वैक्सीनेशन पर है। राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के पालन में हर राज्य साथ दे रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने वृहद पैमाने पर एक साथ वैक्सीनेशन पर जोर देने को लेकर आपत्ति जताई थी पर प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक में साफ कर दिया कि वह अभियान उनके यहां भी दूसरे राज्यों की तरह चलेगा। छत्तीसगढ़ में भी स्वास्थ्य मंत्री एक साथ बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन के पक्ष में नहीं है। ये सभी मानते हैं कि तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे आने तक रुका जाये ताकि साइड इफेक्ट को लेकर निश्चिन्त हुआ जा सके।
इधर, केन्द्र सरकार ने एक नया आदेश जारी कर इस माह की 17 से 19 तारीख के बीच होने वाले पोलियो टीकाकरण को रोकने कहा है। जाहिर है, छत्तीसगढ़ में भी इस निर्देश का पालन किया जा रहा है। हालांकि पोलियो टीककरण की तैयारी माहभर से चल रही थी। स्वास्थ्य अधिकारियों का यह भी कहना है कि पोलियो टीकाकरण की उनकी तैयारी पूरी थी। कोरोना वैक्सीनेशन की टीम अलग है। पोलियो टीकाकरण की नई तारीख अभी तय नहीं की गई है। कोरोना काल में वैसे भी नसबंदी, मोतियाबिंद ऑपरेशन, एड्स, कुष्ठ और टीबी के रोगियों की ठीक देखभाल नहीं हो सकी। जैसे अनेक राष्ट्रीय कार्यक्रमों में लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। सरकारी अस्पतालों में ऑपरेशन पर रोक भी लग गई थी। अब पोलियो टीकाकरण पर भी इसका असर हुआ है।
काश कोरोना हो जाये!
कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव बताकर छुट्टियों का आनंद उठाने की कई ख़बरें सामने आ चुकी हैं। बीते सितम्बर माह में नोएडा की एक महिला ने अपने पति, जो एक बड़ा अधिकारी है को गर्लफ्रेंड के साथ मुरादाबाद के एक फ्लैट में रंगे हाथ पकड़ लिया था जो कई दिनों से खुद को कोरोना संक्रमित होना बताकर घर नहीं आ रहा था। इधर, अब छत्तीसगढ़ में पैरोल और जमानत पर छूटे कैदियों के अच्छे दिन खत्म होने वाले हैं। हाईकोर्ट ने जेल में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिये कुछ श्रेणियों के कैदियों को मई माह से जमानत और पैरोल पर छोड़ा। बाद में कोरोना नहीं थमने के कारण उन्हें कई चरणों में 31 दिसम्बर तक राहत दी। सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद उन्हें 15 जनवरी 2021 तक आत्मसमर्पण करने की मोहलत मिल गई, पर इसके बाद विस्तार नहीं हो सका है। हाईकोर्ट ने इन सबको वापस जेल भेजने कहा है। ऐसे कैदियों की संख्या प्रदेशभर में करीब 7700 है। यह भी कहा गया है कि एंटिजन टेस्ट नहीं कराया जाये, कई बार इसकी रिपोर्ट सही नहीं होती। इन सभी का आरटीपीसीआर टेस्ट होगा। कुछ कैदी इस स्थिति में प्रार्थना कर रहे हैं कि काश उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाये ताकि थोड़े दिन और खुली हवा में रह सकें।
- 1924- गोपीनाथ साहा ने कोलकाता के पुलिस आयुक्त चाल्र्स ऑगस्टस टेगार्ट समझकर ग़लती से एक आदमी की हत्या कर दी। इसके बाद उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।
- 1950- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 12 जनवरी 1950 में संयुक्त प्रांत का नाम बदल कर ‘उत्तर प्रदेश’ रखा गया।
- 1991- अमरीकी संसद ने इराक़ के खिलाफ सैनिक कार्रवाई करने की मंज़ूरी दे दी थी। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने तत्कालीन इराक़ी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को 15 जनवरी तक कुवैत से अपनी सेना हटाने को कहा था और ऐसा ना करने पर इराक़ को सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी।
- 2001 - भारत का इंडोनेशिया-रूस-चीन संधि से इंकार, नैफ नदी पर बांध निर्माण योजना के कारण बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर तनाव के बाद सेनाएं तैनात।
- 2002 - पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ़ ने राष्ट्र के नाम ऐतिहासिक संदेश प्रसारित किया, पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन लश्कर व जैश पर प्रतिबंध लागू करने की घोषणा की जबकि वांछित पाक अपराधियों को भारत को सौंपने से इन्कार किया।
- 2003 -भारतीय मूल की महिला लिंडा बाबूलाल त्रिनिदाद की संसद अध्यक्ष बनीं।
- 2006 - भारत और चीन ने हाइड्रोकार्बन पर एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।
- 2009- प्रसिद्ध संगीतकार ए. आर. रहमान प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवार्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. जयन्त कुमार ने दुनिया का सबसे पुराना उल्का पिंड क्रेटर खोजा।
- 2010- भारत सरकार द्वारा नागर विमानन क्षेत्र पर आतंकी हमलों की आशंका के बीच विमान अपहरण रोधी क़ानून 1982 में मौत की सज़ा की धारा जोड़ी गई।
- 1863 -भारतीय दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ।
- 1917 - भारतीय अध्यात्मवादी महर्षि महेश योगी का जन्म हुआ।
- 1918 - हिन्दी फि़ल्म संगीतकार, गायक और निर्माता-निर्देशक सी. रामचन्द्र का जन्म हुआ।
- 1665 -फ्रांस के गणितज्ञ पियरडी फऱमा का निधन हुआ। वे 1601 में पैदा हुए थे। फरमा डेकार्ट के समकालिक और उनसे तथा उनकी रचनाओं से पूरी तरह परिचित थे। उन्होंने गणित से संबंधित कई नियम बनाए जो उन्हीं के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने इस विषय में कई प्रसिद्ध पुस्तकें भी लिखीं हैं। सन 1679 में पियरडी फरमा का निधन हुआ।
- 1876 -अमरीकी लेखक जेक लंदन का जन्म हुआ। उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष उत्तरी धु्रव और दक्षिण के तूफ़ानी समुद्र में बिताए और विभिन्न जातियों और लोगों से परिचित हुए। उन्होंने अपनी पुस्तकों में जिन दृश्यों का चित्रण किया है उनमें से लगभग सभी को उन्होंने स्वयं निकट से देखा था। इस अमरीकी लेखक ने अपनी 40 वर्ष की आयु में 18 वर्ष लेखन में बिताए। उन्होंने 51 लम्बी और 125 छोटी कहानियां लिखीं।
- महत्वपूर्ण दिवस- राष्ट्रीय युवा दिवस, भारत।